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केरल के राज्यपाल का आदेश खारिज, पद पर बने रहेंगे आठ विश्वविद्यालयों के कुलपति - Governors notice to 9 VCs

केरल हाई कोर्ट ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आदेश को दरकिनार करते हुए आठ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पद पर बने रहने का निर्देश दिया है. कुलपतियों ने इस्तीफा देने के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.

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Published : Oct 24, 2022, 12:42 PM IST

Updated : Oct 24, 2022, 8:39 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को आठ विश्वविद्यालयों के कुलपति से कहा कि वह अपने-अपने पद पर रहकर काम जारी रखें और उन्हें केवल तय प्रक्रिया का पालन करके ही हटाया जा सकता है. न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने आठ कुलपतियों की ओर से दायर आपात याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्यपाल की ओर से कुलपतियों को दिया गया निर्देश उचित नहीं था. गौरतलब है कि राज्यपाल ने इन आठ कुलपतियों को सोमवार तक इस्तीफा देने की चेतावनी दी थी.

अदालत ने विशेष सुनवाई के दौरान कहा, 'वे अपने पद पर बने रहने के पात्र हैं.' अदालत ने पाया कि कुलाधिपति ने कुलपतियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके तीन नवंबर तक यह बताने के लिए कहा था कि क्यों न उन्हें पद से हटा दिया जाए. इस आधार पर अदालत ने कहा कि कुलपतियों को इस्तीफा देने का निर्देश देने का कोई महत्व नहीं है. अदालत ने कहा कि कुलपतियों के खिलाफ केवल तय प्रक्रिया का पालन करके कार्रवाई की जा सकती है. कुलपतियों ने अदालत से कहा था कि 24 घंटों के अंदर इस्तीफा देने का राज्यपाल का निर्देश पूरी तरह अवैध था.

गौरतलब है कि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से सोमवार सुबह 11.30 बजे तक इस्तीफा देने का निर्देश दिया था. उन्होंने यह निर्देश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के विपरीत एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के बाद दिया.

इसके बाद, आठ कुलपतियों ने राज्यपाल के आदेश को चुनौती देते हुए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा (Vice Chancellors case in Kerala HC) खटखटाया. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने संबंधित कुलपतियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और कहा था कि कुलपतियों को पद पर बने रहने का कानूनी अधिकार नहीं है.

राज्यपाल को कुलपतियों से इस्तीफा मांगने का कोई अधिकार नहीं : विजयन
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इस्तीफा मांगने पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की सोमवार को आलोचना की. विजयन ने कहा कि राज्यपाल के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने उन पर संविधान तथा लोकतंत्र के विरुद्ध काम करने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल का कदम लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार और अकादमिक रूप से स्वतंत्र माने जाने वाले विश्वविद्यालयों की शक्तियों का अतिक्रमण है.

खान के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इस्तीफा मांगकर राजनीतिक तूफान खड़ा करने के एक दिन बाद विजयन ने कहा कि यह एक 'असामान्य' कदम है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल राज्य के 'विश्वविद्यालयों को नष्ट' करने की मंशा से काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, 'राज्यपाल ने ही इन नौ विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति की थी और अगर ये नियुक्तियां गैरकानूनी थीं तो पहली जिम्मेदारी खुद राज्यपाल की है.' उन्होंने कहा कि कुलाधिपति को कुलपतियों का इस्तीफा मांगने का कोई अधिकार नहीं है.

तिरुवनंतपुरम : केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को आठ विश्वविद्यालयों के कुलपति से कहा कि वह अपने-अपने पद पर रहकर काम जारी रखें और उन्हें केवल तय प्रक्रिया का पालन करके ही हटाया जा सकता है. न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने आठ कुलपतियों की ओर से दायर आपात याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्यपाल की ओर से कुलपतियों को दिया गया निर्देश उचित नहीं था. गौरतलब है कि राज्यपाल ने इन आठ कुलपतियों को सोमवार तक इस्तीफा देने की चेतावनी दी थी.

अदालत ने विशेष सुनवाई के दौरान कहा, 'वे अपने पद पर बने रहने के पात्र हैं.' अदालत ने पाया कि कुलाधिपति ने कुलपतियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके तीन नवंबर तक यह बताने के लिए कहा था कि क्यों न उन्हें पद से हटा दिया जाए. इस आधार पर अदालत ने कहा कि कुलपतियों को इस्तीफा देने का निर्देश देने का कोई महत्व नहीं है. अदालत ने कहा कि कुलपतियों के खिलाफ केवल तय प्रक्रिया का पालन करके कार्रवाई की जा सकती है. कुलपतियों ने अदालत से कहा था कि 24 घंटों के अंदर इस्तीफा देने का राज्यपाल का निर्देश पूरी तरह अवैध था.

गौरतलब है कि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से सोमवार सुबह 11.30 बजे तक इस्तीफा देने का निर्देश दिया था. उन्होंने यह निर्देश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के विपरीत एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के बाद दिया.

इसके बाद, आठ कुलपतियों ने राज्यपाल के आदेश को चुनौती देते हुए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा (Vice Chancellors case in Kerala HC) खटखटाया. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने संबंधित कुलपतियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और कहा था कि कुलपतियों को पद पर बने रहने का कानूनी अधिकार नहीं है.

राज्यपाल को कुलपतियों से इस्तीफा मांगने का कोई अधिकार नहीं : विजयन
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इस्तीफा मांगने पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की सोमवार को आलोचना की. विजयन ने कहा कि राज्यपाल के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने उन पर संविधान तथा लोकतंत्र के विरुद्ध काम करने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल का कदम लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार और अकादमिक रूप से स्वतंत्र माने जाने वाले विश्वविद्यालयों की शक्तियों का अतिक्रमण है.

खान के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इस्तीफा मांगकर राजनीतिक तूफान खड़ा करने के एक दिन बाद विजयन ने कहा कि यह एक 'असामान्य' कदम है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल राज्य के 'विश्वविद्यालयों को नष्ट' करने की मंशा से काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, 'राज्यपाल ने ही इन नौ विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति की थी और अगर ये नियुक्तियां गैरकानूनी थीं तो पहली जिम्मेदारी खुद राज्यपाल की है.' उन्होंने कहा कि कुलाधिपति को कुलपतियों का इस्तीफा मांगने का कोई अधिकार नहीं है.

Last Updated : Oct 24, 2022, 8:39 PM IST
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