तिरुवनंतपुरम : जगह-जगह प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. प्रतिदिन तेजी से बढ़ते प्रदूषण का हाल ये हैं कि अब तो मानो सांसें भी कम पड़ने लगी हैं. भूकंप, बाढ़, सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए विशेषज्ञों ने प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन को जिम्मेदार ठहराया है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हालात में बदलाव नहीं हुआ तो साल 2030 तक इंसान को रहने के लिए पृथ्वी के अलावा दूसरे ग्रह की तलाश करनी पड़ेगी.
तेजी से बिगड़ते मौसम और पर्यावरण के मिजाज के बीच कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपनी छोटी सी पहल से इन हालातों को बदलने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं. आज की कहानी है केरल के गोकुल की. गोकुल ने पर्यावरण के लिए जागरूकता पैदा करने, हरियाली बढ़ाने और प्रदूषण को रोकने के लिए साइकिल यात्रा शुरू की.
पढ़ें : मृदा प्रदूषण स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के लिए है बड़ा खतरा
16 दिसंबर को गोकुल ने केरल से यात्रा की शुरुआत की थी अब वह अनंतपुर जिले के पेनुगोंडा में पहुंचे चुके है. उनका लक्ष्य 3 हजार 650 किलोमीटर की यात्रा पूरी करना है. अब तक उन्होंने 700 किमी की यात्रा पूरी कर ली.