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International fraud racket: अमेरिका में बुजुर्ग से ठगी, एफबीआई की मदद से कोलकाता में पकड़े गए आरोपी

अमेरिका में एक बुजुर्ग से ठगी के मामले में खुफिया एजेंसी एफबीआई की मदद से तीन आरोपियों को पश्चिम बंगाल पुलिस ने कोलकाता और अन्य जगहों से पकड़ा.

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Published : Feb 5, 2023, 9:17 AM IST

कोलकाता: अमेरिका में एक बुजुर्ग से ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया. इस मामले में एफबीआई की मदद से तीन आरोपियों को पश्चिम बंगाल की पुलिस ने कोलकाता और अन्य इलाकों से गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार एफबीआई (FBI) ने लालबाजार से संपर्क किया. इसके बाद कोलकाता पुलिस ने क्रॉस-कंट्री फ्रॉड के सिलसिले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया.
कोलकाता पुलिस के डीसी साइबर क्राइम अतुल वी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों के नाम सैजान अली हैदर, मोहम्मद आतिफ, सबतीन अली हैदर हैं. गिरफ्तार लोगों के पास से कई इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किए गए हैं. मसलन, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन, सिम कार्ड सहित कई पासपोर्ट भी बरामद किए गए. मामले में मोहम्मद आतिफ और सैजान अली हैदर को इस घटना में शामिल होने के संदेह में पहले गिरफ्तार किया गया था. लेकिन, इस धोखाधड़ी मामले का मुख्य आरोपी सबतीन अली हैदर कहीं नहीं मिला.

पुलिस ने बताया कि अभियुक्तों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कई मोबाइल फोनों के स्थान को ट्रैक करके, एफबीआई जासूसों को पता चला कि आरोपी भारत के कोलकाता में छिपे हैं. एफबीआई ने तब अमेरिकी दूतावास की मदद से कोलकाता पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने सैजान अली हैदर, मोहम्मद आतिफ को कोलकाता और आसपास के इलाकों से गिरफ्तार किया. लेकिन, तीसरा और मुख्य आरोपी सबतिन अली हैदर लापता था. उसके बाद कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल के आदेश पर साइबर क्राइम विभाग ने जांच का जिम्मा संभाला. लालबाजार के जासूसों ने जांच के दौरान सीधे एफबीआई अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की. उन्होंने मामले से जुड़ी तमाम जानकारियां साझा की.

कई फोन नंबरों को ट्रैक करने के बाद जांच अधिकारियों को पता चला कि सबतिन कोलकाता और आसपास के इलाकों में छिपा हुआ है. हालांकि, लोकेशन मिलते ही पुलिस ने उन होटलों और रेस्टोरेंट्स में छापेमारी की. लेकिन, जांच एजेंसी को सबतीन कहीं नहीं मिला. उसके बाद पता चला कि आरोपी समय-समय पर उत्तर भारत में अलग-अलग जगहों पर छिप कर रहता है.

कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम विभाग के जासूसों ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया. दिल्ली में कई जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया. लेकिन, पुलिस के आने की सूचना मिलने के बाद आरोपी ने ठिकाना बदलना शुरू कर दिया. लालबाजार सूत्रों के मुताबिक, सबतीन का फोन 3 दिन से बंद था. लेकिन चौथे दिन जासूसों को उसकी लोकेशन का पता तब चला जब उसने फोन ऑन किया. पता चला है कि आरोपी राजस्थान के अजमेर इलाके में छिपा हुआ है. इसके बाद लालबाजार की साइबर सेल ने राजस्थान पुलिस से संपर्क किया और राजस्थान पुलिस के साथ मिलकर अजमेर में कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया.

ये भी पढ़ें-Techie Arrested in Sexual assault case: बेंगलुरु में नौकरी का झांसा देकर यौन शोषण करने वाला इंजीनियर गिरफ्तार

कोलकाता पुलिस के जांच अधिकारी करीब 10 दिनों तक अजमेर में डटे रहे. आखिरकार लालबाजार ने मुख्य आरोपी सबतीन अली हैदर को जनवरी के अंत में अजमेर के एक रेस्टोरेंट से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार व्यक्ति को अजमेर से ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया गया. इन सभी को अदालत में पेश किया गया, और न्यायाधीश ने सभी को 18 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

कोलकाता: अमेरिका में एक बुजुर्ग से ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया. इस मामले में एफबीआई की मदद से तीन आरोपियों को पश्चिम बंगाल की पुलिस ने कोलकाता और अन्य इलाकों से गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार एफबीआई (FBI) ने लालबाजार से संपर्क किया. इसके बाद कोलकाता पुलिस ने क्रॉस-कंट्री फ्रॉड के सिलसिले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया.
कोलकाता पुलिस के डीसी साइबर क्राइम अतुल वी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों के नाम सैजान अली हैदर, मोहम्मद आतिफ, सबतीन अली हैदर हैं. गिरफ्तार लोगों के पास से कई इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किए गए हैं. मसलन, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन, सिम कार्ड सहित कई पासपोर्ट भी बरामद किए गए. मामले में मोहम्मद आतिफ और सैजान अली हैदर को इस घटना में शामिल होने के संदेह में पहले गिरफ्तार किया गया था. लेकिन, इस धोखाधड़ी मामले का मुख्य आरोपी सबतीन अली हैदर कहीं नहीं मिला.

पुलिस ने बताया कि अभियुक्तों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कई मोबाइल फोनों के स्थान को ट्रैक करके, एफबीआई जासूसों को पता चला कि आरोपी भारत के कोलकाता में छिपे हैं. एफबीआई ने तब अमेरिकी दूतावास की मदद से कोलकाता पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने सैजान अली हैदर, मोहम्मद आतिफ को कोलकाता और आसपास के इलाकों से गिरफ्तार किया. लेकिन, तीसरा और मुख्य आरोपी सबतिन अली हैदर लापता था. उसके बाद कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल के आदेश पर साइबर क्राइम विभाग ने जांच का जिम्मा संभाला. लालबाजार के जासूसों ने जांच के दौरान सीधे एफबीआई अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की. उन्होंने मामले से जुड़ी तमाम जानकारियां साझा की.

कई फोन नंबरों को ट्रैक करने के बाद जांच अधिकारियों को पता चला कि सबतिन कोलकाता और आसपास के इलाकों में छिपा हुआ है. हालांकि, लोकेशन मिलते ही पुलिस ने उन होटलों और रेस्टोरेंट्स में छापेमारी की. लेकिन, जांच एजेंसी को सबतीन कहीं नहीं मिला. उसके बाद पता चला कि आरोपी समय-समय पर उत्तर भारत में अलग-अलग जगहों पर छिप कर रहता है.

कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम विभाग के जासूसों ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया. दिल्ली में कई जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया. लेकिन, पुलिस के आने की सूचना मिलने के बाद आरोपी ने ठिकाना बदलना शुरू कर दिया. लालबाजार सूत्रों के मुताबिक, सबतीन का फोन 3 दिन से बंद था. लेकिन चौथे दिन जासूसों को उसकी लोकेशन का पता तब चला जब उसने फोन ऑन किया. पता चला है कि आरोपी राजस्थान के अजमेर इलाके में छिपा हुआ है. इसके बाद लालबाजार की साइबर सेल ने राजस्थान पुलिस से संपर्क किया और राजस्थान पुलिस के साथ मिलकर अजमेर में कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया.

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कोलकाता पुलिस के जांच अधिकारी करीब 10 दिनों तक अजमेर में डटे रहे. आखिरकार लालबाजार ने मुख्य आरोपी सबतीन अली हैदर को जनवरी के अंत में अजमेर के एक रेस्टोरेंट से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार व्यक्ति को अजमेर से ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया गया. इन सभी को अदालत में पेश किया गया, और न्यायाधीश ने सभी को 18 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

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