कन्नूर: केरल के लोगों में आज भी लॉटरी टिकट खरीदने का जुनून दिखता है और बहुतों ने तो लॉटरी जीतकर अपने सपनों को पूरा भी किया है. वहीं, बहुत से लोग दशकों से लॉटरी जीतने की उम्मीद में लगे हैं और लाखों-करोड़ों रुपये खर्च भी कर चुके हैं. राज्य के कन्नूर जिले के एक दिहाड़ी मजदूर का मामला भी कुछ ऐसा ही है, जिसने लॉटरी टिकट खरीदने में 52 वर्षों में 3.5 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
करिवल्लूर के रहने वाले दिहाड़ी मजदूर राघवन लॉटरी टिकट खरीदने के लिए करोड़ों खर्च कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्हें लॉटरी से शायद ही कोई बड़ी रकम मिली हो. हालांकि, राघवन अपनी किस्मत से निराश नहीं हुए हैं और लॉटरी टिकट खरीदने के अपने जुनून को जारी रखने के लिए दृढ़ हैं.
एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे राघवन ने 1970 में लॉटरी टिकट खरीदना शुरू कर दिया था, जब वह सिर्फ 18 वर्ष के थे. उसके बाद से राघवन ने कभी भी टिकट खरीदना बंद नहीं किया और रोजाना 10 टिकट तक खरीद लेते हैं. उन्होंने लॉटरी स्कीम ओणम बंपर (Onam Bumper) का भी टिकट लिया था, जिसकी केरल में लॉटरी के इतिहास में सबसे अधिक पुरस्कार राशि थी.
खास बात ये है कि राघवन ने अब तक खरीदे सारे लॉटरी टिकट अपने पास रखे हैं. उन्होंने टिकटों को बोरियों में भरकर रखा है और लॉटरी टिकटों पर खर्च की गई कुल राशि 3.5 करोड़ रुपये से अधिक है. राघवन ने लॉटरी के जरिए अब तक अधिकतम 5,000 रुपये जीते हैं. राघवन का कहना है कि वह अपनी गाढ़ी कमाई को लॉटरी टिकट पर खर्च करना जारी रखेंगे. उनके परिवार को उनकी इस आदत से कोई परेशानी नहीं है और उनका पूरा साथ दे रहा है. उनकी पत्नी शांता को लगता है कि हो सकता है कि एक दिन, राघवन को अपने नुकसान की भरपाई के लिए एक बंपर लॉटरी मिले.
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