प्रयागराजः उमेश पाल हत्याकांड में मुख्य शूटरों में शामिल गुलाम को यूपी एसटीएफ ने असद के साथ हुई मुठभेड़ में मार गिराया है. असद के साथ ही गुलाम के ऊपर भी 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. गुलाम के ऊपर शहर के अलग-अलग थानों में 8 मुकदमे दर्ज थे. जिसमें सिविल थाना क्षेत्र में नगर निगम के ठेकेदार की हत्या का मामला भी शामिल था. इसी हत्याकांड से गुलाम का नाम सुर्खियों में आया था. जिसके बाद वो अतीक गैंग का करीबी हो गया था.
ठेकेदार की हत्या कर सुर्खियों में छा गया था गुलाम
पुलिस मुठभेड़ में मारा गया शूटर गुलाम प्रयागराज के अतरसुइया इलाके का रहने वाला था. उसने इलाहाबाद युनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी. जिसके बाद वो अलग-अलग विभागों में ठेकेदारी करने लगा था. इसी दौरान विवाद होने पर गुलाम ने करीब दस साल पहले सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में नगर निगम के ठेकेदार चंदन सिंह की हत्या कर दी थी. जिसके बाद लगभग 4 सालों तक नैनी सेंट्रल जेल में बंद रहा. जब जेल से बाहर निकला तो वो जुर्म की दुनिया में पूरी तरह से जा चुका था. अतीक गैंग से जुड़ने के बाद उस पर धूमनगंज, सिविल लाइंस, शिवकुटी और जार्जटाउन थाने में केस दर्ज हुए. जिसमें हत्या में साथ ही हत्या की साजिश रचने, धमकी देने और जानलेवा हमले के मामले शामिल हैं. साल 2012 के बाद दस साल में गुलाम के खिलाफ 8 केस दर्ज हुए थे.
24 फरवरी को गुलाम ने क्या किया था?
उमेश पाल हत्याकांड का जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया है उसके मुताबिक 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के दिन वारदात से पहले गुलाम घटना स्थल पर पहुंच गया था. गुलाम उमेश पाल की गली के बाहर इलेक्ट्रॉनिक की दुकान में खड़े होकर बल्ब खरीदने का नाटक कर रहा था. जैसे ही उमेश पाल की गाड़ी वहां रुकी, गुलाम दुकान से बाहर निकलकर उमेश पाल और सरकारी गनर पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने लगा था. उमेश पाल और पुलिस कर्मियों पर गोलियां दागने के बाद शूटर गुलाम भी सभी के साथ फरार हो गया था.
अखिलेश और भाजपा के पूर्व विधायक के साथ फोटो हुई थी वायरल
उमेश पाल हत्याकांड में शूटर गुलाम का नाम सामने आने के बाद शूटर गुलाम की एक तस्वीर सपा के अध्यक्ष पूर्व सीएम अखिलेश यादव के साथ वायरल हुई थी. इसके साथ ही गुलाम की दूसरी तस्वीर भी वायरल हुई थी, जिसमें वो प्रयागराज में भाजपा के पूर्व विधायक नीलम करवरिया और उनके पति उदयभान करवरिया के साथ था. बता दें कि गुलाम का बड़ा भाई भाजपा ने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष था जिसको, उमेश पाल हत्याकांड के बाद पद से हटा दिया गया है.
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