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मुजफ्फरनगर के बाद आज करनाल में महापंचायत कर ताल ठोकेंगे किसान - करनाल में किसानों की महापंचायत

यूपी के मुजफ्फरनगर में महापंचायत करने के बाद किसान आज हरियाणा में डटेंगे. करनाल में किसानों की महापंचायत को लेकर प्रशासन भी अलर्ट पर है. किसान महापचायत से पहले 'ईटीवी भारत' संवाददाता नियामिका सिंह ने हरियाणा कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल से बात की.

महापंचायत कर ताल ठोकेंगे किसान
महापंचायत कर ताल ठोकेंगे किसान
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Published : Sep 7, 2021, 12:20 AM IST

Updated : Sep 7, 2021, 5:30 AM IST

चंडीगढ़ : तीन कृषि कानूनों के खिलाफ यूपी के मुजफ्फरनगर में महापंचायत करने के बाद किसान आज हरियाणा में डटेंगे. महापंचायत को लेकर प्रशासन अलर्ट है. हरियाणा सरकार ने 28 अगस्त के पुलिस लाठीचार्ज को लेकर किसानों की महापंचायत और लघु सचिवालय के घेराव की योजना के एक दिन पहले सोशल मीडिया के जरिए गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार पर काबू के लिए करनाल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया.

सुनिए बंसल ने क्या कहा

दरअसल 28 अगस्त को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज में कई किसान नेताओं को चोटें आईं थीं. जिसके बाद करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा (SDM Karnal Ayush Sinha) का तबादला किया गया था. ऐसे में प्रशासन किसान महापंचायत को लेकर अलर्ट है.

उधर, किसान महापचायत से पहले 'ईटीवी भारत' संवाददाता नियामिका सिंह ने हरियाणा कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल से बात की. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के कारण, किसान शुरू से ही भाजपा के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. हरियाणा में, किसानों ने भाजपा को बैठकें करने की अनुमति नहीं दी.

बंसल ने कहा कि किसान महापंचायत का आयोजन राजनीतिकरण नहीं है. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक में देश में, सत्ता में बैठे लोगों के खिलाफ हर वर्ग आवाज उठा सकता है अगर उन्हें लगता है कि उनके अधिकारों का दमन हो रहा है.

विवेक बंसल ने यह भी माना कि किसान कैडर इन तीन कानूनों को लेकर भाजपा के खिलाफ पूरी तरह से एकजुट है. उन्होंने कहा कि किसान संगठन केंद्र के झुकने तक अपनी मांगों पर अडिग रहेंगे.

किसानों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस के रुख को लेकर बंसल ने कहा कि कांग्रेस हमेशा किसानों के समर्थन में खड़ी रही है. हमारा मानना ​​है कि ये तीन विधेयक किसानों की दुर्दशा के लिए हैं. क्या केंद्र के लिए इन विधेयकों को पारित करने से पहले किसानों से परामर्श करना जरूरी नहीं था.

बंसल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के कार्य केवल क्रोनी कैपिटलिज्म की ओर इशारा करते हैं.

महापंचायत को लेकर अलर्ट
उधर, सोमवार को गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, करनाल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर 12:30 बजे से लेकर मंगलवार मध्यरात्रि तक बंद रहेंगी. 'करनाल जिला में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था की किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए' जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, एसएमएस सेवाएं, डोंगल सेवाएं आदि निलंबित रहेंगी.

आदेश में कहा गया है कि मोबाइल फोन और एसएमएस पर व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों के जरिए गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार पर काबू के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि हरियाणा के सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है.

प्रशासन ने सोमवार को करनाल में लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया था. अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने सोमवार को कहा था कि विशाल पंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसके बाद किसान लघु सचिवालय का घेराव करेंगे. उन्होंने कहा, ' किसान करनाल की नई अनाज मंडी में एकत्रित होंगे.'

पढ़ें- किसान महापंचायत : करनाल में लगाई गई धारा 144, इंटरनेट सेवाएं होंगी बंद

पढ़ें- पार्टियां किसानों को बरगला रहीं, किसान अपनी आपत्तियां बताएं : बालियान

चंडीगढ़ : तीन कृषि कानूनों के खिलाफ यूपी के मुजफ्फरनगर में महापंचायत करने के बाद किसान आज हरियाणा में डटेंगे. महापंचायत को लेकर प्रशासन अलर्ट है. हरियाणा सरकार ने 28 अगस्त के पुलिस लाठीचार्ज को लेकर किसानों की महापंचायत और लघु सचिवालय के घेराव की योजना के एक दिन पहले सोशल मीडिया के जरिए गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार पर काबू के लिए करनाल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया.

सुनिए बंसल ने क्या कहा

दरअसल 28 अगस्त को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज में कई किसान नेताओं को चोटें आईं थीं. जिसके बाद करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा (SDM Karnal Ayush Sinha) का तबादला किया गया था. ऐसे में प्रशासन किसान महापंचायत को लेकर अलर्ट है.

उधर, किसान महापचायत से पहले 'ईटीवी भारत' संवाददाता नियामिका सिंह ने हरियाणा कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल से बात की. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के कारण, किसान शुरू से ही भाजपा के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. हरियाणा में, किसानों ने भाजपा को बैठकें करने की अनुमति नहीं दी.

बंसल ने कहा कि किसान महापंचायत का आयोजन राजनीतिकरण नहीं है. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक में देश में, सत्ता में बैठे लोगों के खिलाफ हर वर्ग आवाज उठा सकता है अगर उन्हें लगता है कि उनके अधिकारों का दमन हो रहा है.

विवेक बंसल ने यह भी माना कि किसान कैडर इन तीन कानूनों को लेकर भाजपा के खिलाफ पूरी तरह से एकजुट है. उन्होंने कहा कि किसान संगठन केंद्र के झुकने तक अपनी मांगों पर अडिग रहेंगे.

किसानों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस के रुख को लेकर बंसल ने कहा कि कांग्रेस हमेशा किसानों के समर्थन में खड़ी रही है. हमारा मानना ​​है कि ये तीन विधेयक किसानों की दुर्दशा के लिए हैं. क्या केंद्र के लिए इन विधेयकों को पारित करने से पहले किसानों से परामर्श करना जरूरी नहीं था.

बंसल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के कार्य केवल क्रोनी कैपिटलिज्म की ओर इशारा करते हैं.

महापंचायत को लेकर अलर्ट
उधर, सोमवार को गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, करनाल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर 12:30 बजे से लेकर मंगलवार मध्यरात्रि तक बंद रहेंगी. 'करनाल जिला में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था की किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए' जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, एसएमएस सेवाएं, डोंगल सेवाएं आदि निलंबित रहेंगी.

आदेश में कहा गया है कि मोबाइल फोन और एसएमएस पर व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों के जरिए गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार पर काबू के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि हरियाणा के सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है.

प्रशासन ने सोमवार को करनाल में लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया था. अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने सोमवार को कहा था कि विशाल पंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसके बाद किसान लघु सचिवालय का घेराव करेंगे. उन्होंने कहा, ' किसान करनाल की नई अनाज मंडी में एकत्रित होंगे.'

पढ़ें- किसान महापंचायत : करनाल में लगाई गई धारा 144, इंटरनेट सेवाएं होंगी बंद

पढ़ें- पार्टियां किसानों को बरगला रहीं, किसान अपनी आपत्तियां बताएं : बालियान

Last Updated : Sep 7, 2021, 5:30 AM IST
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