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केरल : वडकारा पर के.के. रीमा व विजयन के खिलाफ वालायार लड़कियों की मां

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Published : Mar 17, 2021, 12:13 PM IST

केरल में 140 विधानसभा सीटों के लिए छह अप्रैल को मतदान होना है. वहीं मतों की गणना दो मई को की जाएगी. चुनाव से पहले सभी पर्टियों ने सारा जोर लगा दिया है. इसी कड़ी में आरएमपी ने सीपीएम के खिलाफ के.के. रीमा को वडकारा सीट पर उतारा है. वहीं, वालायार लड़कियों की मां ने भी मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा की है.

Kerala Assembly Elections 2021
Kerala Assembly Elections 2021

तिरुवनंतपुरम : केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं. हर पल बदलते समीकरणों के कारण जाहिर तौर पर चुनावी सरगर्मी देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में विपक्षी दल के नेता रमेश चेन्निथला ने एक फेसबुक पोस्ट किया, जिसमें वह क्रांतिकारी मार्क्सवादी पार्टी की के.के. रीमा (K.K. Rema) के पक्ष में दिखाई दिए.

उन्होंने अपने पोस्ट के शुरुआत में लिखा कि के.के. रीमा एक प्रतीक हैं. वह सीपीएम की राजनीतिक रणनीति का शिकार हैं. सीपीएम ने हिंसा सेसे असंतोष की आवाज को कुचल दिया. और पोस्ट के अंत में उन्होंने कहा कि के.के. रीमा को उनका और यूडीएफ का पूर्ण समर्थन प्राप्त है. रीमा वडकारा सीट से सीपीएम के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली हैं.

यूनाइडेट डेमोक्रैटिक फ्रंट ने पहले ही के. के. रीमा को समर्थन देने की घोषणा की थी, यदि रीमा वडकारा में वाम दलों के खिलाफ चुनाव लड़तीं. हालांकि, रेमा सोमवार तक चुनाव लड़ने से इनकार कर रही थीं.

यही नहीं, इससे पहले की के.के. रीमा की पार्टी उनके नाम की घोषणा करती, कांग्रेस के रमेश चेन्निथला नें मंगलवार को घोषणा की थी कि रीमा वडकारा सीट से चुनाव लड़ेंगी.

समीकरणों में इस तरह का बदलाव होने से वाडकारा भी उन निर्वाचन क्षेत्रों में से एक बन जाता है जहां अप्रैल के चुनावों में एक कड़ी लड़ाई की उम्मीद की जा सकती है.

पिछले चुनावों में यूडीएफ के उम्मीदवार के रूप में पराजित हुए मणिनाथ चंद्रन को इस बार एलडीएफ ने उम्मीदवार घोषित किया गया है. जनता दल-सेक्युलर के उम्मीदवार सी के नानू ने एलडीएफ के लिए 9511 मतों के बहुमत के साथ जीत हासिल की थी. के.के. रेमा ने पिछली बार आरएमपी के लिए भी चुनाव लड़ा था.

सी के नानू को जहां 49211 वोट मिले, वहीं मणिनाथ चंद्रन को 39700 वोट मिले और रीमा 20504 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं. इस सीट के लिए चार पार्टियों ने गठबंधन किया है. पहला जनता दल सेक्यूलर और लोतांत्रिक जनता दल के बीच है, वहीं, दूसरा आरएमपी और यूडीएफ के बीच है.

आरएमपी को वाडकारा सीट पर समर्थन देकर कांग्रेस ने एलडीएफ को चुनौती देने की ठानी है. इसके अलावा यूडीएफ ने टीपी चंद्रशेखरन की पत्नी को मैदान में उतारा है. चंद्रशेखरन की राजनीतिक हिंसा के दौरान हत्या कर दी गई थी. यह सीपीएम को कड़ी चुनौती देगा.

इसी तरह की परिस्थिति धर्मदोम विधानसभा क्षेत्र में भी उत्पन्न हो रही है. वालायार लड़कियों की मां ने घोषणा की है कि वह धर्मदोम में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी.

मंगलवार को, वालायार लड़कियों की मां ने कहा कि सीएम ने वादा किया है कि उनके बच्चों को न्याय दिया जाएगा. अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए, महिला ने कहा कि उन्होंने सीएम के पैरों पर गिरकर अपनी बच्चियों के लिए न्याय की भीख मांगी थी.

पढ़ें-केरल विधानसभा चुनाव: बड़ा सवाल- कौन लड़ेगा सीएम विजयन के खिलाफ चुनाव?

चूंकि यूडीएफ ने धर्मदोम में अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम के निर्वाचन क्षेत्र में यूडीएफ वालायार लड़कियों की मां का समर्थन कर सकती है.

इस बीच, एलडीएफ मंत्री ए के बालन का यह कथन कि सीएम पर व्यक्तिगत हमले का जवाब राजनीतिक रूप से दिया जाएगा, धर्मदोम की राजनीतिक तस्वीर को स्पष्ट करता है. एक के. बालन ने आरोप लगाया कि वालायार लड़कियों की मां की उम्मीदवारी के पीछे भाजपा और कांग्रेस हैं.

तिरुवनंतपुरम : केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं. हर पल बदलते समीकरणों के कारण जाहिर तौर पर चुनावी सरगर्मी देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में विपक्षी दल के नेता रमेश चेन्निथला ने एक फेसबुक पोस्ट किया, जिसमें वह क्रांतिकारी मार्क्सवादी पार्टी की के.के. रीमा (K.K. Rema) के पक्ष में दिखाई दिए.

उन्होंने अपने पोस्ट के शुरुआत में लिखा कि के.के. रीमा एक प्रतीक हैं. वह सीपीएम की राजनीतिक रणनीति का शिकार हैं. सीपीएम ने हिंसा सेसे असंतोष की आवाज को कुचल दिया. और पोस्ट के अंत में उन्होंने कहा कि के.के. रीमा को उनका और यूडीएफ का पूर्ण समर्थन प्राप्त है. रीमा वडकारा सीट से सीपीएम के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली हैं.

यूनाइडेट डेमोक्रैटिक फ्रंट ने पहले ही के. के. रीमा को समर्थन देने की घोषणा की थी, यदि रीमा वडकारा में वाम दलों के खिलाफ चुनाव लड़तीं. हालांकि, रेमा सोमवार तक चुनाव लड़ने से इनकार कर रही थीं.

यही नहीं, इससे पहले की के.के. रीमा की पार्टी उनके नाम की घोषणा करती, कांग्रेस के रमेश चेन्निथला नें मंगलवार को घोषणा की थी कि रीमा वडकारा सीट से चुनाव लड़ेंगी.

समीकरणों में इस तरह का बदलाव होने से वाडकारा भी उन निर्वाचन क्षेत्रों में से एक बन जाता है जहां अप्रैल के चुनावों में एक कड़ी लड़ाई की उम्मीद की जा सकती है.

पिछले चुनावों में यूडीएफ के उम्मीदवार के रूप में पराजित हुए मणिनाथ चंद्रन को इस बार एलडीएफ ने उम्मीदवार घोषित किया गया है. जनता दल-सेक्युलर के उम्मीदवार सी के नानू ने एलडीएफ के लिए 9511 मतों के बहुमत के साथ जीत हासिल की थी. के.के. रेमा ने पिछली बार आरएमपी के लिए भी चुनाव लड़ा था.

सी के नानू को जहां 49211 वोट मिले, वहीं मणिनाथ चंद्रन को 39700 वोट मिले और रीमा 20504 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं. इस सीट के लिए चार पार्टियों ने गठबंधन किया है. पहला जनता दल सेक्यूलर और लोतांत्रिक जनता दल के बीच है, वहीं, दूसरा आरएमपी और यूडीएफ के बीच है.

आरएमपी को वाडकारा सीट पर समर्थन देकर कांग्रेस ने एलडीएफ को चुनौती देने की ठानी है. इसके अलावा यूडीएफ ने टीपी चंद्रशेखरन की पत्नी को मैदान में उतारा है. चंद्रशेखरन की राजनीतिक हिंसा के दौरान हत्या कर दी गई थी. यह सीपीएम को कड़ी चुनौती देगा.

इसी तरह की परिस्थिति धर्मदोम विधानसभा क्षेत्र में भी उत्पन्न हो रही है. वालायार लड़कियों की मां ने घोषणा की है कि वह धर्मदोम में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी.

मंगलवार को, वालायार लड़कियों की मां ने कहा कि सीएम ने वादा किया है कि उनके बच्चों को न्याय दिया जाएगा. अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए, महिला ने कहा कि उन्होंने सीएम के पैरों पर गिरकर अपनी बच्चियों के लिए न्याय की भीख मांगी थी.

पढ़ें-केरल विधानसभा चुनाव: बड़ा सवाल- कौन लड़ेगा सीएम विजयन के खिलाफ चुनाव?

चूंकि यूडीएफ ने धर्मदोम में अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम के निर्वाचन क्षेत्र में यूडीएफ वालायार लड़कियों की मां का समर्थन कर सकती है.

इस बीच, एलडीएफ मंत्री ए के बालन का यह कथन कि सीएम पर व्यक्तिगत हमले का जवाब राजनीतिक रूप से दिया जाएगा, धर्मदोम की राजनीतिक तस्वीर को स्पष्ट करता है. एक के. बालन ने आरोप लगाया कि वालायार लड़कियों की मां की उम्मीदवारी के पीछे भाजपा और कांग्रेस हैं.

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