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कभी यूपी के जौनपुर की सड़कों को लेकर पीएम से भिड़ गए थे अखिलेश, आज भी नहीं बदले हालात

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Published : Dec 21, 2020, 8:55 PM IST

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले का खेतासराय-खुटहन के बीच का सड़क मार्ग विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए वो ढाल बना था, जिसमें अखिलेश यादव 'काम बोलता है' के नारों के साथ प्रदेश भर में बीजेपी को निशाने पर ले रहे थे. 15 फरवरी को उन्नाव में आगरा एक्सप्रेस-वे के जिक्र कर अखिलेश का बीजेपी पर किया गया जुबानी हमला एक तरफा होता जा रहा था, लेकिन 4 मार्च को प्रधानमंत्री ने अखिलेश के इस हमले की ढाल खोज निकाली और खेतासराय से खुटहन की खस्ताहाल रोड का जिक्र कर सपा को सकते में डाल दिया.

पीएम मोदी और अखिलेश की जुबानी जंग
पीएम मोदी और अखिलेश की जुबानी जंग

जौनपुर: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार सड़कों के निर्माण पर खूब जोर दे रही है. प्रदेश में सड़क निर्माण हो भी रहा है, लेकिन जिले की वो सड़क जिसके खस्ताहाल का जिक्र खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 के चुनाव में किया था, वो आज भी बदहाल है.

शाहगंज विधानसभा क्षेत्र में स्थित खेतासराय-खुटहन के बीच का 9.7 किलोमीटर सड़क मार्ग आज भी बदहाल है. हालांकि प्रधानमंत्री के बयान के बाद यह सड़क योगी सरकार के कार्यकाल में मार्च 2018 में बनी थी. 3 साल भी रोड के पूरे नहीं हो पाए कि रोड की स्थिति जर्जर हो गई है. यह वही रोड है जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा था कि अगर इस रोड पर अखिलेश यादव अपने नए दोस्त (राहुल गांधी) के साथ साइकिल पर सवार होकर जाएंगे तो कभी समाजवादी पार्टी को वोट नहीं करेंगे.

जौनपुर की सड़कों की बदहाली पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जिले के खेतासराय-खुटहन मार्ग की हाईप्रोफाइल सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण रोजगार योजना के तहत 2018 मार्च में मेंबर्स दिव्या कंस्ट्रक्शन के तहत पूरा किया गया. सड़क लगभग 9.7 किलोमीटर 407.97 लाख रुपये में बनाई गई. इसमें कंस्ट्रक्शन कंपनी को 5 साल मरम्मत करने का प्रावधान है. इस सड़क को मार्च 2021 में तीन साल पूरे होंगे, लेकिन सड़क गड्ढायुक्त हो गई है. इस पर विपक्ष ने हमला करते हुए जांच कराने की मांग कर दी है.

हाईप्रोफाइल सड़क का क्या है मामला

खेतासराय-खुटहन मार्ग उस समय हाईप्रोफाइल हो गया जब मार्च 2017 विधानसभा में जौनपुर में जनता को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन समाजवादी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अखिलेश यादव अपने नए दोस्त (राहुल गांधी) के साथ खेतासराय-खुटहन मार्ग पर साइकिल पर पीछे बैठकर जाएंगे तो वे भी समाजवादी पार्टी को वोट नहीं देंगे.

सड़क पर जमकर हुई थी राजनीति

प्रधानमंत्री के जिक्र के बाद इस सड़क पर जमकर राजनीति भी हुई. हालांकि, चुनाव संपन्न हुए. बीजेपी भारी बहुमत से सत्ता पर काबिज हुई. 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही 15 जून तक प्रदेश की सभी सड़कों को गढ्ढामुक्त करने का एलान भी कर दिया था. बात जब खेतासराय और खुटहन के बीच के सड़क हुई तो मामला पीडब्ल्यूडी और ठेकेदार के बीच फंसता दिखाई दिया. दोबारा टेंडर कर सड़क बनी, लेकिन गुणवत्ता विहीन.

सड़क का निर्माण एवं स्थिति

खेतासराय-खुटहन मार्ग का भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद 2018 में मैमर्स दिव्या कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक चंद्रभूषण तिवारी के द्वारा मार्च 2018 में 9.40 किलोमीटर की सड़क का निर्माण 407.73 लाख रुपये में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किया गया. पांच साल की गारंटी वाली सड़क ढाई साल में ही खस्ताहाल हो गई.

सहायक अभियंता प्रमोद यादव ने बताया कि यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम ग्रामीण योजना के तहत बनी है, जिसे मैमर्स दिव्या कंस्ट्रक्शन कंपनी चंद्रभूषण के द्वारा बनाई गई है. इसे मार्च 2018 में प्रधानमंत्री ग्राम विकास योजना के तहत बनाया गया था. इन सड़कों पर 5 साल मरम्मत का काम कंस्ट्रक्शन कंपनी करती है. उसे 5 साल तक निर्माण करना होता है. जिस कंपनी ने इसको बनाया है उसके यहां कोरोनावायरस होने के कारण मरम्मत का कार्य लेट में हुआ है. मंगलवार से इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा.

क्या कहते हैं राहगीर

राहगीर विकास यादव ने बताया कि खेतासराय-खुटहन मार्ग की सड़क की स्थिति खराब है. सड़क में कई जगह गड्ढे हो गए हैं. सड़क पर किसी का ध्यान नहीं है. जब कोई नेता या मंत्री आता है तो इस रोड पर काम होता है, उसके बाद स्थिति जस की तस हो जाती है. ईटीवी भारत ने कई स्थानीय निवासियों और राहगीरों से बात की तो सड़क की बदहाल स्थिति स्पष्ट हो गई. सड़क पर जगह-जगह गढ्ढे आए दिन हादसों को दावत दे रहे हैं.

विपक्ष ने की जांच की मांग

खेतासराय-खुटहन मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम विकास योजना के तहत बना था. 3 साल के अंदर खराब हो जाने पर शाहगंज के विधायक शैलेंद्र कुमार उर्फ ललई ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार सिर्फ बोलने का काम करती है और कोई काम यह नहीं कर सकती. ललई यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की इसी रोड की नहीं, बल्कि सभी रोड की जांच होनी चाहिए. इसमें बहुत बड़ा घोटाला किया जा रहा है.

जौनपुर: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार सड़कों के निर्माण पर खूब जोर दे रही है. प्रदेश में सड़क निर्माण हो भी रहा है, लेकिन जिले की वो सड़क जिसके खस्ताहाल का जिक्र खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 के चुनाव में किया था, वो आज भी बदहाल है.

शाहगंज विधानसभा क्षेत्र में स्थित खेतासराय-खुटहन के बीच का 9.7 किलोमीटर सड़क मार्ग आज भी बदहाल है. हालांकि प्रधानमंत्री के बयान के बाद यह सड़क योगी सरकार के कार्यकाल में मार्च 2018 में बनी थी. 3 साल भी रोड के पूरे नहीं हो पाए कि रोड की स्थिति जर्जर हो गई है. यह वही रोड है जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा था कि अगर इस रोड पर अखिलेश यादव अपने नए दोस्त (राहुल गांधी) के साथ साइकिल पर सवार होकर जाएंगे तो कभी समाजवादी पार्टी को वोट नहीं करेंगे.

जौनपुर की सड़कों की बदहाली पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जिले के खेतासराय-खुटहन मार्ग की हाईप्रोफाइल सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण रोजगार योजना के तहत 2018 मार्च में मेंबर्स दिव्या कंस्ट्रक्शन के तहत पूरा किया गया. सड़क लगभग 9.7 किलोमीटर 407.97 लाख रुपये में बनाई गई. इसमें कंस्ट्रक्शन कंपनी को 5 साल मरम्मत करने का प्रावधान है. इस सड़क को मार्च 2021 में तीन साल पूरे होंगे, लेकिन सड़क गड्ढायुक्त हो गई है. इस पर विपक्ष ने हमला करते हुए जांच कराने की मांग कर दी है.

हाईप्रोफाइल सड़क का क्या है मामला

खेतासराय-खुटहन मार्ग उस समय हाईप्रोफाइल हो गया जब मार्च 2017 विधानसभा में जौनपुर में जनता को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन समाजवादी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अखिलेश यादव अपने नए दोस्त (राहुल गांधी) के साथ खेतासराय-खुटहन मार्ग पर साइकिल पर पीछे बैठकर जाएंगे तो वे भी समाजवादी पार्टी को वोट नहीं देंगे.

सड़क पर जमकर हुई थी राजनीति

प्रधानमंत्री के जिक्र के बाद इस सड़क पर जमकर राजनीति भी हुई. हालांकि, चुनाव संपन्न हुए. बीजेपी भारी बहुमत से सत्ता पर काबिज हुई. 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही 15 जून तक प्रदेश की सभी सड़कों को गढ्ढामुक्त करने का एलान भी कर दिया था. बात जब खेतासराय और खुटहन के बीच के सड़क हुई तो मामला पीडब्ल्यूडी और ठेकेदार के बीच फंसता दिखाई दिया. दोबारा टेंडर कर सड़क बनी, लेकिन गुणवत्ता विहीन.

सड़क का निर्माण एवं स्थिति

खेतासराय-खुटहन मार्ग का भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद 2018 में मैमर्स दिव्या कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक चंद्रभूषण तिवारी के द्वारा मार्च 2018 में 9.40 किलोमीटर की सड़क का निर्माण 407.73 लाख रुपये में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किया गया. पांच साल की गारंटी वाली सड़क ढाई साल में ही खस्ताहाल हो गई.

सहायक अभियंता प्रमोद यादव ने बताया कि यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम ग्रामीण योजना के तहत बनी है, जिसे मैमर्स दिव्या कंस्ट्रक्शन कंपनी चंद्रभूषण के द्वारा बनाई गई है. इसे मार्च 2018 में प्रधानमंत्री ग्राम विकास योजना के तहत बनाया गया था. इन सड़कों पर 5 साल मरम्मत का काम कंस्ट्रक्शन कंपनी करती है. उसे 5 साल तक निर्माण करना होता है. जिस कंपनी ने इसको बनाया है उसके यहां कोरोनावायरस होने के कारण मरम्मत का कार्य लेट में हुआ है. मंगलवार से इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा.

क्या कहते हैं राहगीर

राहगीर विकास यादव ने बताया कि खेतासराय-खुटहन मार्ग की सड़क की स्थिति खराब है. सड़क में कई जगह गड्ढे हो गए हैं. सड़क पर किसी का ध्यान नहीं है. जब कोई नेता या मंत्री आता है तो इस रोड पर काम होता है, उसके बाद स्थिति जस की तस हो जाती है. ईटीवी भारत ने कई स्थानीय निवासियों और राहगीरों से बात की तो सड़क की बदहाल स्थिति स्पष्ट हो गई. सड़क पर जगह-जगह गढ्ढे आए दिन हादसों को दावत दे रहे हैं.

विपक्ष ने की जांच की मांग

खेतासराय-खुटहन मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम विकास योजना के तहत बना था. 3 साल के अंदर खराब हो जाने पर शाहगंज के विधायक शैलेंद्र कुमार उर्फ ललई ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार सिर्फ बोलने का काम करती है और कोई काम यह नहीं कर सकती. ललई यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की इसी रोड की नहीं, बल्कि सभी रोड की जांच होनी चाहिए. इसमें बहुत बड़ा घोटाला किया जा रहा है.

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