ETV Bharat / bharat

केरल : क्लास रूम में छात्र-छात्राओं के बीच लगाया पर्दा, विवाद - male and female students sit separately

केरल में कक्षाओं में छात्र और छात्राओं को पर्दा लगाकर अलग-अलग बैठाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है (gender politics with both sexes separated by curtain in classroom). केरल शास्त्र साहित्य परिषद ने इस तरह की कक्षाओं के संचालन की निंदा की है.

tt
tt
author img

By

Published : Jul 8, 2022, 10:53 PM IST

त्रिशूर (केरल) : केरल में एक इस्लामी संगठन द्वारा यहां मेडिकल के विद्यार्थियों के एक वर्ग के लिए 'जेंडर पॉलिटिक्स' पर संचालित कक्षाओं में छात्र और छात्राओं को पर्दा लगाकर अलग-अलग बैठाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है (male and female students sit separately). केरल शास्त्र साहित्य परिषद, सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र इकाई स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और अन्य ने इस तरह से कक्षाओं को संचालित किये जाने की कड़ी आलोचना की है.

कक्षाएं इस्लामी समूह 'मुजाहिद विजडम इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन' द्वारा आयोजित की गई थीं. यह जानकारी तब सामने आई जब कक्षा संचालित करने वाले समूह के एक पदाधिकारी ने सोशल मीडिया पर इसकी एक तस्वीर पोस्ट की. पदाधिकारी ने कहा कि कक्षाओं का खर्च समूह द्वारा वहन किया गया था और समूह का विचार था कि वे एक पर्दा लगाकर छात्र और छात्राओं को अलग करना चाहते हैं.

कक्षाओं को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि कक्षाओं का आयोजन एक निजी स्थान पर किया गया था. एसएफआई की प्रदेश अध्यक्ष अनुश्री ने बताया कि यह चिंता का विषय है कि उच्च शिक्षित विद्यार्थी कक्षाओं में भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा, 'उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले विद्यार्थियों का इस तरह के अभियानों का हिस्सा बनना चिंता का विषय है. एसएफआई इसे एक बड़ी चुनौती के रूप में देखता है.'

केरल शास्त्र साहित्य परिषद ने इस तरह की कक्षाओं के संचालन की निंदा की और आश्चर्य जताया कि किसी ने यह सवाल क्यों नहीं किया कि पर्दा क्यों लगाया है. परिषद के पदाधिकारियों ने मीडिया से कहा, 'कक्षाओं में शामिल होने वालों ने यह नहीं बताया कि पर्दा क्यों लगाया गया था.' सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा की गई है, जबकि समूह ने अपनी कार्यवाही का बचाव करते हुए कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं था. शासकीय मेडिकल कॉलेज के छात्र संघ ने स्पष्ट किया कि उसके परिसर में कक्षा का आयोजन नहीं किया गया था.

सोशल मीडिया पर अपने आधिकारिक पेज के माध्यम से एक बयान में, संघ ने उस सोशल मीडिया पोस्ट की निंदा की जिसमें कहा गया था कि मेडिकल कॉलेज में कक्षा आयोजित की गई थी. बयान में कहा गया है, 'धर्म एक व्यक्तिगत मामला है. धर्म का पालन करने वाले लोगों के एक वर्ग द्वारा आयोजित उन कक्षाओं से कॉलेज किसी भी तरह से जुड़ा नहीं है. यह निंदनीय है कि धार्मिक स्थल पर कक्षाओं के संचालित होने की झूठी खबर को प्रसारित किया जा रहा है, इन्हें परिसर में संचालित किया गया था.' इसमें कहा गया है, 'ऐसी कक्षाओं के संचालन में न तो कॉलेज प्रशासन और न ही कॉलेज यूनियन की कोई भूमिका है. कॉलेज ऐसे कृत्यों को प्रोत्साहित नहीं करता है. हम हमेशा प्रगतिशील सोच के साथ खड़े हैं.'

कांग्रेस की छात्र इकाई केरल छात्र संघ (केएसयू) के प्रदेश अध्यक्ष के. एम. अभिजीत ने कहा कि उन्हें अभी इस मामले के बारे में जानकारी हासिल करनी है और बाद में इस पर प्रतिक्रिया देंगे.

पढ़ें- केरल: स्कूल में लैंगिक समानता के लिए शुरू की यह अनोखी पहल

त्रिशूर (केरल) : केरल में एक इस्लामी संगठन द्वारा यहां मेडिकल के विद्यार्थियों के एक वर्ग के लिए 'जेंडर पॉलिटिक्स' पर संचालित कक्षाओं में छात्र और छात्राओं को पर्दा लगाकर अलग-अलग बैठाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है (male and female students sit separately). केरल शास्त्र साहित्य परिषद, सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र इकाई स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और अन्य ने इस तरह से कक्षाओं को संचालित किये जाने की कड़ी आलोचना की है.

कक्षाएं इस्लामी समूह 'मुजाहिद विजडम इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन' द्वारा आयोजित की गई थीं. यह जानकारी तब सामने आई जब कक्षा संचालित करने वाले समूह के एक पदाधिकारी ने सोशल मीडिया पर इसकी एक तस्वीर पोस्ट की. पदाधिकारी ने कहा कि कक्षाओं का खर्च समूह द्वारा वहन किया गया था और समूह का विचार था कि वे एक पर्दा लगाकर छात्र और छात्राओं को अलग करना चाहते हैं.

कक्षाओं को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि कक्षाओं का आयोजन एक निजी स्थान पर किया गया था. एसएफआई की प्रदेश अध्यक्ष अनुश्री ने बताया कि यह चिंता का विषय है कि उच्च शिक्षित विद्यार्थी कक्षाओं में भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा, 'उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले विद्यार्थियों का इस तरह के अभियानों का हिस्सा बनना चिंता का विषय है. एसएफआई इसे एक बड़ी चुनौती के रूप में देखता है.'

केरल शास्त्र साहित्य परिषद ने इस तरह की कक्षाओं के संचालन की निंदा की और आश्चर्य जताया कि किसी ने यह सवाल क्यों नहीं किया कि पर्दा क्यों लगाया है. परिषद के पदाधिकारियों ने मीडिया से कहा, 'कक्षाओं में शामिल होने वालों ने यह नहीं बताया कि पर्दा क्यों लगाया गया था.' सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा की गई है, जबकि समूह ने अपनी कार्यवाही का बचाव करते हुए कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं था. शासकीय मेडिकल कॉलेज के छात्र संघ ने स्पष्ट किया कि उसके परिसर में कक्षा का आयोजन नहीं किया गया था.

सोशल मीडिया पर अपने आधिकारिक पेज के माध्यम से एक बयान में, संघ ने उस सोशल मीडिया पोस्ट की निंदा की जिसमें कहा गया था कि मेडिकल कॉलेज में कक्षा आयोजित की गई थी. बयान में कहा गया है, 'धर्म एक व्यक्तिगत मामला है. धर्म का पालन करने वाले लोगों के एक वर्ग द्वारा आयोजित उन कक्षाओं से कॉलेज किसी भी तरह से जुड़ा नहीं है. यह निंदनीय है कि धार्मिक स्थल पर कक्षाओं के संचालित होने की झूठी खबर को प्रसारित किया जा रहा है, इन्हें परिसर में संचालित किया गया था.' इसमें कहा गया है, 'ऐसी कक्षाओं के संचालन में न तो कॉलेज प्रशासन और न ही कॉलेज यूनियन की कोई भूमिका है. कॉलेज ऐसे कृत्यों को प्रोत्साहित नहीं करता है. हम हमेशा प्रगतिशील सोच के साथ खड़े हैं.'

कांग्रेस की छात्र इकाई केरल छात्र संघ (केएसयू) के प्रदेश अध्यक्ष के. एम. अभिजीत ने कहा कि उन्हें अभी इस मामले के बारे में जानकारी हासिल करनी है और बाद में इस पर प्रतिक्रिया देंगे.

पढ़ें- केरल: स्कूल में लैंगिक समानता के लिए शुरू की यह अनोखी पहल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.