नई दिल्ली: दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए दिल्ली सरकार प्रीमियम बस सेवा शुरू करना चाहती है. इस सेवा को लेकर पिछले तीन-चार सालों से परिवहन विभाग काम कर रहा था. अब इसका खाका तैयार हो चुका है. सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि प्रीमियम बस सेवा की शुरुआत करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा तैयार प्रस्ताव को एलजी के पास भेजा है. उन्होंने कहा कि अब उपराज्यपाल इसे स्वीकृति प्रदान करें या फिर आगे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजें. दिल्ली सरकार ने अपनी तरफ से इस प्रस्ताव को तैयार कर भेज दिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में अगर हमें कार व स्कूटर में ट्रैवल करने वाले लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ले जाना है तो इसके लिए हमें बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लाना होगा. दिल्ली में जब मेट्रो चलनी शुरू हुई थी तो बहुत सारे लोग जो पहले निजी वाहनों से चलते थे उन्होंने अपनी गाड़ियां छोड़ दी और वह मेट्रो से जाना शुरू कर दिया. इससे दिल्ली के सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या में कमी आई, लेकिन धीरे-धीरे अब दोबारा सड़कों पर अधिक निजी गाड़ियां दौड़ने लगी है. मेट्रो को आए हुए भी 22: 23 साल हो गए. मेट्रो खचाखच भर गई है तो इसका असर यह हुआ है कि जिन लोगों ने शुरुआत मेट्रो से की थी अब वह दोबारा निजी वाहनों पर आ गए हैं.
प्रीमियम बस सेवा की खासियत : केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बसें हैं लेकिन पर्याप्त संख्या में अभी नहीं है. इन बसों में लोअर मिडिल क्लास के लोग सफर करते हैं. डीटीसी बस में सीट की कोई गारंटी नहीं है, वह कंफर्ट नहीं है जो एक अपर मिडिल क्लास और अपर क्लास चाहता है. उनके लिए हम पिछले तीन-चार साल से प्रीमियम बस सर्विस को लाना चाहते थे. यह अपनी तरह का एक पहला एक्सपेरिमेंट है, इस स्कीम के तहत एसी बसें चलाई जाएंगी. हमने दिल्ली मोटर लाइसेंसिंग एग्रीगेटर्स स्कीम के तहत प्रीमियम बसें चलाने का प्रस्ताव तैयार किया है. यह बसें कंफर्टेबल होंगी, टू बाय टू की बसें होंगी. एयर कंडीशन सोंगी. बसों के अंदर वाईफाई होगा, जीपीएस होगा, सीसीटीवी होगा, पैनिक बटन होगा और सीट की बुकिंग एप से होगी.
दिल्ली में पहली बार लाई जा रही यह बस सेवा : मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बस सेवा पहली बार लाई जा रही है और हमारा मकसद यह है कि मिडिल क्लास और अपर क्लास जो अपने कंफर्ट के लिए अपनी कार लेकर जाते हैं उनको यह ऑप्शन मिलेगा तो वह निजी वाहन छोड़ देंगे. इस योजना के तहत जो बसें चलेंगी वह 3 साल से अधिक पुरानी नहीं होंगी. एक जनवरी 2024 के बाद जो खरीदी जाएंगी उसका इलेक्ट्रिक होना जरूरी है. उसमें लाइसेंस दिया जाएगा. इलेक्ट्रिक बस लेने वालों को कोई लाइसेंस फीस नहीं देनी होगी. एक एग्रीगेटर कम से कम 50 बसें लाइसेंस मिलने के बाद ले सकता है. सबसे खास बात इस स्कीम की है कि रूट्स हम नहीं करेंगे, एग्रीगेटर खुद डिसाइड करेगा. जहां ज्यादा ट्रैफिक है वहां ज्यादा बस चलेगी. जहां कम ट्रैफिक होगा कम बसें चलेंगी. रूट एग्रीगेटर खुद डिसाइड करेंगे वह दिल्ली सरकार को सूचित कर देगा. किराया भी एग्रीगेटर खुद डिसाइड करेगा. इस बस सेवा के लिए मोबाइल से या वेबपेज से बुकिंग होगी. सारी पेमेंट डिजिटली करनी होंगी यह सारी बसें और एक समान रंग की होंगी और बस के अंदर एग्रीगेटर अपना एडवर्टाइज कर सकता है. उस एडवर्टाइजमेंट से संचालक पैसा कमा सकता है.
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केजरीवाल बोले दिल्ली सरकार ने अपनी स्कीम फाइनल कर दी है. एलजी साहब इसे या तो राष्ट्रपति साहब को भेजें या फिर वह स्वीकृति प्रदान कर देंगे. उपराज्यपाल के पास से स्वीकृति मिलने के बाद एक महीने के लिए आम लोगों से भी फीडबैक लेंगे और उस आधार पर अगर कोई मामूली बदलाव करना होगा तो उसे हम लागू कर देंगे. दिल्ली ही नहीं देश भर के लिए यह बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम होगा.