कोल्लम : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने दहेज को एक बुराई करार देते हुए कहा कि इसके खराब पहलुओं के बारे में एक आम सामाजिक जागरूकता पैदा की जानी चाहिए. साथ ही इसके खिलाफ गैर सरकारी संगठनों या स्वयंसेवियों से एक विशेष आंदोलन करने का आग्रह किया. वह यहां निलामेल में आयुर्वेद की मेडिकल छात्रा विस्मया के घर गए थे. यह छात्रा हाल ही में दहेज उत्पीड़न की शिकायत के बाद रहस्यमय परिस्थितियों में पति के घर में मृत पाई गई थी.
छात्रा के परिवार के सूत्रों ने बताया कि खान ने 24 वर्षीय विस्मया के शोक संतप्त रिश्तेदारों को सांत्वना दी और उन्हें शीघ्र न्याय मिलने का आश्वासन दिया. बाद में भावुक होते हुए खान ने संवाददाताओं से कहा कि केरल की कोई भी बेटी, उनके लिए बेटी की तरह है. उन्होंने कहा कि मेरे लिए, वह (विस्मया) मेरी बेटी की तरह है. मेरा रोने का मन करता है. दहेज के खिलाफ कुछ संगठित आंदोलन करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह हो सकता है कि अगर हमें पता चल जाए कि दहेज का कुछ आदान-प्रदान हो रहा है, तो हम उस शादी में शामिल नहीं हों.
उन्होंने कहा कि मैं एक स्वयंसेवी के रूप में काम करने के लिए तैयार हूं और संगठनों और स्वयंसेवियों से जागरूकता पैदा करने के लिए संगठित तरीके से कोई अभियान शुरू करने की अपील करता हूं और मैं उनके साथ पूरी तरह से जुड़ा रहूंगा. गौरतलब है कि विस्मया पिछले हफ्ते दक्षिण केरल के इस जिले के सस्थामकोट्टा में अपने पति के घर के बाथरूम में लटकी हुई पाई गई थी.
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उसके पति एस किरण कुमार एक सहायक मोटर वाहन निरीक्षक है और उन्हें निलंबित कर दिया गया है. लड़की के माता-पिता की शिकायत के बाद कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उसने विस्मया को दहेज को लेकर प्रताड़ित और परेशान किया था.
(पीटीआई-भाषा)