पांवटा साहिब: किंग कोबरा सांप जिसकी गिनती सबसे जहरीले सांपों में होती है. यही किंग कोबरा हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में देखा गया है. इस बार किंग कोबरा को पांवटा साहिब क्षेत्र के तहत जंगलोट गांव के समीप देखा गया है. इस किंग कोबरा की लंबाई लगभग साढ़े 10 से 11 फीट के करीब बताई जा रही है. वन और वन्य प्राणी विभाग ने जंगलोट गांव के समीप किंग कोबरा होने की पुष्टि की है.
कितना जहरीला होता है ये सांप?: किंग कोबरा एक बार जहर निकालता है, तो उससे 11 लोगों की मौत हो सकती है, जबकि भारतीय कोबरा एक बार में करीब 10 लोगों की जान ले सकता है. किंग कोबरा से बाकी सांप भी बचकर निकलते हैं, क्योंकि यह उन्हें भी खा जाता है. खतरनाक बात यह कि अपने शिकार को मारने के लिए किंग कोबरा को डसने की जरूरत नहीं. यह 2 मीटर दूर से ही जहर फेंककर शिकार को अंधा कर सकता है. इसका एक दंश ही इंसान की मौत के लिए काफी है. किंग कोबरा के काटने के 30 मिनट के भीतर ऐंटी-वेनम न मिले तो मौत हो जाती है.
बता दें कि जंगलोट गांव के पंकज ठाकुर और उसके कुछ साथियों ने लिंक रोड पर इस अद्भुत सांप को दिखा. सड़क के आर पार लेटे हुए सांप का वीडियो बनाया और फोटो खींची. पंकज ठाकुर ने ही वीडियो और जानकारी वन्य प्राणी विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को दी. इस पर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वेटरनरी विभाग के अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे. वन्य प्राणी विभाग, वन विभाग और वेटरिनरी विभाग के अधिकारियों ने किंग कोबरा को खोजने का प्रयास किया, मगर दोबारा किंग कोबरा नजर नहीं आया. वीडियो के आधार पर स्पॉट की पैमाइश से पता चला है किंग कोबरा की लंबाई लगभग 10.50 से 11 फीट के करीब है.
गौरतलब है कि किंग कोबरा मुख्य रूप से भारत, दक्षिणी चीन और दक्षिण पूर्व एशिया के वर्षा वनों और मैदानी इलाकों में रहते हैं, लेकिन ये तीसरी दफा है जब किंग कोबरा हिमाचल में देखा गया. किंग कोबरा को सबसे पहले मई 2021 शिवालिक हिल्स की पहाड़ियों में फांदी गांव के समीप देखा गया था. पहली बार किंग कोबरा को देखा जाना बेहद अचंभित करने वाला था, क्योंकि इससे पहले हिमाचल में कभी किंग कोबरा को नहीं देखा गया था. विशालकाय किंग कोबरा को प्रवीण ठाकुर नाम के व्यक्ति ने देखा था. प्रवीण ठाकुर ने इसका वीडियो भी बनाया था. इसी वीडियो के आधार पर जांच में पता चला था कि वीडियो में नजर आ रहा विशालकाय सांप किंग कोबरा ही है.
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दूसरी बार किंग कोबरा को पांवटा साहिब वन क्षेत्र के तहत मालगी सारा के जंगलों में देखा गया था. यहां वनकर्मी विजय कुमार ने अपने मोबाइल के कमरे में बेहद शर्मीले और बेहद दुर्लभ किंग कोबरा की तस्वीरें कैद की थी. वन कर्मी द्वारा दूसरी बार देखे गए किंग कोबरा की लंबाई 6 से 8 फीट के आसपास बताई थी. बता दें कि इससे पहले उत्तर भारत हिमालय क्षेत्र में सिर्फ उत्तराखंड को ही किंग कोबरा के हैबिटेट के तौर पर जाना जाता था. मगर अब हिमाचल के पांवटा साहिब में तीन बार किंग कोबरा नजर आने के बाद अब इस क्षेत्र को भी किंग कोबरा के हैबिटेट (प्रकृतिक नीवस) के तौर पर पहचान मिल पाएगी. कर्नाटक के अगुम्बे में देश का एक मात्र किंग कोबरा रिसर्च सेंटर है. आज उदुम्बी किंग कोबरा रिसर्च टूरिज्म सेंटर के रूप में उभरा है.
IFS गुरहर्ष, वेटनरी ऑफिसर डॉ. कार्तिक और वन्य प्राणी विभाग के रेंज ऑफिसर सुरेंद्र शर्मा और उनकी टीम ने किंग कोबरा के हैबिटेट के संबंध में गांव के लोगों को जागरूक भी किया. साथ ही घोषणा की गई है कि वन्य प्राणी सप्ताह तहत 10 अक्टूबर को एक कार्यक्रम के दौरान किंग कोबरा का वीडियो बनाने वाले पंकज ठाकुर को पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा.
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