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दिल्ली की सर्द रातों में रैन बसेरों में क्या-क्या हैं इंतजाम, देखिए ETV भारत के साथ

दिल्ली में ठंड का प्रकोप जारी है. ऐसे में कई ऐसे गरीब और बेसहारा लोग भी हैं, जिनेक लिए ये ठंड के दिन गुजारना बेहद मुश्किल हैं. ऐसे में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) के जरिए 144 शेल्टर होम यानी रेन बसेरों की सुविधा की गई है. ईटीवी भारत के जरिए जानिए रैन बसेरों में क्या-क्या सुविधाएं है.

night shelters
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Published : Jan 2, 2021, 7:21 AM IST

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में इस वक्त जमा देने वाली ठंड पड़ रही है, गिरता तापमान लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. ऐसे में बिना छत के सर्द रातें गुजारना बेहद मुश्किल भरा है, हमारे बीच कई ऐसे लोग हैं, जिनके पास सर छुपाने के लिए छत तक नहीं होती, जो खुले आसमान के नीचे यह सर्द रातें गुजारने के लिए मजबूर होते हैं.

रैन बसेरों के इंतजाम

दिल्ली में करीब 144 शेल्टर होम

इन्हीं लोगों की मदद के लिए दिल्ली सरकार के दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) की तरफ से करीब 144 शेल्टर होम यानी रेन बसेरे चलाए जा रहे हैं. जहां पर बेघर लोगों के रहने की और इन सर्द रातों में रुकने की व्यवस्था की गई है.

25 लोगों के रुकने की व्यवस्था

रेलवे स्टेशन के पास फ्लाईओवर के नीचे बने पोटा केबिन के शेल्टर होम में करीब 40 लोगों के रुकने की व्यवस्था है, लेकिन इस नाइट शेल्टर होम के केयरटेकर संदीप ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते फिलहाल अभी 25 लोगों के रुकने की व्यवस्था की हुई है. उन्होंने बताया कि लोगों के लिए बिस्तर, कंबल, दो टाइम का खाना, नहाने, पीने के पानी आदि चीजों की व्यवस्था इस शेल्टर होम में की गई है. सुबह करीब 12 बजे और रात को 8 बजे खाना दिया जाता है.

दो वक्त के खाने के साथ गर्म पानी पीने की व्यवस्था

पिछले करीब एक महीने से नाइट शेल्टर होम में रह रहे उमेश कुमार ने बताया कि वह बिहार से काम के सिलसिले में दिल्ली आए थे, लेकिन पिछले करीब एक महीने से काम नहीं है, वह दिव्यांग है और पहले एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते नौकरी चली गई. जिसके बाद रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं था. इसीलिए वह इस शेल्टर होम में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी सुविधाएं यहां पर हैं, ठंड से बचाव के लिए कंबल भी दिए जा रहे हैं, साथ ही पीने के लिए गर्म पानी की भी व्यवस्था है. हालांकि नहाने के लिए गर्म पानी की व्यवस्था नहीं है.

'सर्दी से बचाव के लिए मिलते हैं कितने भी कंबल'

इसके अलावा मथुरा से आए राधेश्याम ने बताया कि बाहर बहुत ज्यादा सर्दी पड़ रही है, ऐसे में बचाव के लिए नाइट शेल्टर होम में बहुत सहूलियत मिल रही है. यहां पर सोने के लिए अच्छे से बिस्तर मिल जाता है. वहीं ठंड से बचाव के लिए जितने भी कंबल मांगो कंबल मिल जाते हैं, दो वक्त का खाना सब्जी, रोटी दाल, चावल आदि मिलता है. साथ ही इस नाइट शेल्टर होम में साफ-सफाई की भी अच्छी व्यवस्था है.

पढ़ें :- देशभर में आज होगा कोरोना वैक्सीन का पूर्वाभ्यास, जानें कैसी हैं तैयारियां

सर्दी से बचाव के लिए इंतजाम दुरुस्त

वही पिछले एक साल से दिल्ली में रह रहे रामू ने बताया कि करीब चार महीनों से वह इस नाइट शेल्टर होम में अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. शाम को 5 बजे करीब वह इस शेल्टर होम में आ जाते हैं. दिन में अगर कोई काम मिल जाता है, तो वह काम कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि सर्दियों में ठंड से बचाव के लिए शेल्टर होम में अच्छे इंतजाम है, कंबल बिस्तर की अच्छी व्यवस्था है, दो वक्त का खाना भी मिल जाता है.

दो वक्त के खाने के अच्छे इंतजाम

ईटीवी भारत की टीम जब इससे नाइट शेल्टर होम में पहुंची तो सर्दी से बचाव के लिए सभी इंतजाम दुरुस्त नजर आए लाइट, पानी, खाने, शौचालय, नहाने, सोने और कंबल आदि की व्यवस्था संतोषजनक दिखी. इसके साथ ही किचन में जब हम पहुंचे तो रात के खाने की तैयारी की जा रही थी. किचन में मौजूद बावर्ची ने बताया कि दाल-चावल रात के खाने में बना रहे हैं. कभी 30 लोग खाने के लिए आ जाते हैं या कभी 40 लोग, तो सभी के लिए खाना बनाते हैं.

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में इस वक्त जमा देने वाली ठंड पड़ रही है, गिरता तापमान लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. ऐसे में बिना छत के सर्द रातें गुजारना बेहद मुश्किल भरा है, हमारे बीच कई ऐसे लोग हैं, जिनके पास सर छुपाने के लिए छत तक नहीं होती, जो खुले आसमान के नीचे यह सर्द रातें गुजारने के लिए मजबूर होते हैं.

रैन बसेरों के इंतजाम

दिल्ली में करीब 144 शेल्टर होम

इन्हीं लोगों की मदद के लिए दिल्ली सरकार के दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) की तरफ से करीब 144 शेल्टर होम यानी रेन बसेरे चलाए जा रहे हैं. जहां पर बेघर लोगों के रहने की और इन सर्द रातों में रुकने की व्यवस्था की गई है.

25 लोगों के रुकने की व्यवस्था

रेलवे स्टेशन के पास फ्लाईओवर के नीचे बने पोटा केबिन के शेल्टर होम में करीब 40 लोगों के रुकने की व्यवस्था है, लेकिन इस नाइट शेल्टर होम के केयरटेकर संदीप ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते फिलहाल अभी 25 लोगों के रुकने की व्यवस्था की हुई है. उन्होंने बताया कि लोगों के लिए बिस्तर, कंबल, दो टाइम का खाना, नहाने, पीने के पानी आदि चीजों की व्यवस्था इस शेल्टर होम में की गई है. सुबह करीब 12 बजे और रात को 8 बजे खाना दिया जाता है.

दो वक्त के खाने के साथ गर्म पानी पीने की व्यवस्था

पिछले करीब एक महीने से नाइट शेल्टर होम में रह रहे उमेश कुमार ने बताया कि वह बिहार से काम के सिलसिले में दिल्ली आए थे, लेकिन पिछले करीब एक महीने से काम नहीं है, वह दिव्यांग है और पहले एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते नौकरी चली गई. जिसके बाद रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं था. इसीलिए वह इस शेल्टर होम में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी सुविधाएं यहां पर हैं, ठंड से बचाव के लिए कंबल भी दिए जा रहे हैं, साथ ही पीने के लिए गर्म पानी की भी व्यवस्था है. हालांकि नहाने के लिए गर्म पानी की व्यवस्था नहीं है.

'सर्दी से बचाव के लिए मिलते हैं कितने भी कंबल'

इसके अलावा मथुरा से आए राधेश्याम ने बताया कि बाहर बहुत ज्यादा सर्दी पड़ रही है, ऐसे में बचाव के लिए नाइट शेल्टर होम में बहुत सहूलियत मिल रही है. यहां पर सोने के लिए अच्छे से बिस्तर मिल जाता है. वहीं ठंड से बचाव के लिए जितने भी कंबल मांगो कंबल मिल जाते हैं, दो वक्त का खाना सब्जी, रोटी दाल, चावल आदि मिलता है. साथ ही इस नाइट शेल्टर होम में साफ-सफाई की भी अच्छी व्यवस्था है.

पढ़ें :- देशभर में आज होगा कोरोना वैक्सीन का पूर्वाभ्यास, जानें कैसी हैं तैयारियां

सर्दी से बचाव के लिए इंतजाम दुरुस्त

वही पिछले एक साल से दिल्ली में रह रहे रामू ने बताया कि करीब चार महीनों से वह इस नाइट शेल्टर होम में अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. शाम को 5 बजे करीब वह इस शेल्टर होम में आ जाते हैं. दिन में अगर कोई काम मिल जाता है, तो वह काम कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि सर्दियों में ठंड से बचाव के लिए शेल्टर होम में अच्छे इंतजाम है, कंबल बिस्तर की अच्छी व्यवस्था है, दो वक्त का खाना भी मिल जाता है.

दो वक्त के खाने के अच्छे इंतजाम

ईटीवी भारत की टीम जब इससे नाइट शेल्टर होम में पहुंची तो सर्दी से बचाव के लिए सभी इंतजाम दुरुस्त नजर आए लाइट, पानी, खाने, शौचालय, नहाने, सोने और कंबल आदि की व्यवस्था संतोषजनक दिखी. इसके साथ ही किचन में जब हम पहुंचे तो रात के खाने की तैयारी की जा रही थी. किचन में मौजूद बावर्ची ने बताया कि दाल-चावल रात के खाने में बना रहे हैं. कभी 30 लोग खाने के लिए आ जाते हैं या कभी 40 लोग, तो सभी के लिए खाना बनाते हैं.

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