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ई-रुपी के बारे में जानें क्योंकि सरकार इसके जरिये ही बेनिफिट देने वाली है

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Published : Aug 9, 2021, 3:55 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 4:47 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब ई-रुपी ( e-RUPI) को जारी किया, तब से नए डिजिटल पेमेंट मोड यानी लेन-देने के नए सिस्टम को जानने में दिलचस्पी बढ़ गई. यह ई-रुपी (e-RUPI) क्या है?

ई-रुपी (e-RUPI)
ई-रुपी (e-RUPI)

हैदराबाद : भारत के लोगों के पास पेमेंट का नया ऑप्शन आ गया है. ई-रुपी ( e-RUPI). एक्सपर्टस का कहना है कि यह यह UPI ट्रांजैक्शन का ही बिल्कुल नया रूप है, जो गिफ्ट वाउचर (Gift Voucher) की तरह काम करेगा. इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) ने विकसित किया है. यह एक कैशलेस (Cashless) और कॉन्टैक्टलेस (Contactless) तरीका है. बेनेफिशयरीज की पहचान मोबाइल नंबर के जरिए होती है. ई-रुपी (e-RUPI) ये QR कोड या SMS पर आधारित एक तरह की प्रीपेड वाउचर सर्विस है. यानी आपके वाउचर में जितने रुपये हैं, उतने आप खर्च कर सकेंगे.

सरकार की तरफ से ई-रुपी जारी करने का मकसद क्या है ?

केंद्र सरकार कई योजनाओं के लिए सब्सिडी देती है. इसके अलावा स्कीमों के तहत लाभार्थियों के अकाउंट में पैसे भेजे रहे हैं. अभी ई-रुपी सुविधा स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उपलब्ध है. इसका उपयोग आयुष्मान भारत, मदर एंड चाइल्ड वेलफेयर स्कीम्स, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, उर्वरक सब्सिडी आदि योजनाओं के लिए भी किया जा सकता है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है, जिस मद में लाभ दिया जा रहा है, पैसे वहीं खर्च हो. सरकार को उम्मीद है कि इससे कल्याणकारी सेवाओं की लीक-प्रूफ डिलीवरी होगी.

ई-रुपी (e-RUPI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अगस्त को ई-रुपी (e-RUPI) को लॉन्च किया था

क्या यह डिजिटल रुपया है या एक यूपीआई ?

ई-रुपी डिजिटल रुपया नहीं है. मगर यह डिजिटल रुपये की ओर एक कदम माना जा रहा है. डिजिटल रुपया केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जारी होगा. ई-रुपी यूपीआई बेस्ड है. ई-रुपी में बैंक और कस्टमर के बीच सीधा ट्रांसजेक्शन होता है. इसे वाउचर का डिजिटल स्वरूप कह सकते हैं.

क्या इसका बैंक अकाउंट से लेना-देना है ?

नही, यह सर्विस बैंक अकाउंट से जुड़ी नहीं है. ई-रुपी पाने या इससे मिली रकम खर्च करने के लिए बैंक खाता होना आवश्यक नहीं है. इसे यूं समझिए, यह डिजिटल लिफाफा है, जिसकी रकम आप क्यू आर कोड (QR code) या मैसेज दिखाकर खर्च कर सकते हैं. जैसे आप गिफ्ट वाउचर खर्च करते हैं

फिर हमें ई-रुपी कैसे मिलेगा ?

बेनेफिशयरीज की पहचान मोबाइल नंबर के जरिए होगी और सर्विस प्रोवाइडर को बैंक एक वाउचर आवंटित करेगा जो किसी खास नाम पर होगा. यह सिर्फ उसी शख्स को डिलीवर होगा. ई-रुपी (e-RUPI) पाने के लिए एक मोबाइल फोन होना जरूरी है. इसके लिए बुनियादी फोन भी काफी है, क्योंकि ई-रुपी आपको मैसेज के तौर भी मिलता है. यानी इसका उपयोग वे लोग भी कर सकते हैं, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है या उन जगहों पर, जहां इंटरनेट नेटवर्क कमजोर है.

ई-रुपी खर्च कैसे करेंगे?

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के अनुसार, लोग यूज़र्स कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना ई-रुपी वाउचर को भुनाने में सक्षम होंगे. आप इस रकम को वहीं खर्च कर सकेंगे, जिसके लिए यह दी गई है. उदारहण के लिए, आपको मोबाइल फोन रीचार्ज के लिए ई-रुपी दिया गया है तो आप वाउचर में दिए गए रकम से मोबाइल रीचार्ज ही करा सकेंगे. आप बैंक के ओर से बताए गए दुकान में जाएं. मोबाइल रीचार्ज कराएं और आर कोड (QR code) या मैसेज दिखाकर भुगतान करें.

क्या ई-रुपी के जरिए दी गई रकम को अपने मुताबिक खर्च नहीं कर सकते ?

ई-रुपी चूंकि एक वाउचर पेमेंट है. इसलिए इस रकम को आपको वहीं खर्च करना होगा, जिसके लिए दी गई है. अगर आयुष्मान योजना के तहत ई-रुपी दवा खरीदने के लिए दिया गया है तो इससे आप कपड़े-जूते की शॉपिंग नहीं कर पाएंगे. इससे आप दवा ही खरीद पाएंगे. QR कोड और SMS वाउचर एक वयक्ति को एक बार ही जारी किया जाएगा.

ई-रुपी (e-RUPI)
ई-रुपी (e-RUPI) से सरकारी योजनाओं में अवैध लेन-देन पर भी लगाम लगेगी

क्या ई-रुपी से मिले पैसे को बैंक में जमा कर सकेंगे ?

एनपीसीआई ने कहा है कि वह ई-रुपी जारी करने वाले बैंकों को कनेक्ट करेगा. जिन उपभोक्ताओं को ई-रुपी वाउचर के तौर पर मिलेगा. उन्हें अपने खातों में पैसा जमा करने के लिए अपने बैंकों तक जाना होगा. यह सिर्फ उन्हीं बैंकों में चलेगा, जो ई रुपी स्वीकार करते हैं. इसमें यह ध्यान रखना होगा कि यह रकम उन्हें किस मद में दी गई है.

तो किन-किन बैंकों में जमा होगा ई-रुपी ?

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अनुसार,ई-रुपी लेनदेन के लिए 11 बैंकों के साथ समझौता किया गया है. भारतीय स्टेट बैंक ( SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक (HDFC) और आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक ई-रुपी स्वीकार कर रहे हैं. फिलहाल केनरा बैंक, इंडसइंड बैंक, इंडियन बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ई-रुपी जारी तो कर रहे हैं मगर स्वीकार नहीं कर रहे. इसे भारत पे, भीम बड़ौदा मर्चेंट पे, पाइन लैब्स, पीएनबी मर्चेंट पे और योनो एसबीआई मर्चेंट पे जैसे पेमेंट ऐप ने भी स्वीकार किया है.

भविष्य में इससे कैसे पेंमेंट होंगे ?

  • सरकार आपको एलपीजी सब्सिडी के तौर पर मोबाइल पर ई रुपी (e-RUPI) वाउचर भेजेगी, आप अगले सिलेंडर के पेमेंट में इसका इस्तेमाल कर सकेंगे
  • बड़े कारोबारी समूह बैंक से ई-वाउचर लेकर दूसरे समूह को पैसा ट्रांसफर कर सकेंगे.
  • आपकी कंपनी वेतन से अलग किसी सुविधा के लिए गिफ्ट वाउचर के बजाए ई-रुपी दे सकती है
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इसका इस्तेमाल कोविड वैक्सिनेशन के लिए भी किया जा सकेगा.
  • आप भी अपने करीबियों को ई-रुपी दे सकते हैं. जैसे ट्यूशन फीस, वैक्सिनेशन आदि. अमेरिका चिली, स्वीडन और हांगकांग में एजुकेशन वाउचर्स या स्कूल वाउचर्स का एक सिस्टम है, जिसके जरिए सरकार स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए भुगतान करती है.
  • इसका उपयोग प्राइवेट सेक्टर भी अपने कर्मचारी वेलफेयर और CSR यानी कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी के लिए कर सकते हैं.

हैदराबाद : भारत के लोगों के पास पेमेंट का नया ऑप्शन आ गया है. ई-रुपी ( e-RUPI). एक्सपर्टस का कहना है कि यह यह UPI ट्रांजैक्शन का ही बिल्कुल नया रूप है, जो गिफ्ट वाउचर (Gift Voucher) की तरह काम करेगा. इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) ने विकसित किया है. यह एक कैशलेस (Cashless) और कॉन्टैक्टलेस (Contactless) तरीका है. बेनेफिशयरीज की पहचान मोबाइल नंबर के जरिए होती है. ई-रुपी (e-RUPI) ये QR कोड या SMS पर आधारित एक तरह की प्रीपेड वाउचर सर्विस है. यानी आपके वाउचर में जितने रुपये हैं, उतने आप खर्च कर सकेंगे.

सरकार की तरफ से ई-रुपी जारी करने का मकसद क्या है ?

केंद्र सरकार कई योजनाओं के लिए सब्सिडी देती है. इसके अलावा स्कीमों के तहत लाभार्थियों के अकाउंट में पैसे भेजे रहे हैं. अभी ई-रुपी सुविधा स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उपलब्ध है. इसका उपयोग आयुष्मान भारत, मदर एंड चाइल्ड वेलफेयर स्कीम्स, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, उर्वरक सब्सिडी आदि योजनाओं के लिए भी किया जा सकता है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है, जिस मद में लाभ दिया जा रहा है, पैसे वहीं खर्च हो. सरकार को उम्मीद है कि इससे कल्याणकारी सेवाओं की लीक-प्रूफ डिलीवरी होगी.

ई-रुपी (e-RUPI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अगस्त को ई-रुपी (e-RUPI) को लॉन्च किया था

क्या यह डिजिटल रुपया है या एक यूपीआई ?

ई-रुपी डिजिटल रुपया नहीं है. मगर यह डिजिटल रुपये की ओर एक कदम माना जा रहा है. डिजिटल रुपया केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जारी होगा. ई-रुपी यूपीआई बेस्ड है. ई-रुपी में बैंक और कस्टमर के बीच सीधा ट्रांसजेक्शन होता है. इसे वाउचर का डिजिटल स्वरूप कह सकते हैं.

क्या इसका बैंक अकाउंट से लेना-देना है ?

नही, यह सर्विस बैंक अकाउंट से जुड़ी नहीं है. ई-रुपी पाने या इससे मिली रकम खर्च करने के लिए बैंक खाता होना आवश्यक नहीं है. इसे यूं समझिए, यह डिजिटल लिफाफा है, जिसकी रकम आप क्यू आर कोड (QR code) या मैसेज दिखाकर खर्च कर सकते हैं. जैसे आप गिफ्ट वाउचर खर्च करते हैं

फिर हमें ई-रुपी कैसे मिलेगा ?

बेनेफिशयरीज की पहचान मोबाइल नंबर के जरिए होगी और सर्विस प्रोवाइडर को बैंक एक वाउचर आवंटित करेगा जो किसी खास नाम पर होगा. यह सिर्फ उसी शख्स को डिलीवर होगा. ई-रुपी (e-RUPI) पाने के लिए एक मोबाइल फोन होना जरूरी है. इसके लिए बुनियादी फोन भी काफी है, क्योंकि ई-रुपी आपको मैसेज के तौर भी मिलता है. यानी इसका उपयोग वे लोग भी कर सकते हैं, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है या उन जगहों पर, जहां इंटरनेट नेटवर्क कमजोर है.

ई-रुपी खर्च कैसे करेंगे?

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के अनुसार, लोग यूज़र्स कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना ई-रुपी वाउचर को भुनाने में सक्षम होंगे. आप इस रकम को वहीं खर्च कर सकेंगे, जिसके लिए यह दी गई है. उदारहण के लिए, आपको मोबाइल फोन रीचार्ज के लिए ई-रुपी दिया गया है तो आप वाउचर में दिए गए रकम से मोबाइल रीचार्ज ही करा सकेंगे. आप बैंक के ओर से बताए गए दुकान में जाएं. मोबाइल रीचार्ज कराएं और आर कोड (QR code) या मैसेज दिखाकर भुगतान करें.

क्या ई-रुपी के जरिए दी गई रकम को अपने मुताबिक खर्च नहीं कर सकते ?

ई-रुपी चूंकि एक वाउचर पेमेंट है. इसलिए इस रकम को आपको वहीं खर्च करना होगा, जिसके लिए दी गई है. अगर आयुष्मान योजना के तहत ई-रुपी दवा खरीदने के लिए दिया गया है तो इससे आप कपड़े-जूते की शॉपिंग नहीं कर पाएंगे. इससे आप दवा ही खरीद पाएंगे. QR कोड और SMS वाउचर एक वयक्ति को एक बार ही जारी किया जाएगा.

ई-रुपी (e-RUPI)
ई-रुपी (e-RUPI) से सरकारी योजनाओं में अवैध लेन-देन पर भी लगाम लगेगी

क्या ई-रुपी से मिले पैसे को बैंक में जमा कर सकेंगे ?

एनपीसीआई ने कहा है कि वह ई-रुपी जारी करने वाले बैंकों को कनेक्ट करेगा. जिन उपभोक्ताओं को ई-रुपी वाउचर के तौर पर मिलेगा. उन्हें अपने खातों में पैसा जमा करने के लिए अपने बैंकों तक जाना होगा. यह सिर्फ उन्हीं बैंकों में चलेगा, जो ई रुपी स्वीकार करते हैं. इसमें यह ध्यान रखना होगा कि यह रकम उन्हें किस मद में दी गई है.

तो किन-किन बैंकों में जमा होगा ई-रुपी ?

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अनुसार,ई-रुपी लेनदेन के लिए 11 बैंकों के साथ समझौता किया गया है. भारतीय स्टेट बैंक ( SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक (HDFC) और आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक ई-रुपी स्वीकार कर रहे हैं. फिलहाल केनरा बैंक, इंडसइंड बैंक, इंडियन बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ई-रुपी जारी तो कर रहे हैं मगर स्वीकार नहीं कर रहे. इसे भारत पे, भीम बड़ौदा मर्चेंट पे, पाइन लैब्स, पीएनबी मर्चेंट पे और योनो एसबीआई मर्चेंट पे जैसे पेमेंट ऐप ने भी स्वीकार किया है.

भविष्य में इससे कैसे पेंमेंट होंगे ?

  • सरकार आपको एलपीजी सब्सिडी के तौर पर मोबाइल पर ई रुपी (e-RUPI) वाउचर भेजेगी, आप अगले सिलेंडर के पेमेंट में इसका इस्तेमाल कर सकेंगे
  • बड़े कारोबारी समूह बैंक से ई-वाउचर लेकर दूसरे समूह को पैसा ट्रांसफर कर सकेंगे.
  • आपकी कंपनी वेतन से अलग किसी सुविधा के लिए गिफ्ट वाउचर के बजाए ई-रुपी दे सकती है
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इसका इस्तेमाल कोविड वैक्सिनेशन के लिए भी किया जा सकेगा.
  • आप भी अपने करीबियों को ई-रुपी दे सकते हैं. जैसे ट्यूशन फीस, वैक्सिनेशन आदि. अमेरिका चिली, स्वीडन और हांगकांग में एजुकेशन वाउचर्स या स्कूल वाउचर्स का एक सिस्टम है, जिसके जरिए सरकार स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए भुगतान करती है.
  • इसका उपयोग प्राइवेट सेक्टर भी अपने कर्मचारी वेलफेयर और CSR यानी कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी के लिए कर सकते हैं.
Last Updated : Aug 9, 2021, 4:47 PM IST
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