फरीदाबाद: 35वें अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प सूरजकुंड मेले में लगा स्टॉल लोगों को खूब पसंद आ रहा है. पहली बार इस मेले में पहुंचे केरल के शिल्पकार राधा कृष्ण पल्ली का स्टॉल (Stubble Artifact Stall in Surajkund fair) चर्चा का विषय बना हुआ है. राधा कृष्ण पराली से कलाकृति बनाते हैं. जिसके दम पर वो कई नेशनल और स्टेट लेवल के अवॉर्ड जीत चुके हैं.
पराली अक्सर हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के प्रदूषण की वजह मानी जाती है, लेकिन केरल के इस कलाकार ने पराली से कलाकृति बनाकर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. उनकी इस कला का नाम मुडिक कला है. 40 साल पहले अपने उन्होंने अपने भाई की कला को देखकर इस क्षेत्र में हाथ आजमाया और अब यही कला उनके परिवार के जीवन यापन का जरिया बन गई है. केरल के रहने वाले 55 वर्षीय राधा कृष्ण पल्ली मुडिक कला के महारथी हैं.
इस कला में सबसे पहले वो कपड़े पर पेंसिल से कलाकृति बनाते हैं, फिर धान की टहनियों की पत्ती बनाकर ब्लेड से काट कर आकृति का आकार देते हैं. इसे बनाने में वो फेविकोल और पेड़ के गम को मिलाकर प्रयोग करते हैं. एक कलाकृति बनाने में उन्हें करीब 4 से 5 दिन का समय लग जाता है. अगर पेंटिंग बड़ी हो तो उनको करीब 25 दिन का समय भी लग जाता है.
सूरजकुंड मेले में राधा कृष्ण की स्टॉल का नंबर 1050 है. इसी के बल पर वो महीने में ₹50 हजार तक की कमाई कर रहे हैं. मेले में राधा कृष्ण पल्ली के द्वारा धान की पराली से कई प्रकार की तस्वीरें बनाई गई हैं. तस्वीरों में देशभक्तों से लेकर देश को आजाद कराने वाले और देश के महान नेताओं तथा धार्मिक गुरुओं की भी तस्वीरें शामिल हैं. उनकी तस्वीरों की कीमत ₹50 से लेकर ₹32000 तक है.
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