ETV Bharat / bharat

kerala panchayat kumabalangi : सैनिटरी पैड मुक्त बना एर्नाकुलम का यह पंचायत, देश में पहला होने का गौरव

author img

By

Published : Jan 14, 2022, 4:30 PM IST

केरल के एर्नाकुलम में एक पंचायत को सैनिटरी पैड मुक्त (kerala panchayat sanitary napkin free) घोषित किया गया है. कुंबालंगी पंचायत को सैनिटरी नैपकिन मुक्त घोषित किए जाने के मौके पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (kerala governor arif mohammad khan) भी मौजूद रहे. इससे पहले भी एर्नाकुलम कई मायनों में 'भारत में पहला' बन चुका है. जानिए सक्सेस स्टोरी-

Ernakulam sanitary napkin free panchayat
केरल का कुंबालंगी सैनिटरी मुक्त

एर्नाकुलम : कहा जाता है कि अगर एक महिला शिक्षित और सुरक्षित रहे तो वह पूरे परिवार को शिक्षित और सुरक्षित बना सकती है. यूं तो शिक्षा के मामले में केरल हमेशा से भारत का अग्रणी राज्य रहा है, लेकिन इस बार स्वच्छता के पैमाने पर केरल ने उल्लेखनीय काम किया है. एर्नाकुलम जिले की एक पंचायत देश की पहली ऐसी पंचायत बनी है, जिसे सैनिटरी पैड से मुक्त घोषित किया गया है. सफलता की यह कहानी है एर्नाकुलम के कुंबालंगी पंचायत की.

एर्नाकुलम का कुंबालंगी पंचायत छोटी झील के किनारे है. यह फहद फाजिल की फिल्म 'कुंबलंगी नाइट्स' (Fahad Fazil movie Kumbalangi Nights) की रिलीज के बाद सुर्खियों में आई. कुंबालंगी को भारत की पहली सैनिटरी नैपकिन मुक्त पंचायत होने का गौरव हासिल हुआ है. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कुंबालंगी पंचायत को सैनिटरी नैपकिन मुक्त घोषित किया.

दरअसल, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की मदद से लागू की गई परियोजना, 'अवलक्कयी' (उसके लिए) Avalkkayi' (For her) के तहत पंचायत में रहने वाली महिलाओं को मेंसुरल कप बांटे गए. मेंसुरल कप उन सभी महिलाओं के बीच बांटे गए जिन्हें पीरियड्स, माहवारी या मासिक धर्म होता है. ऐसा करने से कुंबालंगी पंचायत में सैनिटरी नैपकिन का उपयोग पूरी तरह से समाप्त हो गया है.

एर्नाकुलम में अवलक्कयी (Avalkkayi in ernakulam) परियोजना के तहत, कुंबालंगी पंचायत में 5000 से अधिक मेंसुरल कप वितरित किए गए हैं. इस परियोजना में 18 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं के बीच मेंसुरल कप बांटने की परिकल्पना की गई है.

महिलाओं को सैनिटरी नेपकिन की जगह मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cups) के इस्तेमाल से होने वाले फायदों के बारे में जागरूक करने के लिए कुंबालंगी पंचायत में जागरूकता अभियान भी चलाया गया है. कुंबालंगी पंचायत की महिलाओं को बताया गया है कि मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cups) पर्यावरण के अधिक अनुकूल है.

यह भी पढ़ें-

मासिक स्वच्छता दिवस: उन दिनों में हाइजीन का महिलाएं रखें खास ख्याल

मासिक धर्म को लेकर आज भी प्रचिलित हैं गलत व प्रतिबंधात्मक प्रथाएं

केरल के एर्नाकुलम में अवलक्कयी (Avalkkayi project in ernakulam kerala) परियोजना से जुड़े लोगों का कहना है कि इस्तेमाल हो चुकी सैनिटरी नैपकिन का निपटान पर्यावरणीय मुद्दा है. ऐसे में मेंसुरल कप बेहतर विकल्प है.

पहले भी गौरवान्वित हुआ है एर्नाकुलम
इससे पहले सितंबर, 2021 में केरल के एर्नाकुलम को डिजिटल पैमाने पर पहला जिला होने का गौरव हासिल हुआ था. एर्नाकुलम का मोटर वाहन विभाग (एमवीडी) डिजिटल वायरलेस नेटवर्क के माध्यम से संचालित होने वाला भारत का पहला जिला बना था. परिवहन मंत्री एंटनी राजू का कहना है कि केरल की सीमा सड़कों पर स्वचालित वेटब्रिज की योजना बनाई जा रही है. केरल के परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने बताया था कि डिजिटल वायरलेस नेटवर्क के माध्यम से संचार शुरू करने वाला एर्नाकुलम का मोटर वाहन विभाग (एमवीडी) भारत का पहला जिला है.

राजू ने बताया था कि एर्नाकुलम एमवीडी में डिजिटल वायरलेस नेटवर्क संचार सेवा (Ernakulam digital wireless network communication) जिले के 12 रीजनल ट्रांस्पोर्ट ऑफिसर (आरटीओ) और डिप्टी रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (उप-आरटीओ) के कार्यालयों में शुरू हुई है. मंत्री राजू ने बताया था कि अगले चरण में पलक्कड़ और अलाप्पुझा जिलों में डिजिटल वायरलेस नेटवर्क संचार का विस्तार करने की योजना है. इस प्रणाली की शुरुआत केरल की पिनारई विजयन सरकार की 100 दिवसीय कार्य योजना का हिस्सा है.

एर्नाकुलम : कहा जाता है कि अगर एक महिला शिक्षित और सुरक्षित रहे तो वह पूरे परिवार को शिक्षित और सुरक्षित बना सकती है. यूं तो शिक्षा के मामले में केरल हमेशा से भारत का अग्रणी राज्य रहा है, लेकिन इस बार स्वच्छता के पैमाने पर केरल ने उल्लेखनीय काम किया है. एर्नाकुलम जिले की एक पंचायत देश की पहली ऐसी पंचायत बनी है, जिसे सैनिटरी पैड से मुक्त घोषित किया गया है. सफलता की यह कहानी है एर्नाकुलम के कुंबालंगी पंचायत की.

एर्नाकुलम का कुंबालंगी पंचायत छोटी झील के किनारे है. यह फहद फाजिल की फिल्म 'कुंबलंगी नाइट्स' (Fahad Fazil movie Kumbalangi Nights) की रिलीज के बाद सुर्खियों में आई. कुंबालंगी को भारत की पहली सैनिटरी नैपकिन मुक्त पंचायत होने का गौरव हासिल हुआ है. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कुंबालंगी पंचायत को सैनिटरी नैपकिन मुक्त घोषित किया.

दरअसल, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की मदद से लागू की गई परियोजना, 'अवलक्कयी' (उसके लिए) Avalkkayi' (For her) के तहत पंचायत में रहने वाली महिलाओं को मेंसुरल कप बांटे गए. मेंसुरल कप उन सभी महिलाओं के बीच बांटे गए जिन्हें पीरियड्स, माहवारी या मासिक धर्म होता है. ऐसा करने से कुंबालंगी पंचायत में सैनिटरी नैपकिन का उपयोग पूरी तरह से समाप्त हो गया है.

एर्नाकुलम में अवलक्कयी (Avalkkayi in ernakulam) परियोजना के तहत, कुंबालंगी पंचायत में 5000 से अधिक मेंसुरल कप वितरित किए गए हैं. इस परियोजना में 18 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं के बीच मेंसुरल कप बांटने की परिकल्पना की गई है.

महिलाओं को सैनिटरी नेपकिन की जगह मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cups) के इस्तेमाल से होने वाले फायदों के बारे में जागरूक करने के लिए कुंबालंगी पंचायत में जागरूकता अभियान भी चलाया गया है. कुंबालंगी पंचायत की महिलाओं को बताया गया है कि मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cups) पर्यावरण के अधिक अनुकूल है.

यह भी पढ़ें-

मासिक स्वच्छता दिवस: उन दिनों में हाइजीन का महिलाएं रखें खास ख्याल

मासिक धर्म को लेकर आज भी प्रचिलित हैं गलत व प्रतिबंधात्मक प्रथाएं

केरल के एर्नाकुलम में अवलक्कयी (Avalkkayi project in ernakulam kerala) परियोजना से जुड़े लोगों का कहना है कि इस्तेमाल हो चुकी सैनिटरी नैपकिन का निपटान पर्यावरणीय मुद्दा है. ऐसे में मेंसुरल कप बेहतर विकल्प है.

पहले भी गौरवान्वित हुआ है एर्नाकुलम
इससे पहले सितंबर, 2021 में केरल के एर्नाकुलम को डिजिटल पैमाने पर पहला जिला होने का गौरव हासिल हुआ था. एर्नाकुलम का मोटर वाहन विभाग (एमवीडी) डिजिटल वायरलेस नेटवर्क के माध्यम से संचालित होने वाला भारत का पहला जिला बना था. परिवहन मंत्री एंटनी राजू का कहना है कि केरल की सीमा सड़कों पर स्वचालित वेटब्रिज की योजना बनाई जा रही है. केरल के परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने बताया था कि डिजिटल वायरलेस नेटवर्क के माध्यम से संचार शुरू करने वाला एर्नाकुलम का मोटर वाहन विभाग (एमवीडी) भारत का पहला जिला है.

राजू ने बताया था कि एर्नाकुलम एमवीडी में डिजिटल वायरलेस नेटवर्क संचार सेवा (Ernakulam digital wireless network communication) जिले के 12 रीजनल ट्रांस्पोर्ट ऑफिसर (आरटीओ) और डिप्टी रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (उप-आरटीओ) के कार्यालयों में शुरू हुई है. मंत्री राजू ने बताया था कि अगले चरण में पलक्कड़ और अलाप्पुझा जिलों में डिजिटल वायरलेस नेटवर्क संचार का विस्तार करने की योजना है. इस प्रणाली की शुरुआत केरल की पिनारई विजयन सरकार की 100 दिवसीय कार्य योजना का हिस्सा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.