हरिद्वार: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) एक दिवसीय दौरे पर हरिद्वार पहुंचे. उस दौरान उन्होंने कहा चुनाव बाद अगर भाजपा की सरकार आई तो यहां नई पोस्ट दंगा मंत्री (new post riot minister) की निकलने जा रही है. नागपुर से इसको लेकर ऑर्डर आ गया है कि दंगा मंत्री की एक पोस्ट और निकाली जाए.
राकेश टिकैत इतने पर ही नहीं रूके उन्होंने कहा आने वाले समय में वह गृहमंत्री के नीचे तीसरी पोजीशन पर दंगा मंत्री काम करेगा. अगर कहीं बीजेपी की सरकार आएगी तो वहां एक दंगा मंत्री जरूर बनाया करेगी, उसी से बयानबाजी करवाएगी. क्योंकि इनको सबको बयान देना पड़े तो सारे बदनाम हो जाते हैं तो इस नई पहल से कम से कम एक ही बदनाम होगा.
राकेश टिकैत ने चुनाव के मद्देनजर जनता को सचेत करते हुए कहा कि वे झूठे वादों में ना फंसे. हिंदू-मुस्लिम, जिन्ना, पाकिस्तान जो शब्द आते हैं, यह शब्द ढाई महीने के पैरोल पर आते हैं. लोग इनमें ज्यादा ना फंसे. रोजगार के क्या साधन है? हॉस्पिटल की क्या व्यवस्था है? कोरोना में दवाइयों का क्या प्रबंध है, जैसे प्रश्न प्रत्याशी से जरूर करें. राकेश टिकैत ने कहा किसान आंदोलन का फर्क चुनाव में पड़ना निश्चित है. अगर ईमानदारी से चुनाव होते हैं तो भाजपा को नुकसान होगा. ऐसा नहीं कि चुनाव में किसान एक ही तरफ जाता है, बल्कि चुनाव में कई फैक्टर कार्य करते हैं. जातिवाद, धर्मवाद इन सबका फर्क पड़ता है, लेकिन फिर भी बीजेपी को ही नुकसान होगा.
लखीमपुर कांड के आरोपी के 3 महीने में ही जेल से बाहर आने पर राकेश टिकैत ने कहा क्या इस तरह की सरकारें चाहिए कि 3 महीने में मुख्य अभियुक्त जेल से बाहर आ जाए. इसमें सरकार की ढिलाई साफ दिखाई दी है. सरकार को जिस तरह से पैरवी करनी चाहिए थी, नहीं की गई. अगर गरीब आदमी अपनी पैरवी नहीं कर सकता तो सरकार क्या मुजरिमों को छोड़ने का काम करेगी ? कोर्ट में भी तथ्य पेश नहीं होंगे.
इससे सरकार यह संदेश देना चाहती है कि अगर हमारे साथ जुड़े होगे तो कुछ भी कर्मकांड करोगे तो आप जेल से बाहर आ जाओगे. इससे बड़ी घटना नहीं हो सकती कि भीड़ को गाड़ियों से रौंदा गया. कानून तो यह भी है कि अगर आपकी गाड़ी से दुर्घटना हो जाती है तो आप उसे उठाकर हॉस्पिटल ले जाएंगे, लेकिन एक्सीडेंट किया गया उसके बाद रौंदते हुए 5 लोगों की हत्या की गई और 3 महीने में जेल से बाहर आ गए. क्या आपने पावर का मिस यूज नहीं किया.
टिकैत ने कहा गृह राज्य मंत्री को हटाया जाना चाहिए था, लेकिन सरकार ने अड़ियल रुख रखा. इसको लेकर हम जनता की अदालत में जाएंगे, जनता के समक्ष अपनी बात कहेंगे. किसान आंदोलन को लेकर सरकार ने जो वादे किए थे, वह पूरे नहीं किए गए. बिजली अमेंडमेंट बिल पर कोई बातचीत नहीं हुई और एमएसपी पर जो कमेटी बनाने का वादा किया था, वह भी पूरा नहीं किया गया.
उन्होंने कहा जो केस किसानों पर दर्ज हैं, वे भी वापस नहीं लिए गए. इनपुट आ रहा है कि चुनाव के बाद केसेस वापस नहीं होंगे. पर्चे आने शुरू होंगे, लोग तैयार रहें जेल जाने के लिए. सरकार ने जो वादे पूरे नहीं किए उसको लेकर हम पूरे देश में जाएंगे और बताएंगे कि देश को बेचने का एक षड्यंत्र जो चल रहा है, उसका नुकसान पूरे देश को हो रहा है. आने वाले समय में वैचारिक आंदोलन होंगे. आज जब वैचारिक आंदोलन होते हैं तो परिवर्तन होता है. वहीं, राकेश टिकैत ने उत्तराखंड को ऑर्गेनिक स्टेट बनाने की पुरानी मांग को दोहराया. उन्होंने कहा अगर ऐसा होता है तो पहाड़ के किसानों को लाभ होगा और पलायन भी रुक सकेगा.