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केरल : तिरुवनंतपुरम में पुलिस और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प - केरल में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन

पुलिस और युवा कांग्रेस (वाईसी) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. इस दौरान पुलिस ने पानी की बौछार के साथ ही लाठीचार्ज भी किया.यह झड़प सीएम की नव केरल सदास यात्रा के दौरान काले झंडे दिखाए जाने की घटना को लेकर हुआ. पढ़िए पूरी खबर... kerala police,congress protests, kerala Youth Congress protest, police and Youth Congress activists clash,Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan

police and Youth Congress activists clash
पुलिस और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प
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By PTI

Published : Dec 20, 2023, 8:52 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल में वामपंथी सरकार की 'नव केरल सदास' यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को कथित तौर पर काले झंडे दिखाए जाने की घटना के मद्देनजर राजधानी में बुधवार को पुलिस और युवा कांग्रेस (वाईसी) के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई. कांग्रेस की केरल इकाई ने बुधवार को धमकी दी कि अगर पुलिस ने उसके युवा और छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर हमला करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की तो वह कानून अपने हाथ में ले लेगी.

विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने धमकी दी कि अगर पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं की गई तो उनके युवा कांग्रेस (वाईसी) और केरल छात्र संघ (केएसयू) के कार्यकर्ता अब जवाबी हमला करेंगे. कांग्रेस नेता ने तिरुवनंतपुरम में सचिवालय के बाहर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह चेतावनी दी. 'नव केरल सदास' कार्यक्रम के दौरान कन्नूर जिले के कल्लियास्सेरी से कोल्लम तक कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को काले झंडे दिखाने को लेकर केएसयू के कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर हमला किया था.

प्रदेश अध्यक्ष राहुल मामकुट्टाथिल के नेतृत्व में युवा कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सतीशन के साथ एक बैनर लेकर सचिवालय तक मार्च किया, जिस पर एक सवाल लिखकर पूछा गया था कि पिनरायी विजयन मुख्यमंत्री हैं या 'मुख्य गुंडा' हैं. सतीशन की टिप्पणी की राज्य में वाम मोर्चे की सरकार ने कड़ी आलोचना करते हुए दावा किया कि कांग्रेस नेता ऐसा कर हिंसा और गुंडागर्दी को बढ़ावा दे रहे हैं. वामपंथी सरकार ने राज्य में कांग्रेस द्वारा हिंसा फैलाने पर सख्त कार्रवाई की भी चेतावनी दी है.

सतीशन ने मुख्यमंत्री के 'आपराधिक' बंदूकधारी और निजी सुरक्षा अधिकारियों को हटाने की भी मांग की जिन्होंने विजयन को काले झंडे दिखाने के लिए वाईसी-केएसयू कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पिटाई की थी. विपक्ष के नेता ने सचिवालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'हर चीज की एक सीमा होती है. अब तक हम उन्हें (वाईसी-केएसयू कार्यकर्ताओं को) संयम बरतने के लिए कहते रहे हैं. मैं उस रुख को बदलने के लिए यहां हूं. अगर ये दो कदम नहीं उठाए गए तो हम पलटवार करेंगे. हम जवाबी हमला करेंगे. इसमें कोई संदेह न रहे. कल्लियास्सेरी (कन्नूर जिले में) से लेकर कोल्लम तक हम पर हुए हर हमले का हिसाब लेंगे. हम जानते हैं कि हमारे लोगों पर किसने हमला किया. हम कल्लियास्सेरी से जवाबी कार्रवाई शुरू करेंगे.'

सतीशन का भाषण समाप्त होने के तुरंत बाद सचिवालय के बाहर हालात हिंसक हो गए और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता अवरोधकों पर चढ़कर सचिवालय में घुसने की कोशिश करने लगे. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस और उनके वाहनों पर भी लाठियां चलाईं और पत्थर भी फेंके. जवाब में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई बार पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. वाईसी कार्यकर्ताओं ने उन्हें सचिवालय में प्रवेश करने से रोकने वाले पुलिसकर्मियों की ढाल भी छीन ली और तोड़ दी और एक पुलिस बस की खिड़की भी तोड़ दी. जैसे ही वाईसी कार्यकर्ता हिंसक हो गए, पुलिस ने अंततः प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया और उनमें से कई को हिरासत में भी ले लिया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राहुल मामकुट्टाथिल भी इस झड़प में घायल हो गए.

गौरतलब है कि केरल में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और उनके कैबिनेट सहयोगियों को ले जा रही एक बस को काले झंडे दिखाए जाने की घटना को लेकर डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) और केएसयू के कार्यकर्ताओं के बीच मंगलवार को हिंसक झड़प हुई थी. मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगी 'नव केरल सदास' कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कोल्लम जिले में थे. यह हिंसक झड़प तब हुई जब विपक्षी दल कांग्रेस की छात्र शाखा केएसयू के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के वाहन के पास काले झंडे दिखाने की कोशिश की.

सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की युवा शाखा डीवाईएफआई के कार्यकर्ताओं ने केएसयू के कार्यकर्ताओं को झंडे दिखाने से रोकने की कोशिश की, जिसके कारण जेरोम नगर में कुछ समय के लिए सड़क पर दोनों युवा संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को व्यस्त सड़क पर लाठियों के साथ लड़ते हुए देखा जा सकता है.

ये भी पढ़ें - कर्नाटक विधानसभा के बाहर प्रदर्शन: 'शराब पीने वालों के लिए कल्याण कोष बनाए सरकार, शादी के लिए दो लाख रुपये दे, बीमारी का खर्च उठाए'

तिरुवनंतपुरम : केरल में वामपंथी सरकार की 'नव केरल सदास' यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को कथित तौर पर काले झंडे दिखाए जाने की घटना के मद्देनजर राजधानी में बुधवार को पुलिस और युवा कांग्रेस (वाईसी) के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई. कांग्रेस की केरल इकाई ने बुधवार को धमकी दी कि अगर पुलिस ने उसके युवा और छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर हमला करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की तो वह कानून अपने हाथ में ले लेगी.

विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने धमकी दी कि अगर पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं की गई तो उनके युवा कांग्रेस (वाईसी) और केरल छात्र संघ (केएसयू) के कार्यकर्ता अब जवाबी हमला करेंगे. कांग्रेस नेता ने तिरुवनंतपुरम में सचिवालय के बाहर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह चेतावनी दी. 'नव केरल सदास' कार्यक्रम के दौरान कन्नूर जिले के कल्लियास्सेरी से कोल्लम तक कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को काले झंडे दिखाने को लेकर केएसयू के कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर हमला किया था.

प्रदेश अध्यक्ष राहुल मामकुट्टाथिल के नेतृत्व में युवा कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सतीशन के साथ एक बैनर लेकर सचिवालय तक मार्च किया, जिस पर एक सवाल लिखकर पूछा गया था कि पिनरायी विजयन मुख्यमंत्री हैं या 'मुख्य गुंडा' हैं. सतीशन की टिप्पणी की राज्य में वाम मोर्चे की सरकार ने कड़ी आलोचना करते हुए दावा किया कि कांग्रेस नेता ऐसा कर हिंसा और गुंडागर्दी को बढ़ावा दे रहे हैं. वामपंथी सरकार ने राज्य में कांग्रेस द्वारा हिंसा फैलाने पर सख्त कार्रवाई की भी चेतावनी दी है.

सतीशन ने मुख्यमंत्री के 'आपराधिक' बंदूकधारी और निजी सुरक्षा अधिकारियों को हटाने की भी मांग की जिन्होंने विजयन को काले झंडे दिखाने के लिए वाईसी-केएसयू कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पिटाई की थी. विपक्ष के नेता ने सचिवालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'हर चीज की एक सीमा होती है. अब तक हम उन्हें (वाईसी-केएसयू कार्यकर्ताओं को) संयम बरतने के लिए कहते रहे हैं. मैं उस रुख को बदलने के लिए यहां हूं. अगर ये दो कदम नहीं उठाए गए तो हम पलटवार करेंगे. हम जवाबी हमला करेंगे. इसमें कोई संदेह न रहे. कल्लियास्सेरी (कन्नूर जिले में) से लेकर कोल्लम तक हम पर हुए हर हमले का हिसाब लेंगे. हम जानते हैं कि हमारे लोगों पर किसने हमला किया. हम कल्लियास्सेरी से जवाबी कार्रवाई शुरू करेंगे.'

सतीशन का भाषण समाप्त होने के तुरंत बाद सचिवालय के बाहर हालात हिंसक हो गए और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता अवरोधकों पर चढ़कर सचिवालय में घुसने की कोशिश करने लगे. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस और उनके वाहनों पर भी लाठियां चलाईं और पत्थर भी फेंके. जवाब में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई बार पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. वाईसी कार्यकर्ताओं ने उन्हें सचिवालय में प्रवेश करने से रोकने वाले पुलिसकर्मियों की ढाल भी छीन ली और तोड़ दी और एक पुलिस बस की खिड़की भी तोड़ दी. जैसे ही वाईसी कार्यकर्ता हिंसक हो गए, पुलिस ने अंततः प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया और उनमें से कई को हिरासत में भी ले लिया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राहुल मामकुट्टाथिल भी इस झड़प में घायल हो गए.

गौरतलब है कि केरल में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और उनके कैबिनेट सहयोगियों को ले जा रही एक बस को काले झंडे दिखाए जाने की घटना को लेकर डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) और केएसयू के कार्यकर्ताओं के बीच मंगलवार को हिंसक झड़प हुई थी. मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगी 'नव केरल सदास' कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कोल्लम जिले में थे. यह हिंसक झड़प तब हुई जब विपक्षी दल कांग्रेस की छात्र शाखा केएसयू के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के वाहन के पास काले झंडे दिखाने की कोशिश की.

सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की युवा शाखा डीवाईएफआई के कार्यकर्ताओं ने केएसयू के कार्यकर्ताओं को झंडे दिखाने से रोकने की कोशिश की, जिसके कारण जेरोम नगर में कुछ समय के लिए सड़क पर दोनों युवा संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को व्यस्त सड़क पर लाठियों के साथ लड़ते हुए देखा जा सकता है.

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