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चीनी वीजा धन शोधन मामले में कार्ति चिदंबरम फिर से ईडी के सामने हुए पेश

मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम. चीनी वीजा धन शोधन मामले में नए दौर की पूछताछ के लिए ईडी ने बुलाया था. पढ़ें पूरी खबर... (Karti Chidambaram, money laundering case, Chinese Visa money laundering case)

Karti Chidambaram
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 2, 2024, 3:07 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम 2011 में कुछ चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से जुड़े धन शोधन मामले में नए दौर की पूछताछ के लिए मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से 52 वर्षीय सांसद से इस मामले में पिछले साल 23 दिसंबर को पूछताछ की गई थी और केंद्रीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया था.

'चुनाव नजदीक आते देख होती रहती है ऐसी कार्रवाई'
अधिकारियों ने कहा कि वह मध्य दिल्ली में ईडी मुख्यालय में मामले के जांच अधिकारी के सामने फिर से पेश हुए. उन्होंने जांच एजेंसी के दफ्तर जाने से पहले संवाददाताओं से कहा कि यह एक सामान्य बात है. ये ऐसी चीजें हैं जो नियमित रूप से होती हैं, खासकर जब चुनाव नजदीक आते हैं. ये सभी व्यर्थ की कवायदें हैं. हम इन से निपटेंगे. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दर्ज धन शोधन का मामला सीबीआई की एक प्राथमिकी से उपजा है.

50 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की प्राथमिकी के मुताबिक, यह जांच वेदांत समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष कार्यकारी द्वारा कार्ति और उनके करीबी सहयोगी एस. भास्कररमन को रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये का भुगतान करने के आरोपों से संबंधित है. टीएसपीएल पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी. सीबीआई के अनुसार, बिजली परियोजना स्थापित करने का काम एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था और तय समय से पीछे चल रहा था.

इससे पहले भी हो चुकी है पूछताछ
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, टीएसपीएल के एक कार्यकारी ने 263 चीनी श्रमिकों के लिए परियोजना वीजा फिर से जारी करने की मांग की थी जिसके लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपये का आदान-प्रदान किया गया था. सीबीआई ने पिछले साल चिदंबरम परिवार के परिसरों पर छापा मारा था और भास्कररमन को गिरफ्तार किया था, जबकि कार्ति से पूछताछ की गई थी.

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नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम 2011 में कुछ चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से जुड़े धन शोधन मामले में नए दौर की पूछताछ के लिए मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से 52 वर्षीय सांसद से इस मामले में पिछले साल 23 दिसंबर को पूछताछ की गई थी और केंद्रीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया था.

'चुनाव नजदीक आते देख होती रहती है ऐसी कार्रवाई'
अधिकारियों ने कहा कि वह मध्य दिल्ली में ईडी मुख्यालय में मामले के जांच अधिकारी के सामने फिर से पेश हुए. उन्होंने जांच एजेंसी के दफ्तर जाने से पहले संवाददाताओं से कहा कि यह एक सामान्य बात है. ये ऐसी चीजें हैं जो नियमित रूप से होती हैं, खासकर जब चुनाव नजदीक आते हैं. ये सभी व्यर्थ की कवायदें हैं. हम इन से निपटेंगे. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दर्ज धन शोधन का मामला सीबीआई की एक प्राथमिकी से उपजा है.

50 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की प्राथमिकी के मुताबिक, यह जांच वेदांत समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष कार्यकारी द्वारा कार्ति और उनके करीबी सहयोगी एस. भास्कररमन को रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये का भुगतान करने के आरोपों से संबंधित है. टीएसपीएल पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी. सीबीआई के अनुसार, बिजली परियोजना स्थापित करने का काम एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था और तय समय से पीछे चल रहा था.

इससे पहले भी हो चुकी है पूछताछ
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, टीएसपीएल के एक कार्यकारी ने 263 चीनी श्रमिकों के लिए परियोजना वीजा फिर से जारी करने की मांग की थी जिसके लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपये का आदान-प्रदान किया गया था. सीबीआई ने पिछले साल चिदंबरम परिवार के परिसरों पर छापा मारा था और भास्कररमन को गिरफ्तार किया था, जबकि कार्ति से पूछताछ की गई थी.

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