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DRDO की ये नई दवा बन सकती है 'संजीवनी', डॉक्टर से जानिए क्यों है खास - डीआरडीओ नई दवाई न्यूज

डीआरडीओ की तरफ से बनाई गई नई दवाई 2-डीजी को कोरोना के अपातकाल इलाज के लिए मंजूरी दी गई है, ऐसे में हमारी टीम ने इस दवाई के बारे में चंडीगढ़ पीजीआई के प्रोफेसर पब्लिक हेल्थ से बारीकी से जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने 2-डीजी के बेहद असरदार परिणामों के बारे में विस्तार से बताया.

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Published : May 11, 2021, 10:41 PM IST

चंडीगढ़ : लोगों को कोरोना के कहर से बचाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है. देश के डॉक्टर, वैज्ञानिक और शोधकर्ता लगातार इस बीमारी की तोड़ खोजने में लगे हैं. ऐसे में कुछ दिन पहले डीआरडीओ की तरफ से एक अच्छी खबर आई. डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation) की बनाई 2-डीजी दवाई कोरोना मरीजों की जिंदगी बचाने में कारगार साबित हुई है.

कैसे काम करती है दवा?

ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई की स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर सोनू गोयल से इस बारे में बात की. डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया इस दवा का पूरा नाम 2-Deoxy-D-Glucose है. यह दवा छोटे-छोटे पैकेट्स में आई है, जिसे पानी में घोलकर लेना होगा.

कोरोना मरीजों के लिए संजीवनी बन सकती है DRDO की दवा.

'दवा करेगी संक्रमित कोशिकाओं पर सीधा हमला'

यह दवा मरीज की संक्रमित कोशिकाओं को पहचान कर उनमें ग्लूकोस की सप्लाई को बंद कर देगी. जिससे संक्रमित कोशिकाएं समाप्त हो जाएंगी और मरीज ठीक हो जाएगा, क्योंकि कोशिकाओं को ग्लूकोस के जरिए ही एनर्जी मिलती है. यह दवा ग्लूकोस की सप्लाई बंद कर कोशिकाओं को मिलने वाली एनर्जी चेन को खत्म कर देगी. यह दवा न सिर्फ संक्रमित कोशिकाओं को खत्म करेगी, बल्कि मरीजों के स्तर को भी सुधारने में मदद करेगी.

'तीन फेस के ट्रायल हो चुके हैं पूरे'

इस दवा के फेस टू और फेस 3 के ट्रायल हो चुके हैं. जिसमें नतीजे काफी अच्छे आए हैं. अभी तक इस दवा को सीमित संख्या में इस्तेमाल किया गया है, लेकिन जब यह बड़े स्तर पर इस्तेमाल की जाएगी तब इसके नतीजों के बारे में ज्यादा जानकारी मिल पाएगी.

'जल्द होगी मरीजों के लिए उपलब्ध'

गंभीर मरीजों के इस्तेमाल को लेकर डॉक्टर सोनू गोयल ने कहा कि दवा के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है, लेकिन कोरोना के समय में जिस तरह से दवाओं पर युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. उससे यह उम्मीद जगती है कि यह दवा जल्द ही मरीजों के लिए उपलब्ध हो जाएगी.

पढ़ेंः कोरोना के बाद 'साइलेंट किलर' ले रहा जान, हैप्पी हाइपोक्सिया को लेकर न रहें 'हैप्पी'

चंडीगढ़ : लोगों को कोरोना के कहर से बचाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है. देश के डॉक्टर, वैज्ञानिक और शोधकर्ता लगातार इस बीमारी की तोड़ खोजने में लगे हैं. ऐसे में कुछ दिन पहले डीआरडीओ की तरफ से एक अच्छी खबर आई. डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation) की बनाई 2-डीजी दवाई कोरोना मरीजों की जिंदगी बचाने में कारगार साबित हुई है.

कैसे काम करती है दवा?

ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई की स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर सोनू गोयल से इस बारे में बात की. डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया इस दवा का पूरा नाम 2-Deoxy-D-Glucose है. यह दवा छोटे-छोटे पैकेट्स में आई है, जिसे पानी में घोलकर लेना होगा.

कोरोना मरीजों के लिए संजीवनी बन सकती है DRDO की दवा.

'दवा करेगी संक्रमित कोशिकाओं पर सीधा हमला'

यह दवा मरीज की संक्रमित कोशिकाओं को पहचान कर उनमें ग्लूकोस की सप्लाई को बंद कर देगी. जिससे संक्रमित कोशिकाएं समाप्त हो जाएंगी और मरीज ठीक हो जाएगा, क्योंकि कोशिकाओं को ग्लूकोस के जरिए ही एनर्जी मिलती है. यह दवा ग्लूकोस की सप्लाई बंद कर कोशिकाओं को मिलने वाली एनर्जी चेन को खत्म कर देगी. यह दवा न सिर्फ संक्रमित कोशिकाओं को खत्म करेगी, बल्कि मरीजों के स्तर को भी सुधारने में मदद करेगी.

'तीन फेस के ट्रायल हो चुके हैं पूरे'

इस दवा के फेस टू और फेस 3 के ट्रायल हो चुके हैं. जिसमें नतीजे काफी अच्छे आए हैं. अभी तक इस दवा को सीमित संख्या में इस्तेमाल किया गया है, लेकिन जब यह बड़े स्तर पर इस्तेमाल की जाएगी तब इसके नतीजों के बारे में ज्यादा जानकारी मिल पाएगी.

'जल्द होगी मरीजों के लिए उपलब्ध'

गंभीर मरीजों के इस्तेमाल को लेकर डॉक्टर सोनू गोयल ने कहा कि दवा के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है, लेकिन कोरोना के समय में जिस तरह से दवाओं पर युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. उससे यह उम्मीद जगती है कि यह दवा जल्द ही मरीजों के लिए उपलब्ध हो जाएगी.

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