ETV Bharat / bharat

Manipur violence: जानिए क्या है मणिपुर हिंसा की मुख्य वजह - मणिपुर में असम राइफल्स तैनात

मणिपुर में शांति बहाली के लिए केंद्रीय बलों की कई टुकड़ियों को तैनात किया गया है. दरअसल, मणिपुर में दो समुदायों में आरक्षण की मांग को लेकर हिंसा भड़क गई थी. नागा और कुकी जनजातीय आबादी को मैतेई का नाम एसटी सूची में जोड़े जाने पर नाराजगी है. आपको बता दें कि नागा और कुकी पहाड़ी आबादी है, जबकि मैतेई वैली में रहते हैं. जानिए क्या है मणिपुर हिंसा विवाद?

Manipur violence
मणिपुर हिंसा
author img

By

Published : May 29, 2023, 8:52 AM IST

नई दिल्ली: हमेशा शांत राज्यों में गिना जाने वाले वाला पूर्वोत्तर का मणिपुर राज्य अचानक उस वक्त सुर्खियों में आ गया जब वहां पहाड़ी आबादी और घाटी की आबादी के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. हालात ऐसे बन गये कि राज्य में शांति व्यवस्था स्थापित करने के लिए केंद्रीय बलों की टुकड़ियों को तैनात किया गया. मणिपुर की स्थिति पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शाह खुद नजर बनाए हुए हैं. बीते दिनों सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने राज्य का दौरा किया. आखिर क्या है पूरा विवाद, आइए समझते हैं...

मणिपुर की भौगोलिक स्थिति बहुत ही अलग है. मणिपुर एक पहाड़ी राज्य है, जो चारों ओर पहाड़ी इलाकों से घिरा है. बीच में है घाटी. इस घाटी की आबादी बहुत अधिक है. मणिपुर में घाटी में रहने वाली आबादी का बड़ा हिस्सा मैतेई या मेती समुदाय का है. प्रतिशत के हिसाब से बात करें तो पूरे राज्य में इनकी भागीदारी 60 फीसदी से भी अधिक है. मणिपुर विधानसभा की 60 सीटों में से 40 सीटें यहीं से आती हैं. यहां घाटी में ज्यादातर आबादी हिंदुओं की है. इसके बाद बड़ा समुदाय मुस्लिमों का है. पहाड़ों पर मुख्य रूप से जनजातीय आबादी (एसटी) निवास करती है. बताया जाता है कि घाटी की जमीन ऊपजाऊ है. हालांकि, पूरे प्रदेश का भौगोलिक क्षेत्र का यह मात्र 10 फीसदी है.

इसलिए भड़की हिंसा: 19 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया, जिसमें हाईकोर्ट ने मणिपुर सरकार को आदेश दिया है कि वह 4 हफ्ते के अंदर केंद्र सरकार को एक अनुशंसा भेजे, जिसमें मैतेई समुदाय को एसटी सूची में शामिल करने का आग्रह हो. मणिपुर हाई कोर्ट के आदेश के बाद कोर्ट ने जनजातीय मामलों के मंत्रालय के उस पत्र का भी जिक्र किया, जिसमें मंत्रालय ने विशेष अनुशंसा की मांग की थी. इसमें सामाजिक और आर्थिक सर्वे के साथ-साथ एथनोग्राफिक रिपोर्ट को भी शामिल करने का आदेश था. चिट्ठी साल 2013 में लिखी गई थी. इससे भी पहले 2012 में एसटी डिमांड कमेटी ने मैतेई को एसटी में शामिल करने का अनुरोध किया था.

विरोध की मुख्य वजह: मणिपुर में पहाड़ों पर रहने वाली आबादी का कहना है कि मैतेई समुदाय का पहले से ही राजनीतिक वर्चस्व है. मैतेई समुयाद की आबादी भी ज्यादा है, ऐसे में नौकरियों में भी उनका खासा प्रभाव है. अगर एक बार उनको एसटी सूची में डाल दिया गया, तो गैर मैतेई आबादी पर खासा प्रभाव पड़ेगा. उनका आरक्षण प्रभावित होगा. मैतई समुदाय के लोग पहाड़ी इलाकों में भी जमीनों पर कब्जा करने लगेंगे. मैतेई लोगों की भाषा पहले से ही आठवीं अनुसूची में दर्ज है. उनमें से कइयों को एससी, ओबीसी और ईडब्लूएस की अलग-अलग कैटेगरी में आरक्षण मिलता रहा है.

ये भी पढ़ें-

Manipur Violence: 'कैंपस के आसपास बम-गोलियां चल रही थी'.. मणिपुर हिंसा में फंसे स्टूडेंट्स लौटे पटना

Manipur Violence: मणिपुर से पटना एयरपोर्ट पहुंचे बिहार के 142 छात्र, बोले- 'CM नीतीश और तेजस्वी का शुक्रिया'

मणिपुर में फंसे यूपी-बिहार के छात्रों का दर्द, कहा- चारों तरफ हो रही बमबारी, खाने के भी लाले, सुनिए ऑडियो

Manipur Violence: मणिपुर में सेना ने गांव की घेराबंदी कर बरामद किए हथियार, सेना प्रमुख का दौरा आज

अब तक 40 से ज्यादा आंतकवादी ढेर: रक्षा अधिकारी की मानें तो मणिपुर के हालात काबू में हैं. प्रदेश में स्थिति पर नजर रखने के लिए सेना और असम राइफल्स के 6 हजार से अधिक जवानों को तैनात कराया गया है. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा अब तक 40 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में 'शांति' बहाल करना मुख्य उद्देश्य है. इससे पहले दिन में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सिंह से मुलाकात की थी. मणिपुर में मौजूदा स्थिति और शांति बहाल करने के लिए सेना द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा की. बीते दिनों सेना ने इंफाल से करीब 40 किलोमीटर दूर न्यू किठेलमंबी गांव में छापेमारी कर भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं.

नई दिल्ली: हमेशा शांत राज्यों में गिना जाने वाले वाला पूर्वोत्तर का मणिपुर राज्य अचानक उस वक्त सुर्खियों में आ गया जब वहां पहाड़ी आबादी और घाटी की आबादी के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. हालात ऐसे बन गये कि राज्य में शांति व्यवस्था स्थापित करने के लिए केंद्रीय बलों की टुकड़ियों को तैनात किया गया. मणिपुर की स्थिति पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शाह खुद नजर बनाए हुए हैं. बीते दिनों सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने राज्य का दौरा किया. आखिर क्या है पूरा विवाद, आइए समझते हैं...

मणिपुर की भौगोलिक स्थिति बहुत ही अलग है. मणिपुर एक पहाड़ी राज्य है, जो चारों ओर पहाड़ी इलाकों से घिरा है. बीच में है घाटी. इस घाटी की आबादी बहुत अधिक है. मणिपुर में घाटी में रहने वाली आबादी का बड़ा हिस्सा मैतेई या मेती समुदाय का है. प्रतिशत के हिसाब से बात करें तो पूरे राज्य में इनकी भागीदारी 60 फीसदी से भी अधिक है. मणिपुर विधानसभा की 60 सीटों में से 40 सीटें यहीं से आती हैं. यहां घाटी में ज्यादातर आबादी हिंदुओं की है. इसके बाद बड़ा समुदाय मुस्लिमों का है. पहाड़ों पर मुख्य रूप से जनजातीय आबादी (एसटी) निवास करती है. बताया जाता है कि घाटी की जमीन ऊपजाऊ है. हालांकि, पूरे प्रदेश का भौगोलिक क्षेत्र का यह मात्र 10 फीसदी है.

इसलिए भड़की हिंसा: 19 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया, जिसमें हाईकोर्ट ने मणिपुर सरकार को आदेश दिया है कि वह 4 हफ्ते के अंदर केंद्र सरकार को एक अनुशंसा भेजे, जिसमें मैतेई समुदाय को एसटी सूची में शामिल करने का आग्रह हो. मणिपुर हाई कोर्ट के आदेश के बाद कोर्ट ने जनजातीय मामलों के मंत्रालय के उस पत्र का भी जिक्र किया, जिसमें मंत्रालय ने विशेष अनुशंसा की मांग की थी. इसमें सामाजिक और आर्थिक सर्वे के साथ-साथ एथनोग्राफिक रिपोर्ट को भी शामिल करने का आदेश था. चिट्ठी साल 2013 में लिखी गई थी. इससे भी पहले 2012 में एसटी डिमांड कमेटी ने मैतेई को एसटी में शामिल करने का अनुरोध किया था.

विरोध की मुख्य वजह: मणिपुर में पहाड़ों पर रहने वाली आबादी का कहना है कि मैतेई समुदाय का पहले से ही राजनीतिक वर्चस्व है. मैतेई समुयाद की आबादी भी ज्यादा है, ऐसे में नौकरियों में भी उनका खासा प्रभाव है. अगर एक बार उनको एसटी सूची में डाल दिया गया, तो गैर मैतेई आबादी पर खासा प्रभाव पड़ेगा. उनका आरक्षण प्रभावित होगा. मैतई समुदाय के लोग पहाड़ी इलाकों में भी जमीनों पर कब्जा करने लगेंगे. मैतेई लोगों की भाषा पहले से ही आठवीं अनुसूची में दर्ज है. उनमें से कइयों को एससी, ओबीसी और ईडब्लूएस की अलग-अलग कैटेगरी में आरक्षण मिलता रहा है.

ये भी पढ़ें-

Manipur Violence: 'कैंपस के आसपास बम-गोलियां चल रही थी'.. मणिपुर हिंसा में फंसे स्टूडेंट्स लौटे पटना

Manipur Violence: मणिपुर से पटना एयरपोर्ट पहुंचे बिहार के 142 छात्र, बोले- 'CM नीतीश और तेजस्वी का शुक्रिया'

मणिपुर में फंसे यूपी-बिहार के छात्रों का दर्द, कहा- चारों तरफ हो रही बमबारी, खाने के भी लाले, सुनिए ऑडियो

Manipur Violence: मणिपुर में सेना ने गांव की घेराबंदी कर बरामद किए हथियार, सेना प्रमुख का दौरा आज

अब तक 40 से ज्यादा आंतकवादी ढेर: रक्षा अधिकारी की मानें तो मणिपुर के हालात काबू में हैं. प्रदेश में स्थिति पर नजर रखने के लिए सेना और असम राइफल्स के 6 हजार से अधिक जवानों को तैनात कराया गया है. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा अब तक 40 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में 'शांति' बहाल करना मुख्य उद्देश्य है. इससे पहले दिन में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सिंह से मुलाकात की थी. मणिपुर में मौजूदा स्थिति और शांति बहाल करने के लिए सेना द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा की. बीते दिनों सेना ने इंफाल से करीब 40 किलोमीटर दूर न्यू किठेलमंबी गांव में छापेमारी कर भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.