तिरुवनंतपुरम : भारत में लंबे समय से गाड़ी चलाने के दौरान फोन पर बात करना गैरकानूनी माना गया है. इसी क्रम केरल में भी पुलिस ने वाहन चलाते समय फोन पर बात करने के लिए हैंड्स-फ्री डिवाइस का उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किया था. इस बीच केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने इसी संबंध में राज्य सरकार (State Government) से जवाब मांगा है.
केरल उच्च न्यायालय (Kerala HC) ने वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करने के लिए ब्लूटूथ/हैंड्स-फ्री उपकरणों (Bluetooth/hands-free devices) के उपयोग को दंडित करने के लिए पुलिस विभाग के कदम पर स्पष्टीकरण मांगने वाली याचिका पर राज्य सरकार (State Government) से जवाब मांगा है.
वकील जियास जमाल (lawyer Jiyas Jamal) ने उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका दायर (filed a writ petition ) कर सरकार (Government) को इस संबंध में स्पष्टीकरण देने का निर्देश देने की मांग की.
पढ़ें- दिल्ली दंगा : हाईकोर्ट ने पुलिस पर लगे 25 हजार रुपये के जुर्माने की वसूली पर लगाई रोक
अपनी याचिका (petition) में उन्होंने कहा, पुलिस ने अपने बयान (police statement) में कहा है कि अगर ड्राइवर गाड़ी चलाते समय ब्लूटूथ डिवाइस (Bluetooth device) से बात करता है तो वे कार्रवाई (ड्राइविंग लाइसेंस का निलंबन) करेंगे. उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग प्रिंट और डिजिटल मीडिया के माध्यम से भ्रामक-भ्रामक संचार जारी कर जनता को गलत जानकारी दे रहा है. उन्होंने आगे बताया कि इन-बिल्ट ब्लूटूथ/हैंड्सफ्री (in-built Bluetooth/handsfree facilities) सुविधाओं वाले वाहन आरटीओ विभाग (RTO department) के तहत पंजीकृत हैं.
याचिका न्यायमूर्ति सुनील थॉमस (Justice Sunil Thomas) के समक्ष स्वीकार करने के लिए आई थी. कोर्ट ने सरकारी वकील को इस मामले में जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दिया है. अदालत दो सितंबर 2021 को याचिका पर विचार करेगी.