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अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद जानें अब तक कश्मीर में क्या-क्या हुआ? - delimitation commission

केंद्र सरकार (Central Government ) ने 24 जून को जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir) के सभी क्षेत्रीय राजनीतिक दलों (regional political parties) की बैठक बुलाई है, जिसके चलते केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव (assembly elections) की उम्मीदें जग गई हैं. प्रदेश 2018 से केंद्र के शासन में हैं.

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Published : Jun 22, 2021, 9:12 PM IST

हैदराबाद : केंद्र सरकार (Central Government ) ने 24 जून को जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir) के सभी क्षेत्रीय राजनीतिक दलों (regional political parties) की बैठक बुलाई है. अगस्त 2019 को राज्य से विशेष दर्जा (special status) छीन लेने के बाद इस तरह की यह पहली बैठक है. सरकार के इस कदम ने केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव (assembly elections ) की उम्मीदें जगाई हैं, जो 2018 से केंद्र के शासन में हैं.

आईए एक नजर डालते हैं जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से लेकर अब तक के पूरे घटना क्रम पर.

19.06.21: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए परिसीमन आयोग (delimitation commission) ने सभी 20 जिला आयुक्तों (District Commissioners) को लिखकर बुनियादी जनसांख्यिकीय, स्थलाकृतिक जानकारी मांगी.

17.02.21: पहले जिला विकास परिषद (District Development Council) चुनावों के सफल आयोजन के बाद विकास कार्यों और सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए विभिन्न देशों के 22 विदेशी दूतों (foreign envoys) का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचा.

13.02.21 : केंद्रीय गृह मंत्री (Union home minister) अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि सरकार ने 2022 तक घाटी में सभी विस्थापित कश्मीरी पंडितों (displaced Kashmiri Pandits) को फिर से बसाने का फैसला किया है. साथ ही वहां के लोगों के लिए 25,000 नौकरियां क्रिएट की हैं और इस क्षेत्र में ट्रेन कनेक्टिविटी (train connectivity) का निर्माण किया है.

इसी दिन लोकसभा ( Lok Sabha) में अमित शाह को बताया कि जम्मू-कश्मीर को उचित समय पर राज्य का दर्जा दिया जाए.

06.02.21: जम्मू कश्मीर प्रशासन (Jammu Kashmir administration ) ने इस क्षेत्र में हाई-स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवाओं (mobile internet services) की बहाली की अनुमति देने वाला एक आदेश जारी किया.

23.12.2020: पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (People's Alliance for Gupkar Declaration ) ने 110 सीटें जीतकर पहले जिला विकास परिषद (DDC) के चुनावों में जीत हासिल की, जबकि बीजेपी जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.

28.11.20: जम्मू कश्मीर के इतिहास में पहली बार 280 डीडीसी निर्वाचन क्षेत्रों में आठ चरणों में चुनाव हुआ.

15.10.20 : नेशनल कांफ्रेस (National Conference) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने जम्मू कश्मीर में अपने आवास पर एक सर्वदलीय बैठक के बाद पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (PAGD) की घोषणा की. इस गठबंधन के गठन की घोषणा करने के लिए जम्मू कश्मीर में कुल सात राजनीतिक दल एक साथ आए.

13.10.2020: पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (People's Democratic Party ) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को 14 महीने की हिरासत के बाद रिहा कर दिया गया.

29.06.20: कश्मीर के अलगाववादी समूह (Kashmir's separatist conglomerate) के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani ), हुर्रियत कांफ्रेंस (Hurriyat conference ) ने ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अपने गुट को छोड़ दिया और अब्दुल्ला गिलानी (Abdullah Geelani) को अपना उत्तराधिकारी नामित किया.

24.03.2020 : उमर अब्दुल्ला रिहा हुए.

13.03.2020 : नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) के अध्यक्ष और श्रीनगर के संसद सदस्य डॉ फारूक अब्दुल्ला को सात महीने से अधिक समय तक हिरासत में रखने के बाद रिहा कर दिया गया.

09.02.2020: जमीनी स्थिति की समीक्षा के लिए 15 विदेशी दूतों का एक समूह दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचा.

18.01.20: 301 व्हाइट लिस्टेड वेबसाइटों (White listed websites) के लिए 2जी सेवाएं बहाल की गईं.

31.10.19: जम्मू-कश्मीर आधिकारिक रूप से दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित हुआ.

29.10.19: जम्मू-कश्मीर पर सरकार के फैसले के बाद विदेशी प्रतिनिधिमंडल की पहली यात्रा में, 23 यूरोपीय संसद के सदस्य (Members of European Parliament) की एक टीम दो दिवसीय यात्रा पर कश्मीर गई.

पढ़ें - पीएम की जम्मू कश्मीर की सर्वदलीय बैठक से राजनीतिक प्रगति की शुरुआत होगी: अपनी पार्टी

14.10.19: पोस्टपेड फोन (Postpaid phone) सेवाएं बहाल हुईं.

06.08.19: संसद ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे (special status of jammu kashmir) में बदलाव को मंजूरी दी.

05.08.19 : अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्ती किया गया और केबल टीवी, मोबाइल फोन, इंटरनेट सेवाएं, लैंडलाइन बंद कर दी गईं.

04.08.19: धारा 144 लागू, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित अन्य प्रमुख कश्मीरी नेताओं को हिरासत में लिया गया.

02.08.19: बड़ी संख्या में सुरक्षा बल कश्मीर पहुंचे और फिर तीर्थयात्रियों को अमरनाथ (Amarnath) से लौटने के लिए कहा गया.

हैदराबाद : केंद्र सरकार (Central Government ) ने 24 जून को जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir) के सभी क्षेत्रीय राजनीतिक दलों (regional political parties) की बैठक बुलाई है. अगस्त 2019 को राज्य से विशेष दर्जा (special status) छीन लेने के बाद इस तरह की यह पहली बैठक है. सरकार के इस कदम ने केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव (assembly elections ) की उम्मीदें जगाई हैं, जो 2018 से केंद्र के शासन में हैं.

आईए एक नजर डालते हैं जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से लेकर अब तक के पूरे घटना क्रम पर.

19.06.21: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए परिसीमन आयोग (delimitation commission) ने सभी 20 जिला आयुक्तों (District Commissioners) को लिखकर बुनियादी जनसांख्यिकीय, स्थलाकृतिक जानकारी मांगी.

17.02.21: पहले जिला विकास परिषद (District Development Council) चुनावों के सफल आयोजन के बाद विकास कार्यों और सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए विभिन्न देशों के 22 विदेशी दूतों (foreign envoys) का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचा.

13.02.21 : केंद्रीय गृह मंत्री (Union home minister) अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि सरकार ने 2022 तक घाटी में सभी विस्थापित कश्मीरी पंडितों (displaced Kashmiri Pandits) को फिर से बसाने का फैसला किया है. साथ ही वहां के लोगों के लिए 25,000 नौकरियां क्रिएट की हैं और इस क्षेत्र में ट्रेन कनेक्टिविटी (train connectivity) का निर्माण किया है.

इसी दिन लोकसभा ( Lok Sabha) में अमित शाह को बताया कि जम्मू-कश्मीर को उचित समय पर राज्य का दर्जा दिया जाए.

06.02.21: जम्मू कश्मीर प्रशासन (Jammu Kashmir administration ) ने इस क्षेत्र में हाई-स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवाओं (mobile internet services) की बहाली की अनुमति देने वाला एक आदेश जारी किया.

23.12.2020: पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (People's Alliance for Gupkar Declaration ) ने 110 सीटें जीतकर पहले जिला विकास परिषद (DDC) के चुनावों में जीत हासिल की, जबकि बीजेपी जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.

28.11.20: जम्मू कश्मीर के इतिहास में पहली बार 280 डीडीसी निर्वाचन क्षेत्रों में आठ चरणों में चुनाव हुआ.

15.10.20 : नेशनल कांफ्रेस (National Conference) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने जम्मू कश्मीर में अपने आवास पर एक सर्वदलीय बैठक के बाद पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (PAGD) की घोषणा की. इस गठबंधन के गठन की घोषणा करने के लिए जम्मू कश्मीर में कुल सात राजनीतिक दल एक साथ आए.

13.10.2020: पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (People's Democratic Party ) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को 14 महीने की हिरासत के बाद रिहा कर दिया गया.

29.06.20: कश्मीर के अलगाववादी समूह (Kashmir's separatist conglomerate) के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani ), हुर्रियत कांफ्रेंस (Hurriyat conference ) ने ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अपने गुट को छोड़ दिया और अब्दुल्ला गिलानी (Abdullah Geelani) को अपना उत्तराधिकारी नामित किया.

24.03.2020 : उमर अब्दुल्ला रिहा हुए.

13.03.2020 : नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) के अध्यक्ष और श्रीनगर के संसद सदस्य डॉ फारूक अब्दुल्ला को सात महीने से अधिक समय तक हिरासत में रखने के बाद रिहा कर दिया गया.

09.02.2020: जमीनी स्थिति की समीक्षा के लिए 15 विदेशी दूतों का एक समूह दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचा.

18.01.20: 301 व्हाइट लिस्टेड वेबसाइटों (White listed websites) के लिए 2जी सेवाएं बहाल की गईं.

31.10.19: जम्मू-कश्मीर आधिकारिक रूप से दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित हुआ.

29.10.19: जम्मू-कश्मीर पर सरकार के फैसले के बाद विदेशी प्रतिनिधिमंडल की पहली यात्रा में, 23 यूरोपीय संसद के सदस्य (Members of European Parliament) की एक टीम दो दिवसीय यात्रा पर कश्मीर गई.

पढ़ें - पीएम की जम्मू कश्मीर की सर्वदलीय बैठक से राजनीतिक प्रगति की शुरुआत होगी: अपनी पार्टी

14.10.19: पोस्टपेड फोन (Postpaid phone) सेवाएं बहाल हुईं.

06.08.19: संसद ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे (special status of jammu kashmir) में बदलाव को मंजूरी दी.

05.08.19 : अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्ती किया गया और केबल टीवी, मोबाइल फोन, इंटरनेट सेवाएं, लैंडलाइन बंद कर दी गईं.

04.08.19: धारा 144 लागू, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित अन्य प्रमुख कश्मीरी नेताओं को हिरासत में लिया गया.

02.08.19: बड़ी संख्या में सुरक्षा बल कश्मीर पहुंचे और फिर तीर्थयात्रियों को अमरनाथ (Amarnath) से लौटने के लिए कहा गया.

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