नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी समेत पूरे देश में इस समय कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है. भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2,73,810 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,50,61,919 हुई. 1,619 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,78,769 हो गई है. देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 19,29,329 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,29,53,821 है.
वहीं, अकेले दिल्ली में ही कोरोना के 26 हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं. हालात को देखते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक सप्ताह का संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है.
राजधानी दिल्ली में हालात बद से बदतर होता देख प्रवासी मजदूर भी अपने घर को लौटने को मजबूर हो रहे हैं. अस्पतालों की बात करें तो वहां बेड की मारामारी मची है. इस समय कोरोना संक्रमितों के लिए बेड उपलब्ध होना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. कोरोना की दूसरी लहर काफी जानलेवा साबित हो रही है. अभी तक जितने भी मामले सामने आए है. उनमें संक्रमितों के ऑक्सीजन लेवल कम होने का पता चला है. सभी लोगों को बेड चाहिए, जो संभव नहीं है, ऐसी विषम परिस्थिति में घबराने की बजाए घर में ही कुछ ऐसे उपाय करने चाहिए जिससे खतरे को टाला जा सके. यह कहना है सर गंगा राम हॉस्पिटल के रिमिटोलॉजिस्ट डॉ. वेद चतुर्वेदी का. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब अस्पतालों में बेड न मिले तो ये उपाय करने चाहिए.
बेड न मिले तो अपने घर को ही बनाएं हॉस्पिटल
डॉ. वेद चतुर्वेदी बताते हैं कि पिछले एक सप्ताह से काफी लोग उनके पास कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए बेड की मांग लेकर आए हैं, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी, क्योंकि अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इस महामारी के समय में अगर आपको बेड न मिलें तो घबराना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में होम हॉस्पिटलाइजेशन एक बेहतर उपाय हो सकता है. डॉ वेद बताते हैं कि आइडियल सिचुएशन यह है कि अगर आप की तबीयत ज्यादा खराब है तो आपको हॉस्पिटल में एडमिट होना चाहिए, लेकिन अगर हॉस्पिटल में बेड उपलब्ध नहीं हैं तो अपने घर को ही हॉस्पिटल बना लीजिए.
हल्के लक्षण होने पर घर पर ही करें उपाय
अगर कोरोना का आपको हल्का लक्षण है या बिना लक्षणों वाला कोरोना है तो घबराने की जरूरत नहीं है. घर पर रहकर ही एक सप्ताह में आप ठीक हो सकते हैं, लेकिन अगर आप की बीमारी अधिक है संक्रमण ज्यादा फैल गया है. सांस लेने में तकलीफ है. ऑक्सीजन का सैचुरेशन 94 से नीचे आ गया है तब आपको हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत होती है. इसके लिए जरूरी है कि आपके पास पल्स ऑक्सीमीटर हो ताकि आप अपने शरीर में आपने ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा को देख सकें.
ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाने के लिये आसान तरीका पेट के बल लेटना
ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉ. वेद ने बताया कि घर पर ही ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने का एक तरीका है. आपके ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा अगर 94 से नीचे हो रही है तो आप पीठ के बजाय पेट के बल लेटना शुरू करें. ऐसा करने से आपके फेफड़े फैल जाएंगे, जिसमें आप ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन ले सकते हैं. इससे आपके ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने लगेगी.
घर पर ही रखें ऑक्सीजन सिलेंडर या ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
इसके अलावा दूसरा तरीका यह है कि आप के ब्लड में ऑक्सीजन संतुलित न हो तो अपने घर में ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवा सकते हैं या घर में ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन ले सकते हैं. दोनों में फर्क यह है कि ऑक्सीजन सिलेंडर में आपको बार-बार ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करवाना पड़ेगा, लेकिन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन को ही सोखकर आप के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध करवाता है. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर थोड़ा महंगा हो सकता है, लेकिन जब जान पर बने तो यह महंगा नहीं लगेगा.
सिटी स्कैन से वायरल लोड का पता लगाएं
डॉ वेद बताते हैं कि इसके अलावा आप किसी डायग्नोस्टिक सेंटर में जाकर अपने सीने का सिटी स्कैन करवा सकते हैं. इससे आपके फेफड़े में कितना वायरल लोड है यह पता चलेगा. अगर वायरल लोड कम है तो चिंता की बात कोई नहीं है. लेकिन अगर वायरल लोड ज्यादा है तो परेशानी बढ़ सकती है. ऐसी परिस्थिति में आप यह देखते रहे हैं कि किसी हॉस्पिटल में अगर एक भी बेड मिले तो वहां एडमिट हो जाएं.
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टेलीमेडिसिन की ले सकते हैं मदद
अगर आपका वायरल लोड थोड़ा सा ज्यादा है तो आप अपने स्थानीय किसी भी डॉक्टर के संपर्क में रह सकते हैं या टेलीमेडिसिन के जरिए किसी एक्सपर्ट डॉक्टर के संपर्क में रह सकते हैं. डॉक्टर आपको एक दवा प्रिसक्राइब कर सकते हैं. इस दवा का नाम है स्टेरॉइड. यह दवा बहुत सस्ती है और महंगी रेमदेसीविर से भी ज्यादा प्रभावी है. 20 मिलीग्राम की डेली टैबलेट लेकर आप किसी खतरनाक स्थिति में पहुंचने से बच सकते हैं. इसको बोलते हैं होम हॉस्पिटलाइजेशन. जब हॉस्पिटल न मिले तो घर को हॉस्पिटल बना सकते हैं.