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उत्तराखंड त्रासदी: जानिए क्यों टूटते हैं ग्लेशियर, कैसे आती है तबाही

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ-बदरीनाथ मार्ग पर विष्णुप्रयाग/ ऋषि गंगा में ग्लेशियर टूटने से तबाही हुई है. प्रमुख सचिव ओम प्रकाश के अनुसार हादसे में 100 से 150 लोगों के लापता होने की आशंका जताई है.

Glacier burst in Ranini village of Uttarakhand
ग्लेशियर टूटने से मची तबाही
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Published : Feb 7, 2021, 9:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में करीब 8 साल बाद एक बार फिर कुदरत का कहर टूटा है. ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है. चमोली के रेणी गांव के पास ग्लेशियर टूटने से 150 से ज्यादा लोगों के बहने की सूचना सामने आ रही है. चमोली जिले जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई. पानी तेज गति से आगे बढ़ रहा है. आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने की आशंका है, लिहाजा आसपास के इलाकों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. आईटीबीपी, NDRF और SDRG की कई टीमें मौके पर पहुंची हैं. श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट है.

Glacier burst in Ranini village of Uttarakhand
उत्तराखंड त्रासदी

क्या होते हैं ग्लेशियर

दरअसल, ग्लेशियर पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर सालों तक भारी मात्रा में एक ही जगह बर्फ जमने से बनता है. ग्लेशियर दो तरह के होते हैं अल्पाइन और आइस शीट्स. पहाड़ों के ग्लेशियर को अल्पाइन श्रेणी में रखा जाता है.

Glacier burst in Ranini village of Uttarakhand
उत्तराखंड त्रासदी

पढ़ें- वैज्ञानिकों ने 2019 में ही चेताया था, हिमालय के हिमखंड दोगुनी तेजी से पिघल रहे

क्यों टूटता है ग्लेशियर

ग्लेशियर टूटने के कई कारण होते हैं, लेकिन सबसे प्रमुख कारण गुरुत्वाकर्षण बल होता है. वहीं, ग्लेशियर के टूटने का दूसरा बड़ा कारण ग्लेशियर के किनारे पर टेंशन और ग्लोबल वॉर्मिंग है. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ग्लेशियर का बर्फ तेजी से पिघलने लगता है और उसका एक हिस्सा टूट कर अलग हो जाता है. ग्लेशियर का जब कोई बड़ा टुकड़ा टूटता है तो उसे काल्विंग कहते हैं.

Glacier burst in Ranini village of Uttarakhand
उत्तराखंड त्रासदी

ग्लेशियर फटने के बाद उसके भीतर ड्रेनेज ब्लॉक में मौजूद पानी अपना रास्ता ढूंढ लेता है और जब यह ग्लेशियर के बीच से बहता है तो बर्फ के पिघलने का रेट भी बढ़ जाता है. इससे उसका रास्ता बड़ा हो जाता है और पानी का एक सैलाब आता है. इससे नदियों में अचानक बहुत तेजी से जलस्तर बढ़ने लगता है. नदियों के बहाव में भी तेजी आती है, जिससे उसके आसपास के इलाके में तबाही आ जाती है.

Glacier burst in Ranini village of Uttarakhand
उत्तराखंड त्रासदी

चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद देवप्रयाग और सभी नदी किनारे बसे गांव के लोगों को नदी के तट को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की चेतावनी जारी की गई है. केंद्र और राज्य सरकार की टीमें पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है और राहत-बचाव कार्य बड़े पैमाने पर जारी हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में करीब 8 साल बाद एक बार फिर कुदरत का कहर टूटा है. ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है. चमोली के रेणी गांव के पास ग्लेशियर टूटने से 150 से ज्यादा लोगों के बहने की सूचना सामने आ रही है. चमोली जिले जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई. पानी तेज गति से आगे बढ़ रहा है. आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने की आशंका है, लिहाजा आसपास के इलाकों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. आईटीबीपी, NDRF और SDRG की कई टीमें मौके पर पहुंची हैं. श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट है.

Glacier burst in Ranini village of Uttarakhand
उत्तराखंड त्रासदी

क्या होते हैं ग्लेशियर

दरअसल, ग्लेशियर पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर सालों तक भारी मात्रा में एक ही जगह बर्फ जमने से बनता है. ग्लेशियर दो तरह के होते हैं अल्पाइन और आइस शीट्स. पहाड़ों के ग्लेशियर को अल्पाइन श्रेणी में रखा जाता है.

Glacier burst in Ranini village of Uttarakhand
उत्तराखंड त्रासदी

पढ़ें- वैज्ञानिकों ने 2019 में ही चेताया था, हिमालय के हिमखंड दोगुनी तेजी से पिघल रहे

क्यों टूटता है ग्लेशियर

ग्लेशियर टूटने के कई कारण होते हैं, लेकिन सबसे प्रमुख कारण गुरुत्वाकर्षण बल होता है. वहीं, ग्लेशियर के टूटने का दूसरा बड़ा कारण ग्लेशियर के किनारे पर टेंशन और ग्लोबल वॉर्मिंग है. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ग्लेशियर का बर्फ तेजी से पिघलने लगता है और उसका एक हिस्सा टूट कर अलग हो जाता है. ग्लेशियर का जब कोई बड़ा टुकड़ा टूटता है तो उसे काल्विंग कहते हैं.

Glacier burst in Ranini village of Uttarakhand
उत्तराखंड त्रासदी

ग्लेशियर फटने के बाद उसके भीतर ड्रेनेज ब्लॉक में मौजूद पानी अपना रास्ता ढूंढ लेता है और जब यह ग्लेशियर के बीच से बहता है तो बर्फ के पिघलने का रेट भी बढ़ जाता है. इससे उसका रास्ता बड़ा हो जाता है और पानी का एक सैलाब आता है. इससे नदियों में अचानक बहुत तेजी से जलस्तर बढ़ने लगता है. नदियों के बहाव में भी तेजी आती है, जिससे उसके आसपास के इलाके में तबाही आ जाती है.

Glacier burst in Ranini village of Uttarakhand
उत्तराखंड त्रासदी

चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद देवप्रयाग और सभी नदी किनारे बसे गांव के लोगों को नदी के तट को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की चेतावनी जारी की गई है. केंद्र और राज्य सरकार की टीमें पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है और राहत-बचाव कार्य बड़े पैमाने पर जारी हैं.

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