कोच्चि/कालीकट: दो दिनों के भीतर केरल में हिरण की कस्तूरी की तस्करी के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वन विभाग ने मंगलवार को अवैध रूप से हिरण की कस्तूरी बेचते हुए एर्नाकुलम के अलुवा से चार लोगों को गिरफ्तार किया. इनके पास से बिक्री के लिए लाए गए 20 लाख रुपए मूल्य के हिरण की कस्तूरी बरामद किए गए हैं. वन विभाग के अधिकारियों ने एक घर के मालिक सहित चार लोगों को अलुवा चेंगमानद पुथन्थोडु इलाके के एक घर में कस्तूरी हिरण बेचते हुए रंगे हाथों पकड़ा.
घर के मालिक, पुथनथोडु से शिवाजी, ओल्लुर से विनोद, चेंगमानद से अबू बकर और माला से जुल्फी को गिरफ्तार किया गया. मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे एर्नाकुलम फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर सुरेश कुमार के नेतृत्व में पेरुंबवूर और एझात्मुगम वन विभागों के करीब 20 अधिकारियों ने गुप्त सूचना के आधार पर शिवाजी के घर का निरीक्षण किया. अधिकारियों को देखते ही आरोपियों ने कस्तूरी के पैकेट घर में फेंक दिए.
तब अधिकारियों ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया और उनके द्वारा फेंके गए विभिन्न आकार के कस्तूरी के आठ पैकेट बरामद किए. उनके पास से तीन कस्तूरी अपेक्षाकृत छोटी थीं, जिनका व्यास दो इंच था.
वहीं दूसरी ओर कोझीकोड वन सतर्कता विभाग ने भी बुधवार को कस्तूरी के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इन तीनों आरोपियों को वन सतर्कता अनुभाग APCCF द्वारा प्राप्त गोपनीय सूचना के आधार पर, कस्तूरी को कोझिकोड फ्लाइंग स्क्वाड रेंज ऑफिसर, फॉरेस्ट इंटेलिजेंस सेक्शन और थमारसेरी रेंज स्टाफ द्वारा कोझिकोड फ्लाइंग स्क्वाड DFO एमटी हरिलाल के निर्देश पर किए गए एक संयुक्त निरीक्षण के दौरान पकड़ा गया था.
जांच दल द्वारा उनके वाहन का पीछा करने के बाद आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा गया, जिसमें आरोपी कोझिकोड में मावूर रोड से यात्रा कर रहे थे. पंथीरानकावु के अब्दुल सलाम, थालास्सेरी के पेरिंगथुर के हैरिस और कोझिकोड के कुरुवातुर के मुस्तफा को वन विभाग ने पकड़ा था. कस्तूरी मृग का शिकार करके और उसे मारकर कस्तूरी एकत्र की जाती है, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची के तहत संरक्षित है. बता दें कि कस्तूरी का इस्तेमाल परफ्यूम और दवाइयां बनाने में होता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका बहुत मूल्य है.