कटिहार : बिहार के कटिहार का नाम भी चंद्रयान-3 की सफलता के साथ जुड़ गया है. दरअसल, कटिहार के लाल मो. शब्बीर भी उसी टीम का हिस्सा थे, जिसके सिर चंद्रयान-3 की सफलता का सेहरा बंधा है. शब्बीर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान में बतौर इंजीनियर काम कर रहे हैं. वह पहले गगनयान मिशन से जुड़े थे. इसके बाद वह चंद्रयान-3 की टीम के सदस्य बने.
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स्पेस साइंस इंस्टीच्यूट से की है इंजीनियरिंग : शब्बीर कटिहार के पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे आबादपुर थाना क्षेत्र के चापाखोर पंचायत स्थित छोगड़ा इलाके के रहने वाले हैं. इनके पिता मो.हारुण राशिद पेशे से शिक्षक हैं और गांव में ही रहते हैं. शब्बीर बचपन से ही काफी मेधावी थे. जब वह प्राथमिक विद्यालय में थे, तभी उनका चयन जवाहर नवोदय विद्यालय के लिए हुआ था. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. स्कूली शिक्षा के बाद शब्बीर का चयन इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलाॅजी तिरुवनंतपुरम के लिए हुआ.
मिशन गगनयान के लिए भी कर चुके हैं काम : तिरुवनंतपुरम से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद शब्बीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गगनयान मिशन से जुड़ गए. यहां काफी दिनों तक काम करने के बाद, वह एक कदम आगे बढ़ते हुए इसरो में चंद्रयान-3 की टीम का हिस्सा बन गए. चंद्रयान की सफलता के लिए शब्बीर ने भी अथक मेहनत की. इसका परिणाम आज सबके सामने है. कटिहार के इस लाल की उपलब्धि पर पूरा जिला नाज कर रहा है.
बधाई देने वालों का लगा है तांता : मो. शब्बीर के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ. बलरामपुर विधायक महबूब आलम ने भी शब्बीर को शुभकामनाएं दी और आगे बढ़ने की दुआ की है. बताते चलें कि शब्बीर पूर्व राष्ट्रपति मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानते हैं. आज शब्बीर उन युवाओं के लिये प्रेरणास्रोत बन गए हैं जो तालीम के बल पर बुलंदियों को चूमना चाहते हैं.