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वाराणसी में नमो घाट घूमने पर लिया जा रहा चार्ज, कांग्रेस ने कहा- धर्म के नाम पर पैसा कमा रही सरकार

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Published : Aug 3, 2022, 11:29 AM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नमो घाट का कायाकल्प होने के बाद नगर निगम ने प्रवेश शुल्क लगा दिया है. इस पर कांग्रेस ने विरोध जताया है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार धर्म के नाम पर धर्म से ही पैसा कमाने में जुट गई है.

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उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नमो घाट

वाराणसी: बनारस स्मार्ट हो रहा है. बनारस में गंगा घाट से लेकर सड़क और बहुत कुछ स्मार्ट सिटी योजना के तहत बिल्कुल नया और अलग बनाने की कोशिश की गई है. बनारस के घाट के स्वरूप को भी बदला गया है, जिसकी वजह से कल तक खिड़कियां घाट के रूप में पहचान रखने वाले घाट को अब नमो घाट के रूप में जाना जाता है. इसके अलावा बेनियाबाग पार्क का भी कायाकल्प हो गया है. लेकिन, अब जब यह सब बनकर तैयार हो गया है और पब्लिक यहां बड़ी संख्या में पहुंचने लगी है तो स्मार्ट सिटी नगर निगम की तरफ से इस पर प्रवेश शुल्क लगा दिया गया है. इसे विपक्ष गलत मान रहा है और अंग्रेजी हुकूमत के फरमान की तरह सरकार की तरफ से पब्लिक से मनमाने ढंग से पैसे वसूलने की बात कर रहा है.

कांग्रेस नेता संजीव सिंह का बयान.

दरअसल, वाराणसी में नमो घाट बनकर तैयार हुआ है. हालांकि, अभी इसका उद्घाटन नहीं हुआ है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर से पहले वाराणसी दौरे पर आकर इस घाट पर कोई बड़ा आयोजन भी कर सकते हैं. लेकिन, इसके पहले ही इस घाट की इतनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं, जिसकी वजह से बनारस आने वाली भीड़ यहां पर खुद-ब-खुद पहुंच रही है. भीड़ को देखते हुए घाट पर अब 10 रुपये का टिकट लगा दिया गया है. बाकायदा मुख्य द्वार को बंद कर गेट पर ही टिकट बेचा जा रहा है और 10 रुपये 4 घंटे के लिए शुल्क मान्य है. इतना ही नहीं यहां पार्किंग का अलग शुल्क देना होगा. इसके अलावा बेनियाबाग में बनाए गए पार्क में भी शुल्क लगा दिया गया है. प्रवेश पर टिकट लेना अनिवार्य है नहीं तो प्रवेश ही नहीं मिलेगा.

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वाराणसी में नमो घाट पर लिया जा रहा शुल्क

हालांकि, इस बारे में जब स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी शाकंभरी नंदन से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि यह नॉमिनल चार्ज है. यहां पर आने वाले लोगों से मेंटेनेंस के रूप में यह लिया जा रहा है. बहुत ज्यादा पैसे नहीं लिए जा रहे हैं. घाट के रख-रखाव और इसको मेंटेन करने के लिए यह चार्ज लिया जा रहा है. वहीं, गंगा घाट पर शायद पहली बार लगे प्रवेश शुल्क को लेकर विपक्ष भी सरकार को घेरने के मूड में दिखाई दे रहा है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता संजीव सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि बनारस का गंगा घाट और सुबह-ए-बनारस के लिए जाना जाता है. लोगों की दिनचर्या में गंगा घाट पर जाना शामिल है. लेकिन, सरकार धर्म के नाम पर धर्म से ही पैसा कमाने में जुट गई है. यह पहली बार हुआ होगा जब गंगा घाट पर जाने का शुल्क देना होगा. इसका कांग्रेस विरोध करती है और जब तक यह वापस नहीं होता, तब तक इसका विरोध जारी रहेगा.

यह भी पढ़ें: बाबा विश्वनाथ का अर्धनारीश्वर स्वरूप देखने के लिए उमड़े लाखों श्रद्धालु

वहीं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता मनोज राय ने भी बातचीत में कहा है कि स्मार्ट सिटी शहर को स्मार्ट बनाने के नाम पर सिर्फ पैसा वसूलने का काम कर रही है. बनारस के लोगों को हो रही दिक्कत जाम से परेशानी पर इनका ध्यान ही नहीं है. गंगा घाट पर कभी शुल्क नहीं लगता था अब बाहर से आने वाले लोगों से सिर्फ धन उगाही के लिए शुल्क लगाकर बहुत गलत किया जा रहा है. यह बनारस के लोगों के लिए उचित निर्णय नहीं है.

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वाराणसी: बनारस स्मार्ट हो रहा है. बनारस में गंगा घाट से लेकर सड़क और बहुत कुछ स्मार्ट सिटी योजना के तहत बिल्कुल नया और अलग बनाने की कोशिश की गई है. बनारस के घाट के स्वरूप को भी बदला गया है, जिसकी वजह से कल तक खिड़कियां घाट के रूप में पहचान रखने वाले घाट को अब नमो घाट के रूप में जाना जाता है. इसके अलावा बेनियाबाग पार्क का भी कायाकल्प हो गया है. लेकिन, अब जब यह सब बनकर तैयार हो गया है और पब्लिक यहां बड़ी संख्या में पहुंचने लगी है तो स्मार्ट सिटी नगर निगम की तरफ से इस पर प्रवेश शुल्क लगा दिया गया है. इसे विपक्ष गलत मान रहा है और अंग्रेजी हुकूमत के फरमान की तरह सरकार की तरफ से पब्लिक से मनमाने ढंग से पैसे वसूलने की बात कर रहा है.

कांग्रेस नेता संजीव सिंह का बयान.

दरअसल, वाराणसी में नमो घाट बनकर तैयार हुआ है. हालांकि, अभी इसका उद्घाटन नहीं हुआ है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर से पहले वाराणसी दौरे पर आकर इस घाट पर कोई बड़ा आयोजन भी कर सकते हैं. लेकिन, इसके पहले ही इस घाट की इतनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं, जिसकी वजह से बनारस आने वाली भीड़ यहां पर खुद-ब-खुद पहुंच रही है. भीड़ को देखते हुए घाट पर अब 10 रुपये का टिकट लगा दिया गया है. बाकायदा मुख्य द्वार को बंद कर गेट पर ही टिकट बेचा जा रहा है और 10 रुपये 4 घंटे के लिए शुल्क मान्य है. इतना ही नहीं यहां पार्किंग का अलग शुल्क देना होगा. इसके अलावा बेनियाबाग में बनाए गए पार्क में भी शुल्क लगा दिया गया है. प्रवेश पर टिकट लेना अनिवार्य है नहीं तो प्रवेश ही नहीं मिलेगा.

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वाराणसी में नमो घाट पर लिया जा रहा शुल्क

हालांकि, इस बारे में जब स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी शाकंभरी नंदन से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि यह नॉमिनल चार्ज है. यहां पर आने वाले लोगों से मेंटेनेंस के रूप में यह लिया जा रहा है. बहुत ज्यादा पैसे नहीं लिए जा रहे हैं. घाट के रख-रखाव और इसको मेंटेन करने के लिए यह चार्ज लिया जा रहा है. वहीं, गंगा घाट पर शायद पहली बार लगे प्रवेश शुल्क को लेकर विपक्ष भी सरकार को घेरने के मूड में दिखाई दे रहा है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता संजीव सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि बनारस का गंगा घाट और सुबह-ए-बनारस के लिए जाना जाता है. लोगों की दिनचर्या में गंगा घाट पर जाना शामिल है. लेकिन, सरकार धर्म के नाम पर धर्म से ही पैसा कमाने में जुट गई है. यह पहली बार हुआ होगा जब गंगा घाट पर जाने का शुल्क देना होगा. इसका कांग्रेस विरोध करती है और जब तक यह वापस नहीं होता, तब तक इसका विरोध जारी रहेगा.

यह भी पढ़ें: बाबा विश्वनाथ का अर्धनारीश्वर स्वरूप देखने के लिए उमड़े लाखों श्रद्धालु

वहीं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता मनोज राय ने भी बातचीत में कहा है कि स्मार्ट सिटी शहर को स्मार्ट बनाने के नाम पर सिर्फ पैसा वसूलने का काम कर रही है. बनारस के लोगों को हो रही दिक्कत जाम से परेशानी पर इनका ध्यान ही नहीं है. गंगा घाट पर कभी शुल्क नहीं लगता था अब बाहर से आने वाले लोगों से सिर्फ धन उगाही के लिए शुल्क लगाकर बहुत गलत किया जा रहा है. यह बनारस के लोगों के लिए उचित निर्णय नहीं है.

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