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हाईकोर्ट ने विवाह पंजीकरण के लिए वर्चुअली पेश होने की दी अनुमति

केरल उच्च न्यायालय ने कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के दायरे का विस्तार करते हुए विदेश में काम कर रहे एक व्यक्ति को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की अनुमति दी है. ताकि वह अपनी शादी का पंजीकरण करा सके.

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Published : Aug 7, 2021, 3:22 PM IST

कोच्चि : कोरोना महामारी के कारण जारी यात्रा प्रतिबंधों की वजह से विदेश से न आ पाने वाले व्यक्ति को हाईकोर्ट ने वर्चुअल रुप से उपस्थित होने व विवाह रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति दी है.

अदालत का यह आदेश उसकी 28 वर्षीय दुल्हन की याचिका पर आया है. जिसमें कहा गया है कि उसके पति शादी के तुरंत बाद जुलाई 2019 में कनाडा चले गए हैं, जहां वे काम करते हैं. नतीजतन, दंपति विवाह पंजीकरण के लिए अपनी पंचायत के विवाह रजिस्ट्रार के समक्ष पेश नहीं हो सके.

केरल 2008 के विवाह सामान्य नियम के तहत महिला ने अपनी याचिका में कहा कि कोविड महामारी और प्रतिबंधों के मद्देनजर याचिकाकर्ता के पति के लिए शादी के पंजीकरण के उद्देश्य से भारत वापस आना संभव नहीं है.

इसने अदालत से विवाह रजिस्ट्रार को निर्देश देने का आग्रह किया कि वह अपने पति को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी शादी को पंजीकृत करने और प्रमाण पत्र जारी करने के लिए पेश होने की अनुमति दें.

परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, उच्च न्यायालय ने दूल्हे को शादी के पंजीकरण के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने की अनुमति दी है. विवाह रजिस्ट्रार को इसे पंजीकृत करने और जोड़े को प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया.

यह भी पढ़ें-हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को बिना शर्त टीसी जारी करने का दिया निर्देश

उपरोक्त प्रमाण पत्र 10 दिनों के भीतर जारी किया जाएगा. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता अनुपालन के लिए प्रतिवादी (रजिस्ट्रार) के समक्ष फैसले की एक प्रति पेश करेगा और प्रतिवादी आवश्यक कदम उठाएगा.

(पीटीआई)

कोच्चि : कोरोना महामारी के कारण जारी यात्रा प्रतिबंधों की वजह से विदेश से न आ पाने वाले व्यक्ति को हाईकोर्ट ने वर्चुअल रुप से उपस्थित होने व विवाह रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति दी है.

अदालत का यह आदेश उसकी 28 वर्षीय दुल्हन की याचिका पर आया है. जिसमें कहा गया है कि उसके पति शादी के तुरंत बाद जुलाई 2019 में कनाडा चले गए हैं, जहां वे काम करते हैं. नतीजतन, दंपति विवाह पंजीकरण के लिए अपनी पंचायत के विवाह रजिस्ट्रार के समक्ष पेश नहीं हो सके.

केरल 2008 के विवाह सामान्य नियम के तहत महिला ने अपनी याचिका में कहा कि कोविड महामारी और प्रतिबंधों के मद्देनजर याचिकाकर्ता के पति के लिए शादी के पंजीकरण के उद्देश्य से भारत वापस आना संभव नहीं है.

इसने अदालत से विवाह रजिस्ट्रार को निर्देश देने का आग्रह किया कि वह अपने पति को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी शादी को पंजीकृत करने और प्रमाण पत्र जारी करने के लिए पेश होने की अनुमति दें.

परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, उच्च न्यायालय ने दूल्हे को शादी के पंजीकरण के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने की अनुमति दी है. विवाह रजिस्ट्रार को इसे पंजीकृत करने और जोड़े को प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया.

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उपरोक्त प्रमाण पत्र 10 दिनों के भीतर जारी किया जाएगा. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता अनुपालन के लिए प्रतिवादी (रजिस्ट्रार) के समक्ष फैसले की एक प्रति पेश करेगा और प्रतिवादी आवश्यक कदम उठाएगा.

(पीटीआई)

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