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कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने जम्मू में किया प्रदर्शन, घाटी से स्थानांतरण की मांग

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Published : Aug 17, 2022, 3:29 PM IST

Updated : Aug 17, 2022, 4:42 PM IST

कश्मीर घाटी में लक्षित हत्याओं से कश्मीरी पंडितों में भय का माहौल है. बुधवार को कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों ने घाटी से स्थानांतरित करने की मांग को लेकर जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है. लक्षित हत्याओं की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.

Kashmiri Pandit employees protest
कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का प्रदर्शन

जम्मू: जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकियों के हमले में एक कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद बुधवार को जम्मू के कई इलाकों में कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों ने घाटी से स्थानांतरित करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन (Kashmiri Pandit employees protest) किया. कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों ने जम्मू के बिक्रम चौक पर प्रदर्शन किया, जिससे यातायात बाधित हो गया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत किया, जिसके बाद इलाके में यातायात बहाल कर दिया गया. इसके अलावा कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग मुठी प्रवासी कॉलोनी व अन्य स्थानों पर इकट्ठा हुए और कश्मीर घाटी में लक्षित हत्याओं का विरोध किया.

जम्मू में कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

प्रदर्शनकारी राहत आयुक्त कार्यालय जम्मू के सामने जमा हो गए और प्रेस क्लब जम्मू तक मार्च किया. इस दौरान तवी पुल को जाम कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कश्मीरी पंडित घाटी में सॉफ्ट टारगेट बनते जा रहे हैं और सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है, जबकि लक्षित हत्याओं की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं, जिससे उनमें भय का माहौल बढ़ता ही जा रहा है.

प्रधानमंत्री के विशेष पुनर्वास पैकेज के तहत भर्ती किए गए और घाटी के विभिन्न हिस्सों में तैनात कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने स्थानांतरण की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने कहा, हम एक विशेष पैकेज के तहत घाटी में कार्यरत हैं, हर कोई यहां की स्थिति से अवगत है. हम जम्मू में अपना स्थानांतरण चाहते हैं ताकि हम जीवित रह सकें.

कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने सभी पंडितों को घाटी छोड़ने को कहा
इससे पहले, श्रीनगर स्थित स्थानीय पंडितों के संगठन कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) के अध्यक्ष संजय कुमार टिक्कू ने समुदाय के सभी सदस्यों को घाटी छोड़ने के लिए कहा. शोपियां जिले के चोटिगम गांव में मंगलवार को सुनील कुमार की निर्मम हत्या और उनके भाई पीतांबर उर्फ पिंटू को गंभीर रूप से घायल करने के बाद में एक कड़ा बयान जारी करते हुए टिक्कू ने सभी स्थानीय पंडितों को घाटी छोड़ने के लिए कहा.

केपीएसएस के बयान में कहा गया है, 'कश्मीर घाटी में कोई भी कश्मीरी पंडित सुरक्षित नहीं है. कश्मीरी पंडितों के लिए, केवल एक ही विकल्प बचा है कि वह कश्मीर छोड़ दें या धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा मारे जाएं, जिन्हें स्थानीय आबादी का समर्थन प्राप्त है.' बयान में आरोप लगाया गया कि कश्मीर में पर्यटक और अमरनाथ यात्री सुरक्षित हैं, लेकिन गैर स्थानीय मुस्लिम और कश्मीरी पंडित आतंकवादियों के निशाने पर हैं. बयान में सरकार पर कश्मीरी पंडित समुदाय की रक्षा करने में कथित विफलता के लिए भी आरोप लगाया गया है.

यह भी पढ़ें- शोपियां में आतंकी हमला, एक कश्मीरी पंडित की मौत

जम्मू: जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकियों के हमले में एक कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद बुधवार को जम्मू के कई इलाकों में कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों ने घाटी से स्थानांतरित करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन (Kashmiri Pandit employees protest) किया. कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों ने जम्मू के बिक्रम चौक पर प्रदर्शन किया, जिससे यातायात बाधित हो गया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत किया, जिसके बाद इलाके में यातायात बहाल कर दिया गया. इसके अलावा कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग मुठी प्रवासी कॉलोनी व अन्य स्थानों पर इकट्ठा हुए और कश्मीर घाटी में लक्षित हत्याओं का विरोध किया.

जम्मू में कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

प्रदर्शनकारी राहत आयुक्त कार्यालय जम्मू के सामने जमा हो गए और प्रेस क्लब जम्मू तक मार्च किया. इस दौरान तवी पुल को जाम कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कश्मीरी पंडित घाटी में सॉफ्ट टारगेट बनते जा रहे हैं और सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है, जबकि लक्षित हत्याओं की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं, जिससे उनमें भय का माहौल बढ़ता ही जा रहा है.

प्रधानमंत्री के विशेष पुनर्वास पैकेज के तहत भर्ती किए गए और घाटी के विभिन्न हिस्सों में तैनात कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने स्थानांतरण की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने कहा, हम एक विशेष पैकेज के तहत घाटी में कार्यरत हैं, हर कोई यहां की स्थिति से अवगत है. हम जम्मू में अपना स्थानांतरण चाहते हैं ताकि हम जीवित रह सकें.

कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने सभी पंडितों को घाटी छोड़ने को कहा
इससे पहले, श्रीनगर स्थित स्थानीय पंडितों के संगठन कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) के अध्यक्ष संजय कुमार टिक्कू ने समुदाय के सभी सदस्यों को घाटी छोड़ने के लिए कहा. शोपियां जिले के चोटिगम गांव में मंगलवार को सुनील कुमार की निर्मम हत्या और उनके भाई पीतांबर उर्फ पिंटू को गंभीर रूप से घायल करने के बाद में एक कड़ा बयान जारी करते हुए टिक्कू ने सभी स्थानीय पंडितों को घाटी छोड़ने के लिए कहा.

केपीएसएस के बयान में कहा गया है, 'कश्मीर घाटी में कोई भी कश्मीरी पंडित सुरक्षित नहीं है. कश्मीरी पंडितों के लिए, केवल एक ही विकल्प बचा है कि वह कश्मीर छोड़ दें या धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा मारे जाएं, जिन्हें स्थानीय आबादी का समर्थन प्राप्त है.' बयान में आरोप लगाया गया कि कश्मीर में पर्यटक और अमरनाथ यात्री सुरक्षित हैं, लेकिन गैर स्थानीय मुस्लिम और कश्मीरी पंडित आतंकवादियों के निशाने पर हैं. बयान में सरकार पर कश्मीरी पंडित समुदाय की रक्षा करने में कथित विफलता के लिए भी आरोप लगाया गया है.

यह भी पढ़ें- शोपियां में आतंकी हमला, एक कश्मीरी पंडित की मौत

Last Updated : Aug 17, 2022, 4:42 PM IST
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