भोपाल। शहर की पहचान अलग-अलग वजह से अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरह की बनी हुई है ऐसे ही भोपाल शहर की एक खास पहचान है यहां के बकरे. भोपाल में बकरा पालने वालों की एक बड़ी खासियत है कि वह बकरों को अलग तरह की खुराक देते हैं. जिसकी वजह से पूरे देश में भोपाल के बकरों की बकरीद के मौके पर बड़ी मांग रहती है. मुंबई और पुणे तक के लोग बकरीद के मौके पर कुर्बानी देने के लिए लोग भोपाल से बकरे ले जाते हैं. भोपाल में इस बार सबसे बड़ा बकरा जिसका नाम ही किंग था आयोजन में उसे नंबर वन घोषित किया गया.
176 किलो का बकरा किंग: भोपाल में हरसाल बकरीद से पहले बकरों का एक स्टेज शो आयोजन किया जाता है. जिसमें भोपाल शहर के बकरा पालने के शौकीन लोग अपने-अपने बकरों को लेकर आते हैं और उसके बाद वजन और ऊंचाई आधार पर बकरों को नंबर वन से लेकर नंबर तीन तक का खिताब दिया जाता है. राजधानी भोपाल के एक गोट फॉर्म में आयोजित इस कार्यक्रम में इस बार यह खिताब किंग नाम के एक बकरे को मिला है. इसकी खास बात यह है कि बकरे का वजन 176 किलो है जिसे मुंबई के रहने वाले एक व्यक्ति ने 12 लाख रुपए में खरीदा है.
किंग कैल्शियम का डोज: फार्म के संचालक सुहैल अहमद ने बताया कि वे बकरीद में कुर्बानी के लिए विशेष तौर पर कोटा नस्ल के बकरे लेकर आते हैं और उसके बाद उनकी खिलाई पिलाई कर कर उन्हें तैयार करते हैं. इन बकरों को गर्मी से बचाने के लिए इन्हें कूलर में रखा जाता है और साथ ही इनके स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखा जाता है. समय-समय पर इन्हें डॉक्टरों को दिखाया जाता है और डॉक्टरों की सलाह पर कैल्शियम का डोज भी दिया जाता है. सोहेल ने बताया कि वह इस बकरीद के लिए किंग को राजस्थान से 8 माह पहले लेकर आए थे उन्होंने बताया कि किंग को वे अपने फार्म में अन्य बकरों से अलग रखते थे उसका खान-पान भी अलग रखा गया था एवं लगभग रोज 4 घंटे उन्हें अलग से किंग के लिए देने पड़ते थे इसके साथ ही उसे खाने में चना, गेहूं, दूध, खजूर और शहद दिया जाता था.
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12 लाख का किंग: किंग नाम के इस बकरे की ऊंचाई करीब 43 इंच है. बताया जा रहा है कि किंग के लिए उनसे मुंबई के अंसार खान ने संपर्क किया है. किंग नाम के बकरे का सौदा 12 लाख में तय हुआ है. अंसार किंग को जल्द लेकर जाएंगे, वे बड़े बकरों की कुर्बानी के शौकीन हैं. सुहैल बताते हैं कि भोपाल में बड़े बकरों के शौकीन लोग बड़ी संख्या में अब बाहर से खरीदने आ रहे हैं. राजधानी में बड़ी संख्या में बकरों को पालने वाले शौकीन लोग हैं जो फार्म हाउस के अलावा घरों पर भी बकरों को पालते हैं और अपने घर में कुर्बानी देने के लिए खुद ही अपने घरों में बकरों की अच्छी खिलाई अप्लाई कर उन्हें कुर्बानी के लिए तैयार करते हैं.