ETV Bharat / bharat

केरल में तीन सरकारी विधि कॉलेजों के प्रधानाचार्यों की नियुक्ति रद्द - प्रधानाचार्यों की नियुक्ति रद्द

केरल प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने तीन सरकारी विधि कॉलेजों के प्रधानाचार्यों की नियुक्ति रद्द कर दी है (Kerala Administrative Tribunal cancels appointment). ट्रिब्यूनल ने यूजीसी गाइडलाइन के मुताबिक नए सिरे से चयन करने के निर्देश दिए.

Tribunal cancels appointment
ट्रिब्यूनल का फैसला
author img

By

Published : Jan 7, 2023, 5:03 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल प्रशासनिक न्यायाधिकरण (केएटी) ने तीन सरकारी विधि कॉलेज के प्रधानाचार्यों की नियुक्ति रद्द कर दी है (Kerala Administrative Tribunal cancels appointment). उसने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नियमन, 2010 के 'प्रावधानों के विपरीत' होने के कारण उनकी नियुक्ति रद्द कर दी. ट्रिब्यूनल ने सरकार को यूजीसी विनियमों के अनुसार नए सिरे से चयन करने का भी निर्देश दिया.

केएटी सदस्य न्यायाधीश पी वी आशा और पी के केशवन ने तिरुवनंतपुरम, एर्नाकुलम और त्रिशूर गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के प्रधानाचार्यों की नियुक्तियां रद्द कर दी है. न्यायाधिकरण ने सरकार को यूजीसी नियमों के अनुसार फिर से नियुक्तियां करने का भी निर्देश दिया है.

चार जनवरी को दिए गए आदेश में कहा गया है, 'प्रधानाचार्यों के पद के लिए योग्यता से जुड़े 19 मार्च 2017 के आदेश, 30 अगस्त 2018 की चयन सूची, तीन सितंबर 2018 के पदोन्नति आदेश को रद्द किया जाता है...चयन सूची को यूजीसी नियम, 2010 में शामिल प्रावधानों के विपरीत पाया गया है.'

ट्रिब्यूनल ने कहा, '...यह उचित है कि उन सभी रिक्तियों के खिलाफ नए सिरे से चयन किया जाए, जिसके लिए चयन सूची यूजीसी विनियम, 2010 के अनुसार तैयार की गई थी.

यह आदेश एर्नाकुलम लॉ कॉलेज के सहायक प्रोफेसर गिरि शंकर एस एस की उस याचिका पर आया है जिसमें उन्होंने प्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति यूजीसी नियमों के अनुसार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया.

न्यायाधिकरण ने कहा, 'यही उचित होगा कि उन सभी रिक्तियों के लिए नए सिरे से चयन किया जाए...' साथ ही उसने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में प्रधानाचार्यों की नियुक्ति के लिए यूजीसी नियमों के अनुसार चयन समिति गठित करने का भी निर्देश दिया. न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि प्रावधानों का पालन किए बगैर प्रधानाचार्यों का चयन किया गया है.

पढ़ें- राज्यपाल को कुलाधिपति पद से हटाने संबंधी विधेयक पर स्पष्टीकरण मांगूंगा: आरिफ खान

(PTI)

तिरुवनंतपुरम : केरल प्रशासनिक न्यायाधिकरण (केएटी) ने तीन सरकारी विधि कॉलेज के प्रधानाचार्यों की नियुक्ति रद्द कर दी है (Kerala Administrative Tribunal cancels appointment). उसने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नियमन, 2010 के 'प्रावधानों के विपरीत' होने के कारण उनकी नियुक्ति रद्द कर दी. ट्रिब्यूनल ने सरकार को यूजीसी विनियमों के अनुसार नए सिरे से चयन करने का भी निर्देश दिया.

केएटी सदस्य न्यायाधीश पी वी आशा और पी के केशवन ने तिरुवनंतपुरम, एर्नाकुलम और त्रिशूर गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के प्रधानाचार्यों की नियुक्तियां रद्द कर दी है. न्यायाधिकरण ने सरकार को यूजीसी नियमों के अनुसार फिर से नियुक्तियां करने का भी निर्देश दिया है.

चार जनवरी को दिए गए आदेश में कहा गया है, 'प्रधानाचार्यों के पद के लिए योग्यता से जुड़े 19 मार्च 2017 के आदेश, 30 अगस्त 2018 की चयन सूची, तीन सितंबर 2018 के पदोन्नति आदेश को रद्द किया जाता है...चयन सूची को यूजीसी नियम, 2010 में शामिल प्रावधानों के विपरीत पाया गया है.'

ट्रिब्यूनल ने कहा, '...यह उचित है कि उन सभी रिक्तियों के खिलाफ नए सिरे से चयन किया जाए, जिसके लिए चयन सूची यूजीसी विनियम, 2010 के अनुसार तैयार की गई थी.

यह आदेश एर्नाकुलम लॉ कॉलेज के सहायक प्रोफेसर गिरि शंकर एस एस की उस याचिका पर आया है जिसमें उन्होंने प्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति यूजीसी नियमों के अनुसार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया.

न्यायाधिकरण ने कहा, 'यही उचित होगा कि उन सभी रिक्तियों के लिए नए सिरे से चयन किया जाए...' साथ ही उसने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में प्रधानाचार्यों की नियुक्ति के लिए यूजीसी नियमों के अनुसार चयन समिति गठित करने का भी निर्देश दिया. न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि प्रावधानों का पालन किए बगैर प्रधानाचार्यों का चयन किया गया है.

पढ़ें- राज्यपाल को कुलाधिपति पद से हटाने संबंधी विधेयक पर स्पष्टीकरण मांगूंगा: आरिफ खान

(PTI)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.