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जानिए क्या है हिजामा थेरेपी, जिससे डॉक्टर भी हैं अनजान

सालों पुरानी हिजामा पद्धति जिसे कपिंग थेरेपी भी कहा जाता है. इस पद्धति से लोग अनजान हैं, यहां तक कि डॉक्टर भी इसके बारे में कम जानते हैं. इस पद्धति से माइग्रेन, जॉइंट पेन, कमर दर्द, स्लिप डिस्क, सर्वाइकल डिस्क, पैरों में सूजन, सुन्न होना और झनझनाहट जैसी बीमारी का इलाज मिनटों में किया जाता है.

कपिंग थेरेपी
कपिंग थेरेपी
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Published : Jul 4, 2021, 8:17 PM IST

मुंबई : इलाज में आमतौर पर मरीज को खून चढ़ाया जाता है, लेकिन हिजामा थेरेपी में मरीज के शरीर से खून निकालकर बीमारी दूर की जाती है. सालों पुरानी इस पद्धति को कपिंग थेरेपी भी कहा जाता है. हिजामा से माइग्रेन, जॉइंट पेन, कमर दर्द, स्लिप डिस्क, सर्वाइकल डिस्क, पैरों में सूजन, सुन्न होना और झनझनाहट जैसी बीमारी का इलाज मिनटों में संभव है. इस इलाज में दवा की जरुरत नहीं होती है.

सालों पुरानी इस पद्धति से लोग अनजान हैं, यहां तक कि डॉक्टर भी इसके बारे में कम जानते हैं. हिजामा इलाज का एक प्राचीन उपाय है और इसे पैगंबर मुहम्मद से भी जोड़ कर देखा जाता है.

हिजामा शब्द अरबी शब्द हजाम से बना है, जिसका अर्थ है खींचना या चूसना. इस प्रक्रिया में शरीर के विभिन्न हिस्सों से थोड़ी मात्रा में रक्त निकाला जाता है.

हिजामा थेरेपी

इस के बारे में महाराष्ट्र के मालेगांव से संबंध रखने वाले हिजामा स्पेशलिस्ट डॉक्टर आबिद ने बताया कि इस्लामी चांद की तीन तारीखों 17 तारीख, 19वीं और 21वीं, को हिजामा करवने से कई फायदे होते हैं.

उन्होंने कहा कि पहले जरूरत के हिसाब से कपों को शरीर पर लगाकर बीमारी का इलाज किया जाता है और फिर इन जगहों पर चीरे लगाए जाते हैं और दोबारा से शरीर पर कप रखे जाते हैं, जिसमें धीरे-धीरे खराब खून जमा हो जाता है. इसके बाद शरीर से कप निकाल कर जख्मों को साफ कर दिया जाता है.

पढ़ें - जेल में बिताया हर लम्हा दर्दनाक : डॉ कफील खान

उन्होंने बतायाा कि हिजामा से खून साफ होता है और यह धमनियों पर सकारात्मक प्रभाव डालती है. यह मांसपेशियों की जकड़न से भी छुटकारा दिलाता है और आंखों के रोगों का इलाज करता है.

इसके अलावा यह ब्लड प्रेशर को आराम देता है. डॉ फरोख आबिद ने कहा कि ब्लड प्रेशर, तनाव, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों में दर्द, माइग्रेन, कब्ज, बवासीर, गंजापन, एलर्जी समेत कई बीमारियों का इलाज किया जाता है.

मुंबई : इलाज में आमतौर पर मरीज को खून चढ़ाया जाता है, लेकिन हिजामा थेरेपी में मरीज के शरीर से खून निकालकर बीमारी दूर की जाती है. सालों पुरानी इस पद्धति को कपिंग थेरेपी भी कहा जाता है. हिजामा से माइग्रेन, जॉइंट पेन, कमर दर्द, स्लिप डिस्क, सर्वाइकल डिस्क, पैरों में सूजन, सुन्न होना और झनझनाहट जैसी बीमारी का इलाज मिनटों में संभव है. इस इलाज में दवा की जरुरत नहीं होती है.

सालों पुरानी इस पद्धति से लोग अनजान हैं, यहां तक कि डॉक्टर भी इसके बारे में कम जानते हैं. हिजामा इलाज का एक प्राचीन उपाय है और इसे पैगंबर मुहम्मद से भी जोड़ कर देखा जाता है.

हिजामा शब्द अरबी शब्द हजाम से बना है, जिसका अर्थ है खींचना या चूसना. इस प्रक्रिया में शरीर के विभिन्न हिस्सों से थोड़ी मात्रा में रक्त निकाला जाता है.

हिजामा थेरेपी

इस के बारे में महाराष्ट्र के मालेगांव से संबंध रखने वाले हिजामा स्पेशलिस्ट डॉक्टर आबिद ने बताया कि इस्लामी चांद की तीन तारीखों 17 तारीख, 19वीं और 21वीं, को हिजामा करवने से कई फायदे होते हैं.

उन्होंने कहा कि पहले जरूरत के हिसाब से कपों को शरीर पर लगाकर बीमारी का इलाज किया जाता है और फिर इन जगहों पर चीरे लगाए जाते हैं और दोबारा से शरीर पर कप रखे जाते हैं, जिसमें धीरे-धीरे खराब खून जमा हो जाता है. इसके बाद शरीर से कप निकाल कर जख्मों को साफ कर दिया जाता है.

पढ़ें - जेल में बिताया हर लम्हा दर्दनाक : डॉ कफील खान

उन्होंने बतायाा कि हिजामा से खून साफ होता है और यह धमनियों पर सकारात्मक प्रभाव डालती है. यह मांसपेशियों की जकड़न से भी छुटकारा दिलाता है और आंखों के रोगों का इलाज करता है.

इसके अलावा यह ब्लड प्रेशर को आराम देता है. डॉ फरोख आबिद ने कहा कि ब्लड प्रेशर, तनाव, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों में दर्द, माइग्रेन, कब्ज, बवासीर, गंजापन, एलर्जी समेत कई बीमारियों का इलाज किया जाता है.

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