पटना : बिहार के सत्ताधारी दल जेडीयू एमएलसी राधाचरण साह को बेऊर जेल में रात गुजारनी पड़ेगी. आज उसकी एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी हुई. जहां से कोर्ट ने उसे 14 दिनों की जेल हिरासत में भेज दिया. जेडीयू एमएलसी की गिरफ्तारी के बाद से बिहार-झारखंड के कई सफेदपोश का कारनामा बेनकाब हो सकता है. इस आठवीं पास शख्स ने आखिर ऐसा क्या गुल खिलाया कि एक साधारण सी जलेबी की दुकान की आय से करोड़ों की संपत्ति बना ली. इसी की जांच के लिए पिछले सात महीने में ईडी और आईटी ने कई बार कार्रवाई की.
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आठवीं पास राधा चरण ने अर्जित की अकूत संपत्ति : जेडीयू के एमएलसी राधाचरण साह सिर्फ आठवीं पास हैं. यह जानकारी इन्होंने अपने हलफनामें दी है. इतने कम पढ़े लिखे होने के बावजूद उसने ऐसा गुल खिलाया कि आज करोड़ों की हेरा-फेरी के चक्कर में फंसकर ईडी की गिरफ्त में है. इसकी संपत्तियों का स्रोत जानने के लिए पिछले एक साल से ईडी और आईटी वाले कई बार एमएलसी के दर्जनों ठिकानों पर दबिश डालने के बाद बुधवार को उसे गिरफ्तार किया.
कभी आरा स्टेशन के बाहर बेचते थे जलेबी: जब आईटी और ईडी वाले जेडीयू एमएलसी के आय के स्रोतों का पता लगाने में जुटे तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. पता चला कि राधाचरण साह जो कभी 80 के दशक में आरा स्टेशन के बाहर जलेबी बेचा करता था, आज वह न केवल एमएलसी बने, बल्कि उन्होंने करोड़ों की बेनामी संपत्ति भी अर्जित कर ली. टैक्स चोरी के साथ ही उन पर करोड़ों रुपये का वारा-न्यारा कर अकूत संपत्ति बनाने का आरोप है.
"ये कोई नई बात नहीं है. कोई भी नेता अगर भाजपा के खिलाफ अपनी बात रखता है या विरोध करता है तो केंद्र उसके खिलाफ ईडी या सीबीआई पहुंचा देती है. इससे हमलोग डरने वाले नहीं हैं".- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष जेडीयू
बालू कारोबार का बना बड़ा खिलाड़ी : राधाचरण साह पर बालू माफियाओं के साथ मिलकर करोड़ों रुपये की उगाही करने का आरोप लगता रहा है. वह कथित तौर पर बालू कारोबार के बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं. कहा जाता है कि बालू के धंधे से ही वह बड़े-बड़े रिसोर्ट और होटलों के मालिक बन बैठे.
आरजेडी से जेडीयू तक का सफर : राधाचरण साह पहले आरजेडी के एमएलसी हुआ करते थे. वह पहली बार 2015 में आरजेडी के कोटे से एमएलसी बने थे. उस समय चर्चा थी की वह लालू यादव के काफी करीबी थे. उन्होंने एमएलसी के एनडीए उम्मीदवार हुलास पांडे को हराया था. लेकिन 2020 में आरजेडी के 8 में से 5 एमएलसी टूटकर जेडीयू में आ गए थे. इसमें राधारण साह भी शामिल थे.
इस साल फरवरी में आईटी ने मारा था छापा : फरवरी में टैक्स चोरी के मामले में आयकर ने राधा चरण के 22 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी. बिहटा थाना में एफआई आर भी दर्ज करवाया था. इसके बाद 6 जून को ईडी ने पटना, धनबाद, कोलकाता, हजारीबाग में एक साथ 27 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी के क्रम में डेढ़ करोड़ कैश सहित 11 करोड़ की सम्पति के कागज बरामद किये गए थे. इससे पहले कार्रवाई के दौरान राधाचरण सेठ के पास से 1 करोड़ से अधिक नकद और 11 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज मिले थे.