नई दिल्ली : केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि अदालतों में जजों की नियुक्ति के मामले में सरकार की ओर से ढिलाई नहीं बरती (Govt deliberately never held up any appointment) जा रही. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, हमें सुनिश्चित करना होता है कि जज बनने वाला शख्स न्यायालय में न्यायाधीश बनने के योग्य है. उन्होंने कहा कि न्यायिक नियुक्तियों में स्थापित प्रक्रिया का पालन करना होता है. ऐसे में हमारी ओर से कोई देरी नहीं की जाती.
कानून मंत्री ने राज्य सभा में बजट सत्र के चौथे दिन कहा, उच्च न्यायालय के 1098 न्यायाधीशों में 83 महिला न्यायाधीश हैं. उन्होंने कहा, व्यक्तिगत रूप से वे सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कॉलेजियम के संपर्क में हैं. रिजिजू ने बताया, सीजेआई के नेतृत्व वाले कॉलेजियम से उन्होंने पूछा है कि क्या न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश करते समय, महिलाओं, पिछड़े समुदायों, एससी, एसटी को प्राथमिकता दी जा सकती है ?
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सुप्रीम कोर्ट में महिला जजों की संख्या बढ़ रही
उन्होंने कहा, सरकार को इस बात की खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट में कुल 34 जजों (34 judges in the Supreme Court) में से पहली बार हमारे पास 4 महिला जज हैं. उन्होंने कहा कि इनमें से 3 की नियुक्ति उस समय की गई जब उन्होंने कानून मंत्री के रूप में पदभार संभाला.