तिरुवनंतपुरम: केरल में ईसाई समुदाय के एक सम्मेलन केंद्र में एक के बाद एक हुए कई विस्फोट की घटना के बाद मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन द्वारा सोमवार को बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में समाज में अविश्वास और असहिष्णुता पैदा करने की कोशिशों को रोकने का संकल्प लिया गया. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, सचिवालय परिसर स्थित सम्मेलन सभागार में हुई बैठक में लोगों से विस्फोट के बाद निराधार आरोपों, अटकलें लगाने और अफवाह फैलाने से बचने का अनुरोध करने का भी सर्वसम्मति से संकल्प लिया गया.
केरल में कोच्चि के समीप कलमस्सेरी में ईसाई समुदाय के एक सम्मेलन केंद्र में रविवार को सुबह हुए धमाकों में तीन लोगों की मौत हो गयी. सम्मेलन केंद्र में .यहोवा के साक्षी' समूह की प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। इस ईसाई धार्मिक समूह की स्थापना 19वीं सदी में अमेरिका में की गयी थी. बयान के अनुसार, सर्वदलीय बैठक में राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दल शामिल हुए और उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि केरल उन लोगों के, राज्य के खंडित करने के अलग-अलग प्रयासों पर किसी भी कीमत पर काबू पा लेगा जो इस दक्षिणी राज्य में शांति, भाईचारे और समानता की विशेष सामाजिक स्थिति को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.
उन्होंने समाज के प्रत्येक व्यक्ति से समाज में विभाजन पैदा करने और लोगों को एक-दूसरे से अलग करने के लिए जारी अटकलों, मिथकों और अफवाहों को फैलाने के प्रयासों को रोकने का आग्रह किया. विस्फोटों में 14 लोगों की मौत हुई और 52 अन्य घायल हुए, जिनमें से छह की हालत गंभीर थी. इसके बाद गंभीर रूप से घायलों में से 53 वर्षीय महिला की मौत हो गयी. सोमवार को सुबह तक हादसे में 95 फीसदी तक झुलसी 12 वर्षीय लड़की की भी मौत हो गयी. राज्य के पुलिस महानिदेशक शेख दरवेश साहब ने रविवार को पुष्टि की थी कि यह विस्फोट आईईडी (विस्फोटक) के कारण हुआ. घटना के कुछ घंटों बाद ‘यहोवा के साक्षी’ संप्रदाय का सदस्य होने का दावा करते हुए एक व्यक्ति ने त्रिशूर जिले की पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर इन धमाकों की जिम्मेदारी ली थी.
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