एर्नाकुलम: केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने सोलर यौन उत्पीड़न मामले में शिकायतकर्ता द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार कर लिया. याचिकाकर्ता ने निचली अदालत के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसने केसी वेणुगोपाल को बरी करने वाली सीबीआई की अंतिम जांच रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था. सीबीआई ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा कि केसी वेणुगोपाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. वहीं शिकायतकर्ता की याचिका स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट ने मामले में एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल (AICC General secretary KC Venugopal) को नोटिस जारी किया है.
इस संबंध में हाई कोर्ट के जज सीएस डायस ने मामले में सीबीआई और राज्य सरकार को नोटिस भेजने का भी निर्देश दिया. इससे पहले तिरुवनंतपुरम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने शिकायतकर्ता द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया था. इस आदेश पर पुनर्विचार की मांग को लेकर ही हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि निचली अदालत ने सीबीआई रिपोर्ट को अनुमति देने और रिट याचिका को खारिज करने में जल्दबाजी की. इसमें यह भी आरोप लगाया गया कि सीबीआई टीम यौन उत्पीड़न मामले में साइंटिफिक सबूत इकट्ठा करने में विफल रही और आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है. शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि सीजेएम कोर्ट ने एक संक्षिप्त सुनवाई के आधार पर आदेश सुनाया था. शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व चेन्नई हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के वकील एस नागामुथु ने किया.
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