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सीएम ममता का उत्तर बंगाल का दौरा, KLO ने दी खूनखराबे की धमकी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तर बंगाल के दौरे से पहले प्रतिबंधित आतंकी संगठन कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (KLO) ने धमकी दी है कि अगर उसके आंदोलन का विरोध किया गया तो उसके नतीजे विनाशकारी होंगे.

ममता बनर्जी
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Published : Jun 6, 2022, 10:03 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मंगलवार को राज्य के उत्तरी हिस्सों की निर्धारित यात्रा से पहले, प्रतिबंधित आतंकी संगठन कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (KLO) ने अलग राज्य के उसके आंदोलन का विरोध करने पर 'खूनखराबे' की धमकी दी है. एक कथित वीडियो में, केएलओ नेता जीवन सिंह होने का दावा करते हुए एक नकाबपोश व्यक्ति ने ममता को उत्तर बंगाल का दौरा करने के खिलाफ चेतावनी दी. वीडियो में नकाबपोश व्यक्ति सशस्त्र अंगरक्षकों के साथ था. ईटीवी भारत इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है.

नकाबपोश व्यक्ति ने कहा, 'हम ममता बनर्जी सहित सभी लोगों से अपील करते हैं कि कामतापुर राज्य की हमारी मांग का विरोध नहीं करें. उन्हें उत्तर बंगाल की यात्रा नहीं करनी चाहिए. हम आने वाले दिनों में अपना आंदोलन तेज करेंगे और सभी से सहयोग मांगेंगे. वीडियो में कहा गया है, अगर कोई हमें रोकने की कोशिश करता है, तो उसके नतीजे विनाशकारी होंगे. खूनखराबा होगा. हम इसके लिए अपने जीवन का बलिदान देने के लिए तैयार हैं.

पुलिस ने इस वीडियो के संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि ममता मंगलवार को अलीपुरद्वार में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करने वाली हैं. इस क्षेत्र के अविकसित रहने का हवाला देते हुए 90 के दशक में पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों और असम के पश्चिमी हिस्सों को काट कर अलग कामतापुर राज्य बनाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया गया था. हालांकि, नब्बे के दशक के मध्य में केएलओ का गठन हुआ और इसके साथ ही आंदोलन हिंसक हो गया.

पुराने केएलओ के ज्यादातर नेता या तो जेलों में हैं या तृणमूल शासन के तहत मुख्यधारा में लौट आए हैं. इस बीच कुछ छोटे समूह उभरे हैं जो राज्य की मांग के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास करते हैं. कामतापुर पीपुल्स पार्टी (यूनाइटेड) के अध्यक्ष निखिल रॉय ने कहा, अगर कोई धमकी दे रहा है तो इसका शायद ही कोई मायने हो. लेकिन मैंने वीडियो नहीं देखा है, इसलिए मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता.

यह भी पढ़ें- ममता बनर्जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले ब्लॉगर के खिलाफ मामला दर्ज

केएलओ की चेतावनी को लेकर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल और भारतीय जनता पार्टी के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया और तृणमूल ने भाजपा पर राज्य में अलगाववादी आंदोलनों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. तृणमूल के वरिष्ठ नेता पार्थ प्रतिम राय ने कहा, यह स्पष्ट है कि भाजपा नेता अपने निहित राजनीतिक हितों के लिए राज्य में अलगाववादी आंदोलनों को बढ़ावा दे रहे हैं. वे पिछले एक साल से अलग राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की मांग कर रहे हैं.

भाजपा ने हालांकि आरोपों को बेबुनियाद बताया. भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, पश्चिम बंगाल का विभाजन सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से व्यवहार्य नहीं है. हम एक अलग राज्य के पक्ष में नहीं हैं. लेकिन हमें लगता है कि उत्तर बंगाल में विकास की जरूरत है. उस क्षेत्र के लोग लंबे समय से वंचित हैं.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मंगलवार को राज्य के उत्तरी हिस्सों की निर्धारित यात्रा से पहले, प्रतिबंधित आतंकी संगठन कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (KLO) ने अलग राज्य के उसके आंदोलन का विरोध करने पर 'खूनखराबे' की धमकी दी है. एक कथित वीडियो में, केएलओ नेता जीवन सिंह होने का दावा करते हुए एक नकाबपोश व्यक्ति ने ममता को उत्तर बंगाल का दौरा करने के खिलाफ चेतावनी दी. वीडियो में नकाबपोश व्यक्ति सशस्त्र अंगरक्षकों के साथ था. ईटीवी भारत इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है.

नकाबपोश व्यक्ति ने कहा, 'हम ममता बनर्जी सहित सभी लोगों से अपील करते हैं कि कामतापुर राज्य की हमारी मांग का विरोध नहीं करें. उन्हें उत्तर बंगाल की यात्रा नहीं करनी चाहिए. हम आने वाले दिनों में अपना आंदोलन तेज करेंगे और सभी से सहयोग मांगेंगे. वीडियो में कहा गया है, अगर कोई हमें रोकने की कोशिश करता है, तो उसके नतीजे विनाशकारी होंगे. खूनखराबा होगा. हम इसके लिए अपने जीवन का बलिदान देने के लिए तैयार हैं.

पुलिस ने इस वीडियो के संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि ममता मंगलवार को अलीपुरद्वार में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करने वाली हैं. इस क्षेत्र के अविकसित रहने का हवाला देते हुए 90 के दशक में पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों और असम के पश्चिमी हिस्सों को काट कर अलग कामतापुर राज्य बनाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया गया था. हालांकि, नब्बे के दशक के मध्य में केएलओ का गठन हुआ और इसके साथ ही आंदोलन हिंसक हो गया.

पुराने केएलओ के ज्यादातर नेता या तो जेलों में हैं या तृणमूल शासन के तहत मुख्यधारा में लौट आए हैं. इस बीच कुछ छोटे समूह उभरे हैं जो राज्य की मांग के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास करते हैं. कामतापुर पीपुल्स पार्टी (यूनाइटेड) के अध्यक्ष निखिल रॉय ने कहा, अगर कोई धमकी दे रहा है तो इसका शायद ही कोई मायने हो. लेकिन मैंने वीडियो नहीं देखा है, इसलिए मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता.

यह भी पढ़ें- ममता बनर्जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले ब्लॉगर के खिलाफ मामला दर्ज

केएलओ की चेतावनी को लेकर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल और भारतीय जनता पार्टी के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया और तृणमूल ने भाजपा पर राज्य में अलगाववादी आंदोलनों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. तृणमूल के वरिष्ठ नेता पार्थ प्रतिम राय ने कहा, यह स्पष्ट है कि भाजपा नेता अपने निहित राजनीतिक हितों के लिए राज्य में अलगाववादी आंदोलनों को बढ़ावा दे रहे हैं. वे पिछले एक साल से अलग राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की मांग कर रहे हैं.

भाजपा ने हालांकि आरोपों को बेबुनियाद बताया. भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, पश्चिम बंगाल का विभाजन सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से व्यवहार्य नहीं है. हम एक अलग राज्य के पक्ष में नहीं हैं. लेकिन हमें लगता है कि उत्तर बंगाल में विकास की जरूरत है. उस क्षेत्र के लोग लंबे समय से वंचित हैं.

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