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पिता ने राम मंदिर के लिए दी थी जान, बेटी को मिला प्राण प्रतिष्ठा में आने का न्योता, बोलीं- 'मां जिंदा होती तो खुशी दोगुनी होती' - etv bharat bihar

Muzaffarpur Karsevak Sanjay Kumar Singh: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा. इसमें शामिल होने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बिहार के कारसेवक संजय कुमार सिंह की बेटी को भी न्योता मिला है. निमंत्रण मिलने पर स्मृति ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि "अगर आज मेरी मां जिंदा होती तो खुशी दोगुनी होती. मेरे पापा राम मंदिर का सपना लेकर पावन भूमि अयोध्या गए थे. लेकिन उन्हें गोली मार दी गई."

कारसेवक की बेटी को राम मंदिर आने का मिला निमंत्रण
कारसेवक की बेटी को राम मंदिर आने का मिला निमंत्रण
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 27, 2023, 1:25 PM IST

राम मंदिर के लिए मुजफ्फरपुर के कारसेवक ने दी थी जान

मुजफ्फरपुर: बिहार की बेटी जिसने डेढ़ साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया, 33 साल बाद अपने पापा के सपने को साकार होता देख बेहद खुश है. दरअसल, उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा होने जा रहा है. इससे कारसेवक का परिवार खुश है. 15 से 22 जनवरी तक उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कई अनुष्ठान संपन्न होंगे. लेकिन 22 जनवरी 2024 को मुख्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा.

कारसेवक संजय कुमार सिंह की तस्वीर
कारसेवक संजय कुमार सिंह की तस्वीर

कारसेवक की बेटी को राम मंदिर आने का मिला निमंत्रण: राम मंदिर निर्माण आंदोलन में प्राणों की आहुति देने वाले बलिदानी कांटी के संजय कुमार सिंह की बेटी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण आया है. मुजफ्फरपुर के कांटी साईन निवासी बलिदानी कारसेवक संजय कुमार सिंह की बेटी स्मृति चौधरी को अयोध्या तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निमंत्रण भेजा है. इस पर स्मृति ने खुशी जाहिर की.

कारसेवक संजय कुमार सिंह की बेटी स्मृति चौधरी
कारसेवक संजय कुमार सिंह की बेटी स्मृति चौधरी

"इस पावन अवसर पर अगर मां जिंदा होतीं तो खुशी दोगुनी होती. मेरे पापा राम मंदिर मंदिर का सपना लेकर पावन भूमि अयोध्या गए थे. मुझे भी प्राण प्रतिष्ठा में जाने का आमंत्रण मिला है."- स्मृति चौधरी,कारसेवक संजय कुमार सिंह की बेटी

'20 जनवरी को रवाना होगी स्मृति ': स्मृति चौधरी बताती हैं कि पिता के जाने के बाद मां की भी मौत हो गई. दो बहन हैं. छोटी बहन कृति को भी अगर बुलावा आता तो वह भी सपरिवार शामिल होती. इसके लिए भी वह आमंत्रण देने आए बंधुओं से बोली हैं. फिलहाल वह राजस्थान के बांसवाड़ा में रहती हैं. सड़क मार्ग से अयोध्या जाने की तैयारी कर रही हैं. 20 जनवरी को यहां से निकलेंगी.

ईटीवी भारत GFX
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दो नवंबर 1990 को हुई थी घटना: कारसेवा के गवाह रहे भाजपा नेता डॉ अरविंद बताते हैं कि पहली कारसेवा 30 अक्टूबर 1990 और दूसरी दो नवंबर 1990 को हुई थी. दूसरी कारसेवा के समय पांच हजार कारसेवकों का जत्था मंदिर की ओर बढ़ रहा था. हनुमान गढ़ी के पास पुलिस ने पीछे से गोली चला दी. उस घटना में पांच लोग शहीद हो गए थे, जिनमें बिहार के संजय कुमार भी शामिल थे.

"कारसेवा के क्रम में तत्कालीन सरकार के आदेश पर गोली चली और वे चल बसे. इसके बाद उनके परिवार को बहुत परेशानी हुई, लेकिन अब वहां रामलला विराजमान हो रहे हैं, इससे खुशी है."- अरविंद सिंह, कारसेवक संजय सिंह के मित्र व भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष

गांव में बन रही प्रतिमा: भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ने बताया कि संजय के नाम पर शहीद कारसेवक संजय स्मृति ट्रस्ट बनाया गया है. इस ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं. अब अयोध्या में भव्य रामद मंदिर बन रहा है. गांव में संजय की प्रतिमा बनाई जा रही है. पार्क निर्माण का काम चल रहा है.

गांव में बन रही कारसेवक संजय की प्रतिमा
गांव में बन रही कारसेवक संजय की प्रतिमा

प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रतिमा का लोकार्पण: राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद इसका भी लोकार्पण होगा. प्रतिमा निर्माण कांटी के पूर्व प्रमुख मुकेश पांडेय ने नमन स्थल बनाने के लिए जमीन दान की है. इतना ही नहीं बलिदानी के बारे में युवाओं को जानकारी देने की व्यवस्था की जा रही है. जिससे उनके त्याग के बारे में नई पीढ़ी को पता हो. वे उनसे प्रेरणा लेकर देश के लिए काम करने के लिए खुद को तैयार कर सकें.

2005 में की शादी: स्मृति की शादी साल 2005 में हुई. उनके पति का मेडिकल स्टोर है. वे सपरिवार राजस्थान में ही रहती हैं. दो बच्चे हैं. एक बेटा और एक बेटी. शादी के बाद से वे लोग फिर बिहार नहीं लौटे. संजय सिंह की दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है.

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राम मंदिर के लिए मुजफ्फरपुर के कारसेवक ने दी थी जान

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कारसेवक संजय कुमार सिंह की तस्वीर
कारसेवक संजय कुमार सिंह की तस्वीर

कारसेवक की बेटी को राम मंदिर आने का मिला निमंत्रण: राम मंदिर निर्माण आंदोलन में प्राणों की आहुति देने वाले बलिदानी कांटी के संजय कुमार सिंह की बेटी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण आया है. मुजफ्फरपुर के कांटी साईन निवासी बलिदानी कारसेवक संजय कुमार सिंह की बेटी स्मृति चौधरी को अयोध्या तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निमंत्रण भेजा है. इस पर स्मृति ने खुशी जाहिर की.

कारसेवक संजय कुमार सिंह की बेटी स्मृति चौधरी
कारसेवक संजय कुमार सिंह की बेटी स्मृति चौधरी

"इस पावन अवसर पर अगर मां जिंदा होतीं तो खुशी दोगुनी होती. मेरे पापा राम मंदिर मंदिर का सपना लेकर पावन भूमि अयोध्या गए थे. मुझे भी प्राण प्रतिष्ठा में जाने का आमंत्रण मिला है."- स्मृति चौधरी,कारसेवक संजय कुमार सिंह की बेटी

'20 जनवरी को रवाना होगी स्मृति ': स्मृति चौधरी बताती हैं कि पिता के जाने के बाद मां की भी मौत हो गई. दो बहन हैं. छोटी बहन कृति को भी अगर बुलावा आता तो वह भी सपरिवार शामिल होती. इसके लिए भी वह आमंत्रण देने आए बंधुओं से बोली हैं. फिलहाल वह राजस्थान के बांसवाड़ा में रहती हैं. सड़क मार्ग से अयोध्या जाने की तैयारी कर रही हैं. 20 जनवरी को यहां से निकलेंगी.

ईटीवी भारत GFX
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दो नवंबर 1990 को हुई थी घटना: कारसेवा के गवाह रहे भाजपा नेता डॉ अरविंद बताते हैं कि पहली कारसेवा 30 अक्टूबर 1990 और दूसरी दो नवंबर 1990 को हुई थी. दूसरी कारसेवा के समय पांच हजार कारसेवकों का जत्था मंदिर की ओर बढ़ रहा था. हनुमान गढ़ी के पास पुलिस ने पीछे से गोली चला दी. उस घटना में पांच लोग शहीद हो गए थे, जिनमें बिहार के संजय कुमार भी शामिल थे.

"कारसेवा के क्रम में तत्कालीन सरकार के आदेश पर गोली चली और वे चल बसे. इसके बाद उनके परिवार को बहुत परेशानी हुई, लेकिन अब वहां रामलला विराजमान हो रहे हैं, इससे खुशी है."- अरविंद सिंह, कारसेवक संजय सिंह के मित्र व भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष

गांव में बन रही प्रतिमा: भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ने बताया कि संजय के नाम पर शहीद कारसेवक संजय स्मृति ट्रस्ट बनाया गया है. इस ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं. अब अयोध्या में भव्य रामद मंदिर बन रहा है. गांव में संजय की प्रतिमा बनाई जा रही है. पार्क निर्माण का काम चल रहा है.

गांव में बन रही कारसेवक संजय की प्रतिमा
गांव में बन रही कारसेवक संजय की प्रतिमा

प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रतिमा का लोकार्पण: राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद इसका भी लोकार्पण होगा. प्रतिमा निर्माण कांटी के पूर्व प्रमुख मुकेश पांडेय ने नमन स्थल बनाने के लिए जमीन दान की है. इतना ही नहीं बलिदानी के बारे में युवाओं को जानकारी देने की व्यवस्था की जा रही है. जिससे उनके त्याग के बारे में नई पीढ़ी को पता हो. वे उनसे प्रेरणा लेकर देश के लिए काम करने के लिए खुद को तैयार कर सकें.

2005 में की शादी: स्मृति की शादी साल 2005 में हुई. उनके पति का मेडिकल स्टोर है. वे सपरिवार राजस्थान में ही रहती हैं. दो बच्चे हैं. एक बेटा और एक बेटी. शादी के बाद से वे लोग फिर बिहार नहीं लौटे. संजय सिंह की दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है.

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