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केरल सीपीएम ने हाईकोर्ट द्वारा अयोग्य ठहराए गए विधायक को सुप्रीम कोर्ट जाने की अनुमति दी

सीपीएम के विधायक की विधायकी रद्द होने के बाद पार्टी ने इस फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है. मंगलवार को वे सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ अपील करेंगे. केरल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि क्योंकि विधायक ए राजा आरक्षित वर्ग से नहीं आते हैं, लिहाजा वह देवीकुलम सीट से विधायक नहीं बन सकते हैं. यह सीट आरक्षित है और राजा कनवर्टेड ईसाई हैं.

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सीपीएम, कॉन्सेप्ट फोटो
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Published : Mar 20, 2023, 5:15 PM IST

तिरुवनंतपुरम : माकपा की केरल इकाई ने सोमवार को अपने विधायक ए राजा को सर्वोच्च न्यायालय में हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की अनुमति दे दी, जिन्हें उच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित देवीकुलम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राज्य पार्टी मुख्यालय में शीर्ष नेतृत्व की बैठक के दौरान इस पर निर्णय लिया गया और राजा को मंगलवार को ही अपील दायर करने के लिए कहा गया.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने कहा कि सीपीआई (एम) को पहले पूरे एससी समुदाय से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए कि उसने किसी ऐसे व्यक्ति को सीट दी जो समुदाय से नहीं है लेकिन फर्जी दस्तावेज पेश करके सदस्य बन गया. सतीसन ने कहा- नामांकन पत्र दाखिल किए जाने पर मामला रिटर्निंग ऑफिसर के ध्यान में लाया गया था, लेकिन वह कार्रवाई करने में विफल रहे. इस धोखाधड़ी के लिए मुख्य रूप से सीपीआई (एम) जिम्मेदार है और अब उनके उम्मीदवारों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज दाखिल करने के लिए उचित आपराधिक मामले दर्ज किए जाने चाहिए.

राजा के खिलाफ मामला कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ उम्मीदवार डी. कुमार ने दायर किया था. अप्रैल 2021 के केरल विधानसभा चुनाव में कुमार राजा से 7,848 मतों से हार गए थे. कुमार ने आरोप लगाया था कि राजा परिवर्तित ईसाई समुदाय से हैं और उन्होंने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट के लिए खुद को चुनाव लड़ने के योग्य बनाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र जमा किया था.

ये भी पढ़ें : 'कन्वर्टेड क्रिश्चियन को रिजर्वेशन का लाभ नहीं मिलेगा', इसी आधार पर रद्द हुई सीपीएम विधायक की विधायकी

फैसले के परिणामस्वरूप, राजा वर्तमान विधानसभा सत्र में भाग नहीं ले सकते हैं, इसके अलावा सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की ताकत 140 सदस्यीय केरल विधानसभा में 99 से 98 सीटों तक रह गई है. जहां राजा ने कहा कि वह फैसले के आदेश का अध्ययन करने के बाद प्रतिक्रिया देंगे, कुमार ने कहा कि वह फैसले को लेकर बहुत आश्वस्त थे क्योंकि सब कुछ राजा के खिलाफ था और अब खुश हैं कि सच्चाई सामने आ गई है.

(आईएएनएस)

तिरुवनंतपुरम : माकपा की केरल इकाई ने सोमवार को अपने विधायक ए राजा को सर्वोच्च न्यायालय में हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की अनुमति दे दी, जिन्हें उच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित देवीकुलम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राज्य पार्टी मुख्यालय में शीर्ष नेतृत्व की बैठक के दौरान इस पर निर्णय लिया गया और राजा को मंगलवार को ही अपील दायर करने के लिए कहा गया.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने कहा कि सीपीआई (एम) को पहले पूरे एससी समुदाय से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए कि उसने किसी ऐसे व्यक्ति को सीट दी जो समुदाय से नहीं है लेकिन फर्जी दस्तावेज पेश करके सदस्य बन गया. सतीसन ने कहा- नामांकन पत्र दाखिल किए जाने पर मामला रिटर्निंग ऑफिसर के ध्यान में लाया गया था, लेकिन वह कार्रवाई करने में विफल रहे. इस धोखाधड़ी के लिए मुख्य रूप से सीपीआई (एम) जिम्मेदार है और अब उनके उम्मीदवारों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज दाखिल करने के लिए उचित आपराधिक मामले दर्ज किए जाने चाहिए.

राजा के खिलाफ मामला कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ उम्मीदवार डी. कुमार ने दायर किया था. अप्रैल 2021 के केरल विधानसभा चुनाव में कुमार राजा से 7,848 मतों से हार गए थे. कुमार ने आरोप लगाया था कि राजा परिवर्तित ईसाई समुदाय से हैं और उन्होंने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट के लिए खुद को चुनाव लड़ने के योग्य बनाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र जमा किया था.

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फैसले के परिणामस्वरूप, राजा वर्तमान विधानसभा सत्र में भाग नहीं ले सकते हैं, इसके अलावा सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की ताकत 140 सदस्यीय केरल विधानसभा में 99 से 98 सीटों तक रह गई है. जहां राजा ने कहा कि वह फैसले के आदेश का अध्ययन करने के बाद प्रतिक्रिया देंगे, कुमार ने कहा कि वह फैसले को लेकर बहुत आश्वस्त थे क्योंकि सब कुछ राजा के खिलाफ था और अब खुश हैं कि सच्चाई सामने आ गई है.

(आईएएनएस)

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