कोलकाता/गुवाहाटी : तृणमूल कांग्रेस ने लगातार तीसरी बार कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के बोर्ड पर भारी बहुमत से कब्जा जमाया है. कुल 144 वार्डों में से 134 पर तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के उम्मीदवार निर्वाचित घोषित किए गए हैं. 2015 में तृणमूल कांग्रेस के 131 उम्मीदवार चुने गए थे.
तृणमूल कांग्रेस के सभी कद्दावर उम्मीदवारों में फिरहाद हकीम, काजोरी बंदोपाध्याय, देबाशीष कुमार, माला रॉय और परेश पाल आगे रहे. कुल 16 नगरों में से एक भी गढ़ में कोई भी विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस के मजबूत किले में सेंध लगाने में कामयाब नहीं हुआ है. एक बार फिर केएमसी के मेयर माने जाने वाले हकीम ने सुबह 8 बजे मतगणना शुरू होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी.
हकीम ने कहा कि नए बोर्ड के गठन के बाद नई परिषद का फोकस सीवरेज व्यवस्था में सुधार लाने और कोविड-19 के टीकाकरण को जल्द पूरा करने पर होगा. उन्होंने कहा, 'यह ऐतिहासिक जीत है और हमारे लिए और जिम्मेदारियां लेकर आई है.'
यह लोकतंत्र की जीत है : ममता बनर्जी
चुनाव परिणाम स्पष्ट होने के तुरंत बाद असम के लिए रवाना हुई तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि 'यह उन लोगों की जीत है जिन्होंने विकास के पक्ष में अपना जनादेश दिया है. यह विकास की जीत है, जो तृणमूल कांग्रेस 2011 में सत्ता में आने के बाद से लगातार कर रही है.' मुख्यमंत्री ने कहा, 'लोग पूरे दिल से मतदान करने के लिए निकले. यह लोकतंत्र की जीत है. इससे शहर के साथ-साथ राज्य के लोगों के लिए विनम्रतापूर्वक काम करने में मदद मिलेगी.'
व्यापक परिप्रेक्ष्य में बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह जीत राष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भाजपा, कांग्रेस और वाम मोर्चा जैसे सभी राष्ट्रीय दलों को जनादेश से हराया गया है. हम राज्य के विकास के लिए और अधिक काम करेंगे.'
लेकिन आश्चर्यजनक बात यह थी कि केएमसी में मतदाताओं की विपक्षी क्षेत्र की पसंद में बदलाव आया. अंतिम परिणाम के अनुसार वाम मोर्चा के उम्मीदवारों को दो वार्डों और भाजपा को तीन वार्डों में जीत मिली है. वार्ड के लिहाज से भले ही वोटों की संख्या भाजपा के पक्ष में है, लेकिन सभी 144 वार्डों में वोट शेयर के मामले में वाम मोर्चा के उम्मीदवार भगवा खेमे में अपने समकक्षों से काफी आगे हैं. वहीं, अधिकांश वार्डों में वाम मोर्चा के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे.
कांग्रेस और वाम मोर्चा को दो-दो सीटें मिलीं. जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों को तीन सीटें मिलीं हैं. हालांकि, वार्ड संख्या 135 से विजयी निर्दलीय उम्मीदवार रुबीना नाज ने अपना विजयी प्रमाण पत्र लेने के तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की. इसकी पुष्टि करते हुए फिरहाद हकीम ने कहा कि 'नाज ने संपर्क किया था मैंने उसे आवेदन करने के लिए कहा है.'
राज्य चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार, 66 वार्डों में वाम मोर्चा के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे, भाजपा 47 वार्डों में, कांग्रेस 16 वार्डों में और पांच वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे.
19 दिसंबर को हुआ था मतदान
केएमसी चुनावों के लिए मतदान 19 दिसंबर, 2021 को हुआ था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के आश्वासन के बावजूद मतदान के दिन व्यापक हिंसा और चुनावी कदाचार की खबरें सामने आई थीं. इस मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय में दो मुकदमे पहले ही दायर किए जा चुके हैं. इस मुद्दे पर राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी सवाल उठाए हैं.
वाम और भाजपा ने ये दी प्रतिक्रिया
परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य और पश्चिम बंगाल विधानसभा में वाम दलों के पूर्व नेता, डॉ. सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि 144 वार्डों के 10 वार्ड तृणमूल कांग्रेस की झोली से बाहर हो गए. उन्होंने कहा, 'जिस तरह से चुनाव में धांधली हुई है, मुझे आश्चर्य नहीं होता अगर सभी 144 वार्ड तृणमूल कांग्रेस की झोली में चले जाते.' वाम मोर्चे के भाजपा से बेहतर वोट प्रतिशत हासिल करने पर टिप्पणी करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि शुरू से ही सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सीपीआई (एम) को ऑक्सीजन प्रदान करने का प्रयास किया है जो परिणामों से स्पष्ट है.
जीत के बाद ममता ने कामाख्या मंदिर में की पूजा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर के दर्शन किए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का मेघालय की राजधानी शिलांग का भी दौरा करने का कार्यक्रम था हालांकि, उन्होंने अपनी यात्रा रद्द कर दी और कामाख्या मंदिर के दर्शन कर कोलकाता लौट गईं. एलजीबीआई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद वह सीधे मंदिर गईं और मंदिर में पूजा-अर्चना की. उन्होंने मंदिर के बाहर उनका इंतजार कर रहे मीडिया कर्मियों से बात करने से भी इनकार कर दिया.
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