तिरुवनंतपुरम : केरल पुलिस ने विझिंजम में हुई झड़पों पर एफआईआर दर्ज की है और लैटिन कैथोलिक डायोसिस के आर्चबिशप थॉमस जे. नेटो को आरोपी के रूप में नामित किया गया है. लैटिन कैथोलिक चर्च के 50 से अधिक पादरियों, जिनमें सहायक बिशप क्रिस्टुडास और विकर जनरल, युजिन पेरेरिया शामिल हैं, इनको भी प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने उल्लेख किया कि शनिवार को विझिंजम बंदरगाह पर हमले की साजिश रची गई.
इन लोगों ने तिरुवनंतपुरम के लैटिन कैथोलिक चर्च के नेतृत्व में अडानी समूह के विझिंजम बंदरगाह का विरोध किया था और उन ट्रकों पर हमला किया था जो बंदरगाह स्थल पर पत्थर ला रहे थे, शनिवार को कई ट्रकों के शीशे तोड़ दिए गए. प्रदर्शनकारियों ने ट्रकों को घटनास्थल पर पहुंचने से रोक दिया.
स्थानीय लोगों के एक समूह, जो विझिंजम बंदरगाह के समर्थन में हैं, ने ट्रकों को जाने देने के लिए हस्तक्षेप करने की कोशिश की. लेकिन, उन्हें प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया, जिसके कारण दोनों समूहों के बीच बड़ी झड़प हुई. विझिंजम बंदरगाह का समर्थन करने वालों को माकपा, भाजपा और एझावा समुदाय के शक्तिशाली पिछड़े वर्ग के संगठन एसएनडीपी का समर्थन प्राप्त था.
इस झड़प में दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए और पुलिस ने 2 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान होने का अनुमान लगाया है. पुलिस ने यह भी उल्लेख किया कि नुकसान की भरपाई बिशप और अन्य पादरियों से की जानी चाहिए, जिन पर प्राथमिकी में आरोप लगाया गया। लैटिन कैथोलिक चर्च के विकर जनरल, फादर युजिन पेरियारिया ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, हम न्याय के लिए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और हम सोमवार को अदालत में अपनी याचिका लेकर जाएंगे.
जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'प्रदर्शन के दौरान मामूली नोकझोंक भी हुई. हमने प्रदर्शनकारियों और विझिंजम में प्रदर्शन का विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ नौ मामले दर्ज किए हैं.' इस बीच, फादर यूजीन परेरा ने कहा कि सरकार तटीय समुदाय के ठीक से पुनर्वास के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने मीडिया से कहा, 'जो सरकार हमारा ठीक से पुनर्वास करने के लिए तैयार नहीं है, वह हमें मामले दर्ज किये जाने की धमकी दे रही है. हम पीछे नहीं हटेंगे. कल सरकार हमारे खिलाफ अदालत में जाएगी.'
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी विझिंजम विरोध से संबंधित विभिन्न मामलों पर अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करेंगे. उच्च न्यायालय ने 22 नवंबर को प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी थी कि अगर वे अवरोध हटाने में नाकाम रहे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. निजी भागीदार, अदानी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने पांच दिसंबर, 2015 को 7,525 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण शुरू किया था.
ये भी पढ़ें : कर्नाटक : बेंगलुरु के आर्चबिशप ने प्रस्तावित धर्मांतरण रोधी बिल का किया विरोध
(IANS/PTI)