नई दिल्ली: भारत के सर्वाधिक वांछित लोगों में शामिल खालिस्तानी आतंकवादी लखबीर सिंह रोडे का पाकिस्तान में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है. वह जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजे था. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. 72 वर्षीय लखबीर खालिस्तानी अलगाववादी आंदोलन का ब्रेन था. भिंडरावाले की मौत के बाद वह पाकिस्तान भाग गया था और वहां लाहौर में बस गया था. रोडे इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लखबीर सिंह रोडे को आतंकवादी के रूप में नामित किया था. रोडे का नाम 1985 में कंशिका बम विस्फोट समेत कई अन्य दूसरे आतंकी मामलों में शामिल किया गया था. मोहाली में एनआईए की विशेष ने अदालत इस साल मोगा जिले के कोठे गुरुपुरा गांव में उसकी जमीन जब्त करने का आदेश दिया.
एनआईए ने उसके खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, यूएपीए, एनडीपीएस अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 33(5) के तहत आदेश दिया गया था. रिपोर्ट के अनुसार यह मामला 2021 में फाजिल्का जिले के जलालाबाद में पंजाब नेशनल बैंक के पास टिफिन बम विस्फोट के बाद दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा था.
जांच एजेंसी ने कहा था कि रोडे ने अपने पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर विस्फोट की साजिश रची थी. लखबीर सिंह के भाई और पूर्व अकाल तख्त जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने उसकी मौत की पुष्टि की है. रिपोर्ट के अनुसार एक दिसंबर की रात को उसे हार्ट अटैक आया और 2 दिसंबर को उसा अंतिम संस्कार कर दिया गया.