कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने वायनाड में महात्मा गांधी की तस्वीर को कथित रूप से नुकसान पहुंचाने के मामले में राहुल गांधी के कार्यालय के स्टाफ पर मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन ने पिछले साल दर्ज मामले में राहुल गांधी के चार स्टाफ सदस्यों के खिलाफ एक स्थानीय अदालत में कार्यवाही पर रोक लगाते हुए एक अंतरिम आदेश जारी किया.
पिछले साल जून में, सीपीआई (एम) की छात्र शाखा ने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यालय में कथित तौर पर तोड़फोड़ की थी. बाद में एक वकील की ओर दायर शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था. जिसमें दावा किया गया था कि अज्ञात व्यक्तियों ने महात्मा गांधी की तस्वीर को नुकसान पहुंचाया गया था.
केरल में सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) ने आरोप लगाया था कि वे राहुल गांधी के निजी कर्मचारी थे जिन्होंने एसएफआई कार्यकर्ताओं पर दोष मढ़ने के लिए महात्मा गांधी की तस्वीर को नुकसान पहुंचाया था. अदालत ने 13 जुलाई के एक आदेश में 2022 में दर्ज मामले में शिकायतकर्ता को नोटिस भी जारी किया.
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याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील टी आसिफ अली ने कहा कि किसी भी गवाह ने कार्यालय में महात्मा गांधी की तस्वीर को नुकसान पहुंचाने में चार स्टाफ सदस्यों को कोई भूमिका को लेकर कोई गवाही नहीं दी है. कथित घटना तब सामने आई थी जब कांग्रेस नेता के खिलाफ एसएफआई का विरोध मार्च हिंसक हो गया.
(पीटीआई)