नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय समिति (बीआरएस) की नेता के कविता ने बुधवार को कहा कि वह किसान संघ के नेताओं के साथ परामर्श कर रही हैं, ताकि वह महिला आरक्षण विधेयक के लिए अपनी लड़ाई को और मजबूत बना सकें. कविता ने यहां नई दिल्ली में विपक्षी दलों के नेताओं, छात्रों और शिक्षाविदों के साथ महिला आरक्षण विधेयक के मुद्दे पर एक गोलमेज बैठक के बाद कहा कि हमें संसद के भीतर और बाहर लड़ना चाहिए. यह पार्टी (भाजपा) 2014 में और फिर 2019 में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने के आश्वासन पर सत्ता में आई थी.
आगे उन्होंने कहा कि लेकिन, उन्होंने हमें लड़ाई को सड़क पर ले जाने के लिए मजबूर किया है. हम किसान नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि हम देशव्यापी आंदोलन शुरू कर सकें. गौरतलब है कि कविता द्वारा बुलाई गई बैठक में कांग्रेस, टीएमसी जैसे विपक्षी दल अनुपस्थित थे. कविता ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमारी अगली बैठकों में सभी पार्टियां शामिल होंगी. कांग्रेस भी महिला आरक्षण विधेयक के लिए हमारे आंदोलन का समर्थन कर रही है.
कविता, जो मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी भी हैं, उन्होंने संसद के इस बजट सत्र में लंबे समय से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने की मांग को लेकर 10 मार्च को दिल्ली में भूख हड़ताल की थी. कविता ने कहा कि अगले कुछ दिनों में हम सभी राज्यों में जा रहे हैं. मौजूदा संसद सत्र के अंत तक हम महिला आरक्षण विधेयक की मांग को लेकर अपना विरोध जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि एक साथ खड़े हैं क्योंकि हम वास्तव में मानते हैं कि महिला आरक्षण विधेयक महत्वपूर्ण है.
आगे उन्होंने कहा कि यह भारत के उज्जवल, मजबूत और समावेशी भविष्य के लिए अनिवार्य है. विधेयक को सदन के पटल पर रखने के भारत जागृति के आह्वान में शामिल होने के लिए विपक्ष के सभी दलों और नागरिक समाजों का धन्यवाद. शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन नहीं करने पर केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की. ईटीवी भारत से बात करते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी महिलाओं के मुद्दों को जिस तरह से हैंडल कर रही है, चाहे वह उत्तर प्रदेश में हो या कहीं और, ऐसा लगता है कि वे पूरी तरह से महिला सुरक्षा के खिलाफ हैं.
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राजद सांसद मनोज कुमार झा ने भी यही विचार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. झा ने कहा कि वे (भाजपा सरकार) विपक्षी नेताओं के खिलाफ सभी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन, हम महिला आरक्षण विधेयक के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं. झा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बीआरएस नेता कविता को जारी समन का जिक्र कर रहे थे. कविता दिल्ली शराब घोटाले के सिलसिले में ईडी कार्यालय में पेश होंगी.