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तमिलनाडु : मिनटों में कोरोना की जांच करेगा केजे कोविड ट्रैकर

भारत में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में तेजी से जांच करके वायरस के प्रसार को रोकना अत्यावश्यक हो गया है. हालांकि संक्रमण का पता लगाने का सबसे विश्वसनीय तरीका आरटी-पीसीआर है, जो काफी समय लेता है. इसी को देखते हुए केजे अस्पताल और स्नातकोत्तर अनुसंधान केंद्र के शोधकर्ताओं ने नया कोविड ट्रैकर विकसित किया है. शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि यह 100 प्रतिशत विश्वसनीय और मनटों में संक्रमण का पता लगाने में सक्षम है.

KJ covid tracker
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Published : Apr 22, 2021, 10:46 AM IST

Updated : Apr 23, 2021, 6:18 AM IST

चेन्नई : कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए अब स्वैब और ब्लड टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी. चेन्नई में स्थित केजे अस्पताल और स्नातकोत्तर अनुसंधान केंद्र में एक नया उपकरण विकसित किया गया है. यह नैनोटेक्नोलॉजी की मदद से मिनटों में कोरोना संक्रमण की जांच कर सकता है. इसका नाम केजे कोविड ट्रैकर रखा गया है.

संक्रमण का पता लगाने के लिए व्यक्ति का हाथ, ट्रैकर पर रखा जाता है. उसके बाद यह ट्रैकर व्यक्ति का रक्तचाप, रक्त में ऑक्सीजन का स्तर, शरीर का तापमान, हीमोग्लोबिन, रक्त कोशिका गिनती और जीटा क्षमता को मापता है. इस पूरी प्रक्रिया में दो मिनट लगते हैं. जीटा क्षमता के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति संक्रमित है या नहीं.

केजे कोविड ट्रैकर

केजे अस्पताल और स्नातकोत्तर अनुसंधान केंद्र के प्रमुख केसवन जेगाथेसन ने दावा किया कि, 'सरकारी अस्पताल में भर्ती रोगियों के पर इस उपकरण का प्रयोग किया गया है और यह कोरोना संक्रमण का पता लगाने में 100 प्रतिशत सटीक पाया गया है. यह गैर-संक्रमण वाले लोगों की जांच करने में भी उपयोगी है. वास्तव में, आरटी-पीसीआर परीक्षणों की तुलना में यह उपकरण बहुत तेजी से और अधिक सटीक रूप से कोरोना परीक्षण कर सकता है.'

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इस उपकरण का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाना चाहिए ताकि कोरोना संक्रमण वाले लोगों का तेजी से पता लगाया जा पाए.

पढ़ें-24 घंटे में कोरोना के 3.14 लाख के पार नए केस, 2,104 मरीजों की मौत

केजे अस्पताल और स्नातकोत्तर अनुसंधान केंद्र की छात्रा तेजस्वी ने बताया कि, वह कैंसर अनुसंधान में शामिल थे, लेकिन जब कोरोना दूसरी लहर दुनिया को प्रभावित कर रही है, तो हमने इस मशीन को डिजाइन किया है.' केंद्र के प्रौद्योगिकी कर्मचारी आरजू ने कहा कि यह उपकरण बहुत तेजी से कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए उपयोगी होगा.

चेन्नई : कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए अब स्वैब और ब्लड टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी. चेन्नई में स्थित केजे अस्पताल और स्नातकोत्तर अनुसंधान केंद्र में एक नया उपकरण विकसित किया गया है. यह नैनोटेक्नोलॉजी की मदद से मिनटों में कोरोना संक्रमण की जांच कर सकता है. इसका नाम केजे कोविड ट्रैकर रखा गया है.

संक्रमण का पता लगाने के लिए व्यक्ति का हाथ, ट्रैकर पर रखा जाता है. उसके बाद यह ट्रैकर व्यक्ति का रक्तचाप, रक्त में ऑक्सीजन का स्तर, शरीर का तापमान, हीमोग्लोबिन, रक्त कोशिका गिनती और जीटा क्षमता को मापता है. इस पूरी प्रक्रिया में दो मिनट लगते हैं. जीटा क्षमता के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति संक्रमित है या नहीं.

केजे कोविड ट्रैकर

केजे अस्पताल और स्नातकोत्तर अनुसंधान केंद्र के प्रमुख केसवन जेगाथेसन ने दावा किया कि, 'सरकारी अस्पताल में भर्ती रोगियों के पर इस उपकरण का प्रयोग किया गया है और यह कोरोना संक्रमण का पता लगाने में 100 प्रतिशत सटीक पाया गया है. यह गैर-संक्रमण वाले लोगों की जांच करने में भी उपयोगी है. वास्तव में, आरटी-पीसीआर परीक्षणों की तुलना में यह उपकरण बहुत तेजी से और अधिक सटीक रूप से कोरोना परीक्षण कर सकता है.'

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इस उपकरण का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाना चाहिए ताकि कोरोना संक्रमण वाले लोगों का तेजी से पता लगाया जा पाए.

पढ़ें-24 घंटे में कोरोना के 3.14 लाख के पार नए केस, 2,104 मरीजों की मौत

केजे अस्पताल और स्नातकोत्तर अनुसंधान केंद्र की छात्रा तेजस्वी ने बताया कि, वह कैंसर अनुसंधान में शामिल थे, लेकिन जब कोरोना दूसरी लहर दुनिया को प्रभावित कर रही है, तो हमने इस मशीन को डिजाइन किया है.' केंद्र के प्रौद्योगिकी कर्मचारी आरजू ने कहा कि यह उपकरण बहुत तेजी से कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए उपयोगी होगा.

Last Updated : Apr 23, 2021, 6:18 AM IST
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