एर्नाकुलम: केरल हाई कोर्ट ने सबरीमाला मेलसंथी (मुख्य पुजारी) चयन (ड्रा) रद्द करने की याचिका स्वीकार कर ली है. केरल उच्च न्यायालय ने पीएन महेश को भी नोटिस भेजा, जिन्हें एक विशेष दूत के माध्यम से 'मेलसंथी' (मुख्य पुजारी) के रूप में चुना गया था. साथ ही, केरल HC ने त्रावणकोर देवासम बोर्ड को नोटिस जारी किया. आज याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि ड्रा में सिर्फ दो पेपर छूटे होने की बात जानबूझकर नहीं की गई होगी, लेकिन यह हकीकत है.
नोटिस का निर्देश देते हुए अंतरिम आदेश में अदालत ने कहा कि पीएन महेश, जिन्हें मेलसंथी (मुख्य पुजारी) के रूप में चुना गया था, उनके खिलाफ कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाया गया है. जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जी गिरीश की हाई कोर्ट देवास्वोम पीठ मंगलवार (07.11.23) को फिर से याचिका पर सुनवाई करेगी. हाईकोर्ट ने पिछले दिनों ड्रॉ की सीसीटीवी फुटेज की जांच की थी.
त्रावणकोर देवासम बोर्ड ने अदालत के आदेश के अनुसार सीसीटीवी फुटेज पेश किया. तिरुवनंतपुरम निवासी मधुसूदन नंबूथिरी ने याचिका लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने ड्रॉ के दौरान न्यूज चैनल के फुटेज की भी जांच की. याचिका में बताया गया कि मेलसंथी चयन प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से नहीं की गई.
आरोप है कि ड्रा में गड़बड़ी हुई है. केवल वरिष्ठ के रूप में चुने गए व्यक्ति के नाम वाले कागज को मोड़ा गया और अन्य सभी कागजों को लपेटकर बर्तन में रख दिया गया. मेलसंथी वाले कागज को भी इसी तरह से मोड़ा जाता है. याचिका में यह भी कहा गया है कि बाकी खाली कागजों को लपेटकर बर्तन में डाल दिया गया था.