श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जहां कई पार्टियां इसका स्वागत कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ पार्टियां इस फैसले से नाखुश हैं. जम्मू-कश्मीर में ही सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता और कुर्गिली डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के सदस्य सज्जाद कुर्गिली ने सोमवार को अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत करार दिया.
सज्जाद कारगली ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि 'आज का फैसला (सुप्रीम कोर्ट का) निराशाजनक था.' उन्होंने आगे लिखा कि 'यह (फैसला) और भी निराशाजनक है कि लद्दाख के लिए एक पंक्ति के फैसले से ज्यादा कुछ नहीं था, जो लद्दाख को लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रतिनिधित्व से वंचित करता है.'
अनुच्छेद 370 पर अपने फैसले में कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने ये बात कही कि 'राज्य से किसी हिस्से को अलग करके केंद्र के अधीन करने में कोई कानून का उल्लंघन नहीं है. इसलिए लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा. राज्य का दर्जा यथाशीघ्र बहाल किया जाना चाहिए.'
ध्यान देने वाली बात यह है कि इस महीने की 4 तारीख (4 दिसंबर) को लेह एपेक्स बॉडी (एलबीए) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के नेतृत्व में 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार को चार सूत्री मांगें सौंपीं. इसमें छठी अनुसूची सहित, राज्य का दर्जा, लेह और कारगिल के लिए एक-एक लोकसभा सीट और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसरों के लिए एक लोक सेवा आयोग का निर्माण शामिल था.