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हवाला सौदों में उलझी केरल की भाजपा, बचाव की मुद्रा में चुप हुआ राष्ट्रीय नेतृत्व

विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद राज्य में सामने आए हवाला फंड मामले में एक पुलिस शिकायत दर्ज की गई थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि जिस कार में इसे ले जाया जा रहा था, उस पर हमला करके एक गिरोह द्वारा 25 लाख रुपये लूट लिए गए.

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Published : Jun 6, 2021, 4:40 PM IST

तिरुवनंतपुरम : बीते 3 अप्रैल को हुई लूट की घटना ने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया क्योंकि बाद में यह धन भाजपा के लिए लाए गए हवाला फंड के 3.5 करोड़ रुपये से अधिक पाया गया था.

राज्य के चुनावों के अगले दिन 7 अप्रैल को कोझीकोड के मूल निवासी शमजीर शम्सुद्दीन ने शिकायत दर्ज कराई थी. जब पुलिस जांच दल ने पाया कि लगभग 3.5 करोड़ रुपये की लूट हुई थी और यह एक 'हवाला' लेनदेन था, तो खेल बदल गया. जैसा कि पुलिस ने पाया कि हवाला फंड भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए लाया गया था.

इससे राज्य में भाजपा के वरिष्ठ नेता पुलिस जांच के दायरे में आ गए. पुलिस से मिली ताजा जानकारी के अनुसार जांच दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन और राज्यसभा सांसद सुरेश गोपी से पूछताछ करेगा, जिन्होंने त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव लड़ा था.

केरल में कांग्रेस ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद के मुरलीधरन ने आरोप लगाया कि हवाला फंड कर्नाटक से लाया गया था और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्रन ने हवाला फंड को ट्रांसफर करने के लिए चुनाव के समय एक 'रणनीति' के रूप में हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया था.

राज्य विधानसभा में उसके पास (नेमोम, तिरुवनंतपुरम) की एकमात्र सीट हारने के अलावा भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व भी पीछे हट गया. क्योंकि राष्ट्रीय पार्टी की केरल इकाई, जिसने काले धन के खिलाफ लड़ाई की घोषणा की थी, वह हवाला मामले में उलझ जाती.

कांग्रेस के राज्य नेतृत्व ने पहले ही आरोप लगाया है कि अवैध धन हस्तांतरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जानकारी में हुआ है. पुलिस ने मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है और अब तक 1.5 करोड़ रुपये जब्त किए हैं.

गिरफ्तार किए गए इन लोगों से ही पुलिस को सूचना मिली थी कि हवाला का पैसा बीजेपी के लिए ले जाया जा रहा है. चूंकि पुलिस टीम आश्वस्त है कि भाजपा त्रिशूर जिला नेतृत्व के निर्देशानुसार अवैध धन लाया गया था, भाजपा के वरिष्ठ नेता भी जांच के दायरे में आ गए.

मामले की जांच कर रही पुलिस की विशेष टीम ने भाजपा के प्रदेश कार्यालय सचिव जी गिरीश और महासचिव एम गणेश को तलब कर पूछताछ की थी. पूछताछ में दोनों ने हवाला के सभी आरोपों से इनकार किया था.

बीजेपी महासचिव गणेश ने पुलिस टीम को बताया था कि हवाला मामले में फिलहाल पुलिस हिरासत में चल रहे धर्मजन आरएसएस के कार्यकर्ता हैं और उनसे सिर्फ संगठनात्मक मामलों पर चर्चा हुई. हालांकि पुलिस को धर्मजन का बयान यह था कि गणेश कोझीकोड से पैसे ले जा रहे वाहन के साथ थे.

धर्मजन के बयान के आधार पर त्रिशूर जिला भाजपा अध्यक्ष अनीश कुमार से भी पुलिस ने पूछताछ की. इस बीच भाजपा एक और विवाद में फंस गई क्योंकि जनतापति राष्ट्रीय पार्टी (जेआरपी) की राज्य कोषाध्यक्ष प्रसेता अझीकोडे ने आरोप लगाया कि भाजपा ने राज्य अध्यक्ष सीके जानू को वायनाड में चुनाव प्रचार में भाग लेने के लिए 10 लाख रुपये का भुगतान किया था.

जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह शामिल हुए. प्रसीता ने अपने आरोप की पुष्टि के लिए अपने और भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का रिकॉर्ड भी जारी किया था. हालांकि सुरेंद्रन ने आरोपों को खारिज किया है. आरोप लगाया जा रहा था कि सी के जानू को सौंपा गया पैसा भी हवाला फंड से है.

राज्य के चुनावों के इतिहास में यह पहली बार था कि एक भाजपा नेता एक ही समय में दो सीटों पर चुनाव लड़ता है और चुनाव प्रचार के लिए एक हेलीकॉप्टर का उपयोग करता है. हालांकि, ऐसे गंभीर आरोप लगे हैं कि सुरेंद्रन वास्तव में चुनाव के समय सड़क निरीक्षण से बचकर पड़ोसी भाजपा शासित राज्य कर्नाटक से हवाला के पैसे को केरल के विभिन्न हिस्सों में ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग कर रहे थे.

यह भी आरोप है कि चुनावी समय में हवाला सौदों के पीछे भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व है. सुरेंद्रन के साथियों के बड़े बक्से ले जाने और हेलीकॉप्टर से उतरने का वीडियो भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है.

सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के मुताबिक यहां तक ​​कि जिन बीजेपी उम्मीदवारों की जीत की संभावना कम थी, उन्हें भी 75 लाख रुपये का काला धन दिया जा रहा था. केरल के एकमात्र केंद्रीय राज्य मंत्री व भाजपा नेता वी मुरलीधरन ने अब तक इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

यह भी पढ़ें-कोरोना अपडेट : 24 घंटे में 1.14 लाख नए मामले, 2677 मौतें

भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व जिसने देश में सभी काले धन के लेन-देन को समाप्त करने के नाम पर बहुत आक्रामक थी, अब रक्षात्मक है. क्योंकि पार्टी के प्रमुख नेता कथित तौर पर हवाला में शामिल हो गए हैं.

तिरुवनंतपुरम : बीते 3 अप्रैल को हुई लूट की घटना ने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया क्योंकि बाद में यह धन भाजपा के लिए लाए गए हवाला फंड के 3.5 करोड़ रुपये से अधिक पाया गया था.

राज्य के चुनावों के अगले दिन 7 अप्रैल को कोझीकोड के मूल निवासी शमजीर शम्सुद्दीन ने शिकायत दर्ज कराई थी. जब पुलिस जांच दल ने पाया कि लगभग 3.5 करोड़ रुपये की लूट हुई थी और यह एक 'हवाला' लेनदेन था, तो खेल बदल गया. जैसा कि पुलिस ने पाया कि हवाला फंड भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए लाया गया था.

इससे राज्य में भाजपा के वरिष्ठ नेता पुलिस जांच के दायरे में आ गए. पुलिस से मिली ताजा जानकारी के अनुसार जांच दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन और राज्यसभा सांसद सुरेश गोपी से पूछताछ करेगा, जिन्होंने त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव लड़ा था.

केरल में कांग्रेस ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद के मुरलीधरन ने आरोप लगाया कि हवाला फंड कर्नाटक से लाया गया था और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्रन ने हवाला फंड को ट्रांसफर करने के लिए चुनाव के समय एक 'रणनीति' के रूप में हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया था.

राज्य विधानसभा में उसके पास (नेमोम, तिरुवनंतपुरम) की एकमात्र सीट हारने के अलावा भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व भी पीछे हट गया. क्योंकि राष्ट्रीय पार्टी की केरल इकाई, जिसने काले धन के खिलाफ लड़ाई की घोषणा की थी, वह हवाला मामले में उलझ जाती.

कांग्रेस के राज्य नेतृत्व ने पहले ही आरोप लगाया है कि अवैध धन हस्तांतरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जानकारी में हुआ है. पुलिस ने मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है और अब तक 1.5 करोड़ रुपये जब्त किए हैं.

गिरफ्तार किए गए इन लोगों से ही पुलिस को सूचना मिली थी कि हवाला का पैसा बीजेपी के लिए ले जाया जा रहा है. चूंकि पुलिस टीम आश्वस्त है कि भाजपा त्रिशूर जिला नेतृत्व के निर्देशानुसार अवैध धन लाया गया था, भाजपा के वरिष्ठ नेता भी जांच के दायरे में आ गए.

मामले की जांच कर रही पुलिस की विशेष टीम ने भाजपा के प्रदेश कार्यालय सचिव जी गिरीश और महासचिव एम गणेश को तलब कर पूछताछ की थी. पूछताछ में दोनों ने हवाला के सभी आरोपों से इनकार किया था.

बीजेपी महासचिव गणेश ने पुलिस टीम को बताया था कि हवाला मामले में फिलहाल पुलिस हिरासत में चल रहे धर्मजन आरएसएस के कार्यकर्ता हैं और उनसे सिर्फ संगठनात्मक मामलों पर चर्चा हुई. हालांकि पुलिस को धर्मजन का बयान यह था कि गणेश कोझीकोड से पैसे ले जा रहे वाहन के साथ थे.

धर्मजन के बयान के आधार पर त्रिशूर जिला भाजपा अध्यक्ष अनीश कुमार से भी पुलिस ने पूछताछ की. इस बीच भाजपा एक और विवाद में फंस गई क्योंकि जनतापति राष्ट्रीय पार्टी (जेआरपी) की राज्य कोषाध्यक्ष प्रसेता अझीकोडे ने आरोप लगाया कि भाजपा ने राज्य अध्यक्ष सीके जानू को वायनाड में चुनाव प्रचार में भाग लेने के लिए 10 लाख रुपये का भुगतान किया था.

जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह शामिल हुए. प्रसीता ने अपने आरोप की पुष्टि के लिए अपने और भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का रिकॉर्ड भी जारी किया था. हालांकि सुरेंद्रन ने आरोपों को खारिज किया है. आरोप लगाया जा रहा था कि सी के जानू को सौंपा गया पैसा भी हवाला फंड से है.

राज्य के चुनावों के इतिहास में यह पहली बार था कि एक भाजपा नेता एक ही समय में दो सीटों पर चुनाव लड़ता है और चुनाव प्रचार के लिए एक हेलीकॉप्टर का उपयोग करता है. हालांकि, ऐसे गंभीर आरोप लगे हैं कि सुरेंद्रन वास्तव में चुनाव के समय सड़क निरीक्षण से बचकर पड़ोसी भाजपा शासित राज्य कर्नाटक से हवाला के पैसे को केरल के विभिन्न हिस्सों में ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग कर रहे थे.

यह भी आरोप है कि चुनावी समय में हवाला सौदों के पीछे भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व है. सुरेंद्रन के साथियों के बड़े बक्से ले जाने और हेलीकॉप्टर से उतरने का वीडियो भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है.

सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के मुताबिक यहां तक ​​कि जिन बीजेपी उम्मीदवारों की जीत की संभावना कम थी, उन्हें भी 75 लाख रुपये का काला धन दिया जा रहा था. केरल के एकमात्र केंद्रीय राज्य मंत्री व भाजपा नेता वी मुरलीधरन ने अब तक इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

यह भी पढ़ें-कोरोना अपडेट : 24 घंटे में 1.14 लाख नए मामले, 2677 मौतें

भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व जिसने देश में सभी काले धन के लेन-देन को समाप्त करने के नाम पर बहुत आक्रामक थी, अब रक्षात्मक है. क्योंकि पार्टी के प्रमुख नेता कथित तौर पर हवाला में शामिल हो गए हैं.

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