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केरल के राज्यपाल ने 2019 में उन्हें परेशान किए जाने की घटना के वीडियो क्लिप साझा किए - Kerala LDF Government

केरल के राज्यपाल ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए, 2019 में कन्नूर विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में उन्हें कथित रूप से परेशान किए जाने के वीडियो क्लिप मीडिया के साथ सोमवार को साझा किए.

Kerala governor shared video clips of the incident of harassing him in 2019
केरल के राज्यपाल ने 2019 में उन्हें परेशान किए जाने की घटना के वीडियो क्लिप साझा किए
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Published : Sep 19, 2022, 2:24 PM IST

तिरुवनंतपुरम: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार के साथ जारी विवाद के बीच, एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए, 2019 में कन्नूर विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में उन्हें कथित रूप से परेशान किए जाने के वीडियो क्लिप मीडिया के साथ सोमवार को साझा किए.

राज्यपाल ने राज्य के विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा उन्हें भेजे गए पत्र और उनके भेजे जवाब भी मीडिया में जारी किए.राज्यपाल खान ने राजभवन सभागार में लगाए गए दो बड़े स्क्रीन पर घटना के वीडियो दिखाए. उन्होंने कहा कि इन वीडियो में एक वरिष्ठ पदाधिकारी को पुलिस को अपना काम करने से रोकते देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह पदाधिकारी अब मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत है.

खान ने कहा, ‘जिस राज्य में काली कमीज पहनने पर लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहां ऐसी चीजें होती हैं. पुलिसकर्मियों ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और लोगों को मुझ तक पहुंचने से रोका.' उन्होंने कहा, 'इस समय मुख्यमंत्री के कार्यालय में कार्यरत एक वरिष्ठ पदाधिकारी को वीडियो में पुलिस को अपना काम करने से रोकते देखा जा सकता है.'

राज्यपाल ने कहा, 'रागेश ने पुलिस को अपना काम करने से रोका. संभवत: इसी लिए उन्हें इनाम दिया गया.' उन्होंने सवाल किया कि यदि कन्नूर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन अचानक हुआ था, तो कुछ प्रदर्शनकारी पोस्टर तैयार करके कैसे लाए थे? खान ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार का पूरा ध्यान उससे भिन्न विचार रखने वाले लोगों को चुप कराने पर केंद्रित है और यहां तक कि राजभवन को भी नहीं बख्शा गया.

उन्होंने कहा कि सरकार ने राजभवन के कर्मियों की भर्ती के संबंध में पूछताछ करके उसकी कार्यप्रणाली में भी हस्तक्षेप करने की कोशिश की और इसलिए उन्होंने इसके खिलाफ कदम उठाया. राज्यपाल ने कहा, ‘उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी. मैं जानता था कि वह व्यक्ति (वह सरकारी अधिकारी, जिसने नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए पत्र लिखा था) निर्दोष था, लेकिन मैं यह संदेश देना चाहता था कि दबाव की ये रणनीतियां मुझ पर काम नहीं करेंगी.

ये भी पढ़ें- भारत जोड़ो यात्रा का 12वां दिन: राहुल ने वडकल समुद्र तट पर मछुआरों से की चर्चा

इससे भी उनकी आंखें नहीं खुलीं.' उन्होंने कहा, ‘दबाव बनाने की रणनीतियां अब भी अपनाई जा रही हैं. इसके और अन्य कारणों की वजह से मुझे अब यह मामला उठाना पड़ा.' खान ने कहा कि राज्य सरकार उनकी शक्तियों को कम नहीं कर सकती, क्योंकि उन्होंने ही उन्हें पद की शपथ दिलाई है, ना कि इसका उल्टा है. केरल सरकार पर तीखा हमला करते हुए खान ने कहा कि यह शर्म की बात है कि राज्य के राजस्व का मुख्य जरिया लॉटरी और शराब की बिक्री है. उन्होंने वाम सरकार पर निधाना साधने के लिए मुख्यमंत्री विजयन के गृह जिले कन्नूर में कथित राजनीतिक हत्याओं का मामला भी उठाया.

तिरुवनंतपुरम: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार के साथ जारी विवाद के बीच, एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए, 2019 में कन्नूर विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में उन्हें कथित रूप से परेशान किए जाने के वीडियो क्लिप मीडिया के साथ सोमवार को साझा किए.

राज्यपाल ने राज्य के विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा उन्हें भेजे गए पत्र और उनके भेजे जवाब भी मीडिया में जारी किए.राज्यपाल खान ने राजभवन सभागार में लगाए गए दो बड़े स्क्रीन पर घटना के वीडियो दिखाए. उन्होंने कहा कि इन वीडियो में एक वरिष्ठ पदाधिकारी को पुलिस को अपना काम करने से रोकते देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह पदाधिकारी अब मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत है.

खान ने कहा, ‘जिस राज्य में काली कमीज पहनने पर लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहां ऐसी चीजें होती हैं. पुलिसकर्मियों ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और लोगों को मुझ तक पहुंचने से रोका.' उन्होंने कहा, 'इस समय मुख्यमंत्री के कार्यालय में कार्यरत एक वरिष्ठ पदाधिकारी को वीडियो में पुलिस को अपना काम करने से रोकते देखा जा सकता है.'

राज्यपाल ने कहा, 'रागेश ने पुलिस को अपना काम करने से रोका. संभवत: इसी लिए उन्हें इनाम दिया गया.' उन्होंने सवाल किया कि यदि कन्नूर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन अचानक हुआ था, तो कुछ प्रदर्शनकारी पोस्टर तैयार करके कैसे लाए थे? खान ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार का पूरा ध्यान उससे भिन्न विचार रखने वाले लोगों को चुप कराने पर केंद्रित है और यहां तक कि राजभवन को भी नहीं बख्शा गया.

उन्होंने कहा कि सरकार ने राजभवन के कर्मियों की भर्ती के संबंध में पूछताछ करके उसकी कार्यप्रणाली में भी हस्तक्षेप करने की कोशिश की और इसलिए उन्होंने इसके खिलाफ कदम उठाया. राज्यपाल ने कहा, ‘उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी. मैं जानता था कि वह व्यक्ति (वह सरकारी अधिकारी, जिसने नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए पत्र लिखा था) निर्दोष था, लेकिन मैं यह संदेश देना चाहता था कि दबाव की ये रणनीतियां मुझ पर काम नहीं करेंगी.

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इससे भी उनकी आंखें नहीं खुलीं.' उन्होंने कहा, ‘दबाव बनाने की रणनीतियां अब भी अपनाई जा रही हैं. इसके और अन्य कारणों की वजह से मुझे अब यह मामला उठाना पड़ा.' खान ने कहा कि राज्य सरकार उनकी शक्तियों को कम नहीं कर सकती, क्योंकि उन्होंने ही उन्हें पद की शपथ दिलाई है, ना कि इसका उल्टा है. केरल सरकार पर तीखा हमला करते हुए खान ने कहा कि यह शर्म की बात है कि राज्य के राजस्व का मुख्य जरिया लॉटरी और शराब की बिक्री है. उन्होंने वाम सरकार पर निधाना साधने के लिए मुख्यमंत्री विजयन के गृह जिले कन्नूर में कथित राजनीतिक हत्याओं का मामला भी उठाया.

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